UP : लखनऊ के हालात सम्हालने में नाकाम होने के बाद CM योगी खुद भी हुए आइसोलेट
गाजीपुर के छात्रों ने योगी को खून से लिखा पत्र भेजा (file photo)
जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हालात इन दिनों बेहद खराब हो चले हैं। यहां कोविड-19 से मरने वालों की तादाद ट्रेन के जनरल डब्बे की भीड़ की तरह हो चुका है। ऐसे में प्राइवेट अस्पतालों में जांच की पाबंदी लगा दी गई है। सरकारी अस्पतालों से कोविड के आंकड़े कम आने की उम्मीद है क्योंकि जनता जांच के बाद 5 से 6 दिन तो लाइन में ही बीता देगी।
मेरे कार्यालय के कुछ अधिकारी कोरोना से संक्रमित हुए हैं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 13, 2021
यह अधिकारी मेरे संपर्क में रहे हैं, अतः मैंने एहतियातन अपने को आइसोलेट कर लिया है एवं सभी कार्य वर्चुअली प्रारम्भ कर रहा हूं।
इधर योगी आदित्यनाथ ने 13 अप्रैल की शाम ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि 'मेरे कार्यालय के कुछ अधिकारी कोरोना से संक्रमित हुए हैं। यह अधिकारी मेरे संपर्क में रहे हैं, अतः मैंने एहतियातन अपने को आइसोलेट कर लिया है एवं सभी कार्य वर्चुअली प्रारम्भ कर रहा हूं।' योगी आदित्यनाथ का यह ट्वीट तब आया जब आज मंगलवार ही उनके कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने अव्यवस्थाओं से आहत होकर उनके नौकरशाहों को पत्र लिखा है।
इससे पहले लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश के खिलाफ लगभग 700 बीघे जमीन खरीदने के मामले ने भी सूबे की राजनीति में तूल पकड़ा था। सीएम ने त्वरित उनके खिलाफ जांच के आदेश दे दिए। सीएम द्वारा लखनऊ डीएम पर जांच के आदेश को उनके दिए गए उस बयान से भी जोड़कर देखा जा रहा है कि जब उन कहा था कि लखनऊ की सड़कों पर लोग मर रहे हैं। अस्पतालों में समुचित व्यवस्था सुविधा करवाई जाए। डीएम द्वारा अस्पतालों पर की गई टिप्पड़ी के बाद ही बलिया के विधायक वीरेंद्र सिंह ने डीएम लखनऊ के खिलाफ लिखित शिकायत की थी।
तुम क्या बात करते हो?
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) April 13, 2021
तुम्हारे पास 1 हज़ार करोड़ का विज्ञापन देने के पैसे थे, पर वेंटीलेटर ख़रीदने के नहीं?
आज अगर तुमने प्रभावित जिलों में 1000 ICU बेड आपातकाल के लिए सुरक्षित रखे होते तो हम खुद कह देते 'काम दमदार'।
पर तुम विज्ञापनों की हसीन दुनिया में मग्न थे।
शर्म करो।
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह सरकार के नक्कारपने पर ट्वीट करते हैं कि 'तुम क्या बात करते हो? तुम्हारे पास 1 हज़ार करोड़ का विज्ञापन देने के पैसे थे, पर वेंटीलेटर ख़रीदने के नहीं? आज अगर तुमने प्रभावित जिलों में 1000 ICU बेड आपातकाल के लिए सुरक्षित रखे होते तो हम खुद कह देते 'काम दमदार'। पर तुम विज्ञापनों की हसीन दुनिया में मग्न थे। शर्म करो।'
इस सबके अलावा आज योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ब्रजेश सिंह ने भी मुख्य सचिव व विशेष सचिव को पत्र लिखकर सरकार के सिपहसलारों पर सवाल उठाए हैं। वहीं ऐपवा की लखनऊ प्रभारी मीना सिंह भी लखनऊ के हालातों और सरकार की बदइंतजामी से खासी चिंतित दिखीं। मीना सिंह कहती हैं योगी सरकार बड़े बड़े वादे कर रही है लेकिन वह सब महज अखबारी विज्ञापनों तक सीमित हैं। लखनऊ में बुरे हालात हैं। श्मशान घाटों पर जाकर कोविड और सरकार दोनों की उपलब्धि सही मायनों में नजर आती है।