Dehradun News : निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने किया राजनीतिक दल का गठन, 'उत्तराखंड जनता पार्टी' रखा नाम
Dehradun News : निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने किया राजनीतिक दल का गठन, 'उत्तराखंड जनता पार्टी' रखा नाम
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Dehradun News : उत्तराखंड की राजनीति में आज एक नए क्षेत्रीय दल का उदय हुआ है। चर्चित पत्रकार व खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार (Khanpur MLA Umesh Kumar Sharma) ने इस नई पार्टी का गठन किया है। पत्रकार से नेता बने उमेश कुमार ने अपनी पार्टी का नाम उत्तराखंड जनता पार्टी (Uttarakhand Janata Party) रखा है। शनिवार को देहरादून में लार्ड वेंकटेश वेडिंग पॉइंट में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेताओं के साथ उमेश कुमार ने नई पार्टी का ऐलान किया। नाम से उनकी पार्टी को बीजेपी का उत्तराखंड (Uttarakhand) वर्जन माना जा रहा है।
इस दौरान उमेश कुमार ने कहा कि वे प्रदेश में नई राजनीति का उदय करने आए हैं। उनके अनुसार उनकी पार्टी में वह तमाम लोग शामिल हो सकते हैं जो राजनीति में कुछ नया करना चाहते हैं। पार्टी में कौन कौन शामिल होगा इसको लेकर अभी कोई बात सामने नहीं आई है। लेकिन चुनाव जीतते ही उमेश कुमार ने नई पार्टी का आगाज कर अपनी मंशा जता दी है कि वे राजनीति में पार्ट टाइम नहीं बल्कि परमानेंट तौर पर आए हैं।
खानपुर से चर्चित विधायक प्रणव कुमार चैंपियन की पत्नी को विधानसभा चुनाव में हराकर निर्दलीय विधायक बने उमेश कुमार ने बीते दिन ही जनता के नाम खुला पत्र जारी कर इस राजनैतिक दल के गठन का ऐलान किया था। जिसमें उन्होंने राज्य के हितों की पूर्ति के लिए एक सशक्त राजनैतिक दल बनाने की बात की थी।
कौन है उमेश कुमार ?
पूर्व में मीडिया से जुड़े रहे उमेश कुमार राज्य की राजनीति में एक सनसनी के तौर पर उस समय चर्चा में आए जब उन्होंने 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन कर कांग्रेस सरकार को गिरवाकर राजनीति में भूचाल ला दिया था। हालांकि बाद में हरीश रावत की सरकार न्यायिक प्रक्रिया के कई चरणों से गुजरते हुए बच गई थी। लेकिन उमेश कुमार का नाम बच्चे बच्चे की जुबान पर आ गया था। बाद में उमेश भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार के निशाने पर भी रहे। त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगाए गए आरोपों के कारण उनके खिलाफ उत्तराखंड से लेकर झारखंड तक कई मुकदमें भी दर्ज हुए। कोविड काल में भी वह व्यापक पैमाने पर पीड़ितों को मदद पहुंचाकर लोगों के तारणहार के रूप में सामने आए थे।
इसी दौरान खानपुर के दबंग विधायक कुंवर प्रणव कुमार चैंपियन की एक उत्तराखंड विरोधी टिप्पणी के कारण उमेश व कुंवर के बीच तीखी बहस के बाद कुछ ऐसी जंग छिड़ी कि उमेश ने खानपुर विधानसभा क्षेत्र में ही जाकर चैंपियन को राजनैतिक अखाड़े में उतरने की चुनौती दे डाली। लेकिन उस समय उमेश की इस चुनौती को राजनैतिक सहित सभी तबकों में एक मजाक से ज्यादा कुछ नहीं समझा गया। हर किसी का मानना था कि कहां पत्रकारिता से जुड़ा एक आदमी उमेश और कहां एक रियासत के विधायक प्रणव कुमार।
हालांकि कुंवर प्रणव कुमार चैंपियन की बदजुबानी के चलते भाजपा ने खानपुर विधानसभा से प्रणव को टिकट न देकर उनकी पत्नी देवयानी को चुनावी समर में उतारा था। लेकिन उमेश कुमार ने ताल ठोंकते हुए निर्दलीय पर्चा भरकर चुनाव लड़ना शुरू कर दिया। चुनावी मतगणना के दिन आए चुनाव परिणाम तक जिसकी दूर=दूर तक संभावना नहीं थी, वह परिणाम सामने आया। निर्दलीय उमेश कुमार न केवल कुंवर प्रणव कुमार चैंपियन की मांद में घुसकर चुनाव जीतकर विधायक बन चुके थे, बल्कि उनकी पत्नी मुख्य मुकाबले तक से बाहर रही थी। चुनाव में देवयानी तीसरे नम्बर पर आई थीं।