प्रेमी संग रहना चाहती थी दो बच्चों की मां, लेकिन हाईकोर्ट ने लगा दिया 25 हजार का जुर्माना
जनज्वार। मां ने प्रेमी संग रहने के लिए पति और ससुराल वालों से जान का खतरा बताते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर सुरक्षा की मांग की। यह मांग करना उसे इतना भारी पड़ गया कि उच्च न्यायालय ने उस पर 25000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी।
रोहतक निवासी महिला ने याचिका दाखिल करते हुए उच्च न्यायालय को बताया कि उसका विवाह 2008 में हुआ था। विवाह के बाद से वह अपने पति के साथ रह रही थी और इस दौरान उसके दो बच्चे भी हुए। 22 अगस्त को वह अपने एक साथी सुमित के साथ घर से चली गई। घर से जाने के बाद वह अपने साथी के साथ झज्जर में किसी अज्ञान स्थान पर रह रही है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अपने साथी के साथ खुश है और उसके साथ ही रहना चाहती है लेकिन उसे उसके पति व ससुराल वालों से जान का खतरा है। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से अपील की कि उसे उसके साथी के साथ रहने के लिए सुरक्षा मुहैया करवाई जाए ताकि वे बिना किसी भय के अपना जीवन व्यतीत कर सके।
याचिकाकर्ता को यह भय है उसका पति व उसके ससुराल वाले उसे व उसके साथी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में पति व ससुराल वालों से सुरक्षा के लिए याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी।
उच्च न्यायालय ने इस याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 25000 रुपये का जुर्माना लगाया है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में यह अपने प्रकार का एक अलग ही मामला है, जिसमें इस प्रकार की परिस्थितियों उत्पन्न हुई हो।