Rajya Sabha की एक सीट के लिए उत्तराखंड भाजपा में माथापच्ची शुरू, दो पूर्व सीएम और एक पूर्व विधायक रेस में
Rajya Sabha की एक सीट के लिए उत्तराखंड भाजपा में माथापच्ची शुरू, दो पूर्व सीएम और एक पूर्व विधायक रेस में
Rajya Sabha : उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों 'कौन जायेगा अबकी बार राज्यसभा ?' का सवाल सबके सामने बना हुआ है। तमाम राजनीतिक विश्लेष्क इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं लेकिन अपने हर निर्णय से चौंकाने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) हर बार की तरह इस बार भी इस सवाल पर लोगों को माथापच्ची करने पर मजबूर कर रही है। रिक्त होने जा रही राज्यसभा की इस एक सीट के चुनाव के लिए तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी छह दावेदारों का पैनल तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को भेज रही है। केंद्रीय नेतृत्व के पास ही इस लाख टके के सवाल का जवाब जहां छिपा है।
विधानसभा में संख्या बल के आधार पर भाजपा की जीत सुनिश्चित है। उत्तराखंड में लोकसभा की पांच और राज्यसभा की तीन सीटें हैं। वर्तमान में राज्यसभा (Rajya Sabha) की दो सीटें भाजपा और एक कांग्रेस के पास है। भाजपा से राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी (Anil Baluni) व नरेश बंसल और कांग्रेस से प्रदीप टम्टा (Pradeep Tamta) राज्यसभा में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इनमें से प्रदीप टम्टा का कार्यकाल अगले कुछ समय बाद समाप्त होने जा रहा है।
70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) में फिलहाल एक सीट रिक्त है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए हाल ही में भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी ने विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। इस स्थिति में वर्तमान में 69 में से भाजपा के 46 विधायक हैं। संख्या बल के आधार पर देखा जाए तो रिक्त होने जा रही राज्यसभा सीट के चुनाव में भाजपा की जीत तय है। भाजपा राज्यसभा सीट के प्रत्याशी का नाम तय करने के लिए बैठकों की शुरुआत कर चुकी है।
इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक (Madan Kaushik) ने कहा कि प्रदेश में राज्यसभा की जो एक सीट रिक्त हो रही है, उसके संबंध में केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के देहरादून प्रवास के दौरान भी राज्यसभा की एक सीट के चुनाव पर बात हुई।
कौशिक के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व ने अपेक्षा की है कि प्रत्याशियों का एक पैनल बनाकर केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेजा जाए। पैनल तय करने के लिए पार्टी की दो बैठकें हो चुकी है। जल्द एक और बैठक के बाद पैनल को केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया जाएगा। इस पैनल में छह नाम भेजे जाएंगे। जल्द ही इन नामों को तय कर लिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा पैनल में तीन पुरुष व तीन महिला दावेदारों के नाम शामिल करने जा रही है। कांग्रेस से आए एक पूर्व मुख्यमंत्री के नाम पर भी गम्भीरता से चर्चा चल रही है। लंबे समय से उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा को देखते हुए पार्टी उन्हें भी यह कुर्सी उपहार में दे सकती है। इसी के आधार पर पार्टी सूत्रों का कहना है कि पैनल में चौंकाने वाले नाम भी शामिल हो सकते हैं।
पार्टी सूत्रों का दावा है कि सबसे ज्यादा जिन नामों की चर्चा हुई है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैलाश गहतोड़ी का नाम है। इनमें सबसे ज्यादा उम्मीदें विजय बहुगुणा की मानी जा रही है। विजय बहुगुणा प्रदेश की सक्रिय राजनीति से दूर हैं लेकिन प्रदेश की राजनीति में हर बार निर्णायक भूमिका निभाते हैं। उससे विजय बहुगुणा के राज्यसभा भेजे जाने की सबसे ज्यादा चर्चा है।
इसके बाद दूसरा नाम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का लिया जा रहा है। वह अभी न विधायक हैं और न ही किसी पद पर। ऐसे में उनको केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात उठती रही है। हालांकि त्रिवेंद्र रावत राज्यसभा जाकर सक्रिय राजनीति से बाहर होने को तैयार होंगे या नहीं ये बड़ा सवाल है।
तीसरा नाम सीएम धामी के लिए सीट छोड़ने वाले कैलाश गहतोड़ी का है। उन्हें सीट छोड़ने का ईनाम दिया जा सकता है। हालांकि गहतोड़ी को प्रदेश में किसी तरह के कैबिनेट स्तर की जिम्मेदारी देने की भी चर्चा है।