Janjwar Impact (जनज्वार) : कानपुर के मनीष गुप्ता हत्याकांड (Manish Gupta Murder Case) को लेकर घमासान जारी है। गोरखपुर में पुलिस उत्पीड़न का शिकार हुए मनीष गुप्ता की मौत के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा तमाम जद्दोजहद के बाद परिवार को दी गई आर्थिक मदद को स्थानीय नेताओं ने होर्डिंग लगाकर प्रचार का साधन बनाने की कोशिश की थी।
आपको बता दें कि, मंगलवार रात को कानपुर साउथ के शास्त्री चौक पर लगी इस होर्डिंग से संबंधित खबर सबसे पहले जनज्वार ने बुधवार सुबह साढ़े 7 बजे प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशित होते ही मामला इतना तूल पकड़ा की हर कहीं बस यह होर्डिंग ही नजर आ रही थी। विपक्ष ने भी होर्डिंग को लेकर सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश की। हालांकि बुधवार रात होर्डिंग को हटा लिया गया है।
इस मामले में स्थानीय गोविंदनगर विधायक सुरेंद्र मैथानी ने जनज्वार से बात करते हुए कहा था कि, उन्हे होर्डिंग लगने के बाद आप लोगों से जानकारी मिली थी। यह वैश्य समाज के लोगों ने मुआवजे का आभार प्रकट करने के लिए लगा दी थी। हमने इसे गलत मानते हुए हटाने की बात कह दी है।
वहीं मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी ने कहा है कि, मेरे निर्दोष पति की हत्या कर दी गई। हम इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं और हरसंभव तरीके से आवाज उठा रहे हैं। तमाम मीडियावालों सहित क्षेत्रीय लोगों ने हमारा साथ दिया है। लेकिन जिस तरह से होर्डिंग लगाकर हत्या पर सियासत की जा रही है वह नहीं होनी चाहिए।
बताते चलें कि इस होर्डिंग में मृतक मनीष गुप्ता के परिवार को 40 लाख रूपये की मदद सहित पत्नी मिनाक्षी गुप्ता को नगर निगम में ओएसडी के पद पर दी जाने वाली नौकरी का भी जिक्र किया गया था। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी की हंसते हुए फोटो के साथ विधायक सुरेंद्र मैथानी और कुछ स्थानीय नेताओं की फोटो चस्पा थी।
इस होर्डिंग के लगने के बाद तमाम स्थानीय नेताओं से लगाकर पत्रकारों व राजनीतिक दलों ने जमकर निंदा की थी। लोगों का कहना था की अभी मनीष गुप्ता की तेरहवीं तक नहीं हुई है और भाजपा ने प्रचार का माध्यम बना लिया। यहां तक की मनीष गुप्ता की पत्नी को दी गई नौकरी का ऑफर लेटर तक नहीं मिला है।