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Madhu Lynching Case Kerala : 4 साल पहले आदिवासी युवक की हुई थी हत्या, अब मल्ली हत्यारोपियों को हर हाल में दिलाना चाहती है सजा

Janjwar Desk
25 Sept 2022 4:58 PM IST
Madhu Lynching Case Kerala : 4 साल पहले आदिवासी युवक की हुई थी हत्या, अब मल्ली हत्यारोपियों को हर हाल में दिलाना चाहती है सजा
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Madhu Lynching Case Kerala : 4 साल पहले आदिवासी युवक की हुई थी हत्या, अब मल्ली हत्यारोपियों को हर हाल में दिलाना चाहती है सजा

Madhu Lynching Case Kerala : लोक अभियोजक मेनन का कहना है कि मुकदमा समय पर शुरू न होने का लाभ हत्यारोपियों ने उठाया और काफी हद तक गवाहों को प्रभावित किया है।

Madhu Lynching Case Kerala : केरल ( Kerala ) के अट्टापदी में चावल चोरी के आरोप में आदिवासी युवक मधु ( Tribal Youth madhu ) की दबंगों ने 2018 में पीट पीटकर हत्या ( Mob Killed Madhu ) कर दी थी। मॉब लिंचिंग ( Mob Lynching ) के इस जघन्य मामले में अब जाकर अदालती सुनवाई शुरू हुई है। मृतक आदिवासी युवक की 68 वर्षीय मां मल्ली ( Malli ) हर हाल में बेटे के हत्यारों को न्याय दिलाना चाहती है। मल्ली का कहना है कि दबंग जान से मारने की धमकी दे रहे हैं, पर मैं डरने वाली नहीं हूं। चाहे कुछ हो जाएए, हत्यारोपियों को सजा दिलाकर रहूंगी। ताकि मधु को न्याय मिल सके। मल्ली कहती है कि न्याय की राह चाहे कितनी भी लंबी व दुष्कर क्यों न हो, वो दबंगों के हमलों से डरकर पीछे नहीं हटेंगी।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक केरल (Kerala ) के पलक्कड़ ( Palakkad ) जिले के अट्टापदी क्षेत्र स्थित आदिवासी बस्ती पझायूर की 68 वर्षीय मल्ली का कहना है कि उन्होंने पिछले चार वर्षों में अजनबियों का सामना करना सीख लिया है। बेटे के दबंग हत्यारों से वह नहीं डरतीं। हाल ही में वह हाईकोर्ट में एक व्यक्ति द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करने कोच्चि गईं थी।

बता दें कि केरल के समाज की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली ये घटना 22 फरवरीए 2018 की है। मल्ली के मानसिक रूप से बीमार बेटे मधु को भीड़ ने पीट.पीटकर हत्या कर दी थी। हमलावरों ने अट्टापदी के पास मुक्कली में दुकानों से चावल और करी पाउडर चोरी करने का आरोप लगाया है। एक शख्स ने मॉब लिंचिंग की इस घटना का वीडियो बना लिया था। उसी शख्स ने गंभीर रूप से घायल मधु को पुलिस के हवाले कर किया था लेकिन अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। इस मामले की सुनवाई इसी साल शुरू हुई है। पलक्कड़ के मन्नारक्कड़ की एक विशेष अदालत में मामले की सुनवाई जारी है।

इस बीच अभियोजन पक्ष के तीन वकीलों ने मामले से हाथ खींच लिए। 27 अभियोजन पक्ष में से 22 गवाही देने मुकर गए। 20 सितंबर को केरल हाईकोर्ट ने 16 कथित आरोपियों में से 12 की जमानत रद्द करने के विशेष अदालत के आदेश को बरकरार रखा। अदालत ने फैसला सुनाया कि आरोपियों ने कई मौकों पर गवाहों से फोन पर संपर्क कर जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया था। हत्यारोपियों की जमानत याचिका खारिज होना मल्ली के लिए राहत की बात है। मल्ली कहती हैं कि आरोपी प्रभावशाली लोग हैं। ज्यादातर व्यापारी और स्थानीय ट्रांसपोर्ट के कारोबार से जुड़े हैं।

मृतक मधु की बुजुर्ग मां मल्ली ने पिछले महीन ही अब्बास नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ घर में घुसने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज कराया है। स्थानीय अदालत ने अब्बास की अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी है। जमानत के लिए उसने हाईकोर्ट में अपील की है। मल्ली का कहना है कि महीनों पहले दो नकाबपोश लोग रात में उसके घर में घुसे थे। मैं पिछले दरवाजे से घर से बाहर निकल पास के जंगल में छिप गई थी। सामान्यतौर पर मैं घर पर अकेली रहती हूं। हमारे गांव में मोबाइल नेटवर्क बहुत खराब है। अगर कुछ होता है तो मैं स्थानीय पुलिस को फोन करने या किसी को सूचित भी नहीं कर पाउंगी।

अपने बेटे की तस्वीर अपने सीने के पास रखते हुए मल्ली कहती हैं कि हमारे गांव में कोई भी हमारे साथ नहीं है। यहां तक कि हमारे आदिवासी भाई भी साथ नहीं देते। आदिवासी लोगों को इस बात का सता रहा है कि अगर हमने साथ दिया तो दबंग लोग उन पर भी हमला कर सकते हैं। पझयूर के लोगों को मधु की मां मल्ली और उनके परिवार वालों से सहानुभूति जरूर रखते हैं।

चिंदाक्की के एक किराना व्यापारी अब्दुल नाजर का कहना है कि परिवार को स्थानीय आदिवासी समुदाय का समर्थन नहीं मिलता है। लोगों में आम धारणा है कि मल्ली के पास पर्याप्त पैसा है। कई आदिवासी चाहते हैं कि परिवार उस पैसे को उनके साथ साझा करे। दरअसल, मल्ली का परिवार अन्य आदिवासी परिवारों की तुलना में आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक रूप से बेहतर स्थिति में हैं। मल्ली की परिवार के कई सदस्य पुलिस विभाग सहित अन्य विभागों में सरकारी नौकरी करते हैं। आदिवासी लोगों की सोच है कि मधु की हत्या के बाद जो मुआवजा सरकार से मिला है उसका कुछ हिस्सा गवाही देने के बदले लोगों से साझा करें। मधु की हत्या के बदले मल्ली को 18.25 लाख रुपए बतौर मुआवजा मिले हैं। इसके उलट लोगों को लगता है कि उन्हें करो़ड़ों रुपए मिले हैं।

पिछले चार वर्षों से मल्ली अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए केरल में विभिन्न अदालतों के बीच चक्कर लगा रही हैं। राजनेताओं के दरवाजे खटखटा रही हैं। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके बेटे की हत्या की सुनवाई प्रभावी तरीके से हो सके। जून में 2022 में उन्होंने तत्कालीन विशेष अभियोजक सी राजेंद्रन को हटाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। उसके बाद सरकार ने अधिवक्ता राजेश मेनन को नया अभियोजक नियुक्त किया है। दो हफ्ते पहले मल्ली ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से तिरुवनंतपुरम में मुलाकात की थी। साथ ही परिवार को न्याय दिलाने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की थी।

लोक अभियोजक मेनन का कहना है कि मुकदमा समय पर शुरू नहीं हुआ, इसलिए अभियुक्तों को गवाहों को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त समय मिला। पिछले कुछ वर्षों में प्रशासनिक अधिकारी कोरोना प्रबंधन के काम में जुटे रहे। इसका लाभ हत्यारोपियों ने गवाहों को अपने पक्ष में करने के लिए उठाया है।

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