राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सेव जोशीमठ के पोस्टरों के साथ हुआ प्रदर्शन, उत्तराखंड भाजपा सरकार की खोली पोल पट्टी
mm। भारतीय जनता पार्टी के वरदहस्त के कारण बिजली परियोजना में हो रहे अंधाधुंध भारी भरकम निर्माण कार्यों को वजह से दम तोड़ता हिंदुत्व का प्रतीक जोशीमठ शहर मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा के केंद्र में रहा। जम्मू कश्मीर पहुंची कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा में आज मंगलवार 24 जनवरी को राहुल गांधी सहित यात्रा में शामिल कांग्रेस नेताओं ने जोशीमठ बचाओ के पोस्टर हाथों में पकड़े। साथ ही विकास के नाम पर हो रहे विनाश की कड़ी आलोचना की। इस दौरान रामनगर से गए लोग भी इसके गवाह बने।
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने देहरादून में इस यात्रा के मंगलवार के फीडबैक की जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू कश्मीर के उधमपुर में भारत जोड़ो यात्रा में आज उत्तराखंड के कांग्रेस नेता भी यात्रियों के दल में शामिल हुए। आज की इस यात्रा को जोशीमठ के नाम पर यात्रा समर्पित किया गया। इसमें मुख्य रूप से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह, राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन, लोकसभा प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी, पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी, पूर्व काबीना मंत्री हरक सिंह रावत, द्वाराहाट से विधायक मदन बिष्ट, वैभव वालिया, राजपाल बिष्ट, रामनगर से आनन्द सिंह नेगी, अतुल अग्रवाल खुलासा आदि शामिल रहे।
इस दौरान राहुल गांधी ने सरकार के उस कदम की निंदा की जिसमें दबाव डालकर इसरो की रिपोर्ट वेबसाइट से हटाया गया। राहुल गांधी ने कहा कि इस तरह के प्रतिष्ठित संस्थानों की रिपोर्ट सभी भ्रामक खबरों को विराम देने वाली और विश्वसनीय मानी जाती रही हैं। राहुल ने हिमालयी राज्यों में तेजी से हो रहे निर्माण कार्यों के प्रति उन्होंने चिंता व्यक्त की। इस दौरान प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष करण महरा ने यात्रा के उपरांत राहुल गांधी से उत्तराखंड आकर जोशीमठ आपदा के प्रभावितों से मुलाकात करने का निवेदन भी किया।
दसौनी ने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर में चल रही भारत जोड़ो यात्रा का पूरा एक दिन जोशीमठ आपदा और आपदा प्रभावितों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करने के लिए समर्पित कर दी। इसमें "जोशीमठ बचाओ" और "विकास के नाम पर विनाश" के पोस्टर हाथों में लेकर राहुल गांधी समेत सभी नेताओं ने जोशीमठ को बचाए जाने का संदेश भी दिया। ऐसा करने के पीछे कांग्रेस का मुख्य मकसद देश की मीडिया, कॉर्पोरेट जगत, केंद्र तथा राज्य सरकारों का ध्यान जोशीमठ के हालात के प्रति आकर्षित करने का था। ताकि ज़्यादा से ज़्यादा सहायता और राहत मिल सके।
दसोनी ने कहा की प्रदेश की जनता 2013 की केदारनाथ दैवीय आपदा को भूला नहीं है। जब तत्कालीन मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने असुरक्षित उत्तराखंड का संदेश देश-विदेश में प्रचारित प्रसारित किया था। साथ ही उत्तराखंड को तथा चार धाम यात्रा को बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। दसौनी ने कहा की कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी की तरह निकृष्ट और छोटी मानसिकता की राजनीति नहीं करती। उन्होंने भाजपा को याद दिलाते हुए कहा की 2013 की आपदा जिसने उत्तराखंड को गहरे जख्म दिए थे, उस वक्त भी भाजपा राजनीतिक रोटियां सेकने से बाज नहीं आई थी।
भाजपा के शीर्ष नेता सिर पर कफन बांधकर उत्तराखंड आने की बात कहा करते थे। दसोनी ने भाजपा को याद दिलाते हुए कहा कि उस वक्त भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष तो पत्रकारों के एक डेलीगेशन को कैमरा के साथ अपने साथ ले गए और नर कंकाल तक निकाल निकाल कर दिखाए गए। लाशों पर राजनीति करने की शौकीन भाजपा यही नही रुकी और उसके कुछ नेताओं ने तो यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया कि अगले 10 साल तक चार धाम यात्रा सुचारु रूप से नहीं चल पाएगी, लेकिन आज मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में कांग्रेस है जो जोशीमठ आपदा प्रभावितों को पर्याप्त राहत मिल सके इसके लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।