पीएम मोदी नहीं दे पाये नौकरी, कपिल मिश्रा ने निकाली निजी सेना की भर्ती
दिल्ली। कपिल मिश्रा भारतीय जनता पार्टी के सबसे सफल पैदल चलने वाले सिपाहियों में से एक हैं और शायद सबसे ज्यादा संरक्षित भी। कपिल मिश्रा सोशल मीडिया के जरिए भीड़ को इकट्ठा करने के लिए तो जाने ही जाते हैं, साथ ही सड़कों पर भी कार्रवाई करने के जाने जाते हैं। वह दक्षिणपंथी राजनेताओं में शायद सबसे ज्यादा संरक्षित हैं, जबकि वह भारतीय जनता पार्टी में किसी आधिकारिक पद पर भी नहीं हैं। कम्युनल हेट स्पीच से कनेक्शन के मामले में उनका नाम कई बार सामने आया है जिसकी वजह से वह फरवरी 2020 की उत्तर पर्वी दिल्ली में मुस्लिम विरोधी तबाही का नेतृत्व कर पाए।
कई समाचार रिपोर्टों के मुताबिक कपिल मिश्रा ने सीएए समर्थक रैली में 'गद्दारों को गोली मारो' के नारे लगाए थे। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने अपनी आधिकारिक फैक्ट फाइडिंग रिपोर्ट में रिकॉर्ड पर डाला था कि भाजपा के शीर्ष नेताओं की अभद्र भाषा ने फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों को हवा दी थी।
जैसा कि दिल्ली के शाहीनबाग में सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों की पहली वर्षगांठ आने वाली हैं, वहीं कपिल मिश्रा अब एक निजी हिंदुत्व सेना की भर्ती कराने में व्यस्त हैं जिसे वे हिंदू इको सिस्टम' कहते हैं। उन्होंने ट्विटर और फेसबुक सहित अपने सोशल मीडिया पेजों पर घोषणा की है कि वह एक 'टीम - हिंदू इकोसिस्टम' की भर्ती कर रहे हैं। उनका मैसेज सोशल मीडिया हैंडल से हजारों लोगों तक पहुंच रहा है और लोग उस गूगल डॉक फॉर्म को भी भरना शुरु कर चुके हैं जहां वह पहुंच रहा है। अपने फॉलोअर्स से उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण प्रश्नों में से पर्सनल डिटेल के अलावा उनकी 'विशेष रूचि' (जैसे लव जिहाद, घर वापसी, गौरक्षा आदि) भी पूछी है। बता दें कि इन शब्दों का इस्तेमाल दक्षिणपंथी संगठनों के द्वारा खासतौर दलितों, मुस्लिमों, महिलाओं आदि के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।