Actress Bhavana : यौन शोषण की शिकार अभिनेत्री की कहानी उन्हीं की जुबानी, 2017 में किया गया था अपहरण

यौन शोषण की शिकार अभिनेत्री की कहानी उन्हीं की जुबानी, 2017 में किया गया था अपहरण
Actress Bhavana :अगर आप हालात से लड़ नहीं पातीं, खुद को दोबारा खड़ा नहीं कर पातीं, हार मान लेती हैं तो आप पीड़ित होती हैं। पर अगर आप तमाम चुनौतियों के बीच अपनी लड़ाई फिर से लड़ने के लिए बार-बार खड़ी हो जाती हैं तो आप पीड़ित नहीं सर्वाइवर हैं।
अब समय आ गया है कि यौन शोषण (Sexual Exploitation का दंश झेल रहीं महिलाएं सामने और पब्लिक डोमेन में अपना दर्द बयां करें। उन्हें आवाज देकर न्याय दिलाने की प्रक्रिया आसान बनायी जानी चाहिए।
ऐसा कहना है मलयालम अभिनेत्री एक्टर भावना (Malyalam Actress Bhavna) का जिनका 2017 में अपहरण (Kidnapping) किया गया और फिर उनके साथ यौन शोषण हुआ। इस हाई प्रोफाइल केस में अभिनेता दिलीप भी आरोपित बनाए गए थे।
वी द वुमेन ग्लोबल टाउनहॉल 2020 नामक एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकार बरखा दत्त (Journalist Barkha Dutt) से बातचीत के दौरान भावना ने बताया कि मेरे साथ हुई घटना का मुझपर गहराई तक मनोवैज्ञानिक असर हुआ। मैं दुख और गुस्से से भर गयी। पर मैंने इंसाफ के लिए आवाज उठाने का फैसला किया। हालांकि, ऐसा नहीं हर दिन नहीं हो पाता कि मैं मानसिक तौर पर मजबूत दिखूं और लड़ने को तैयार रहूं। कई बार ऐसा भी आया जब मैंने सोचा हार मान लूं। आज समय की जरूरत है कि हम उस प्रक्रिया को आसान बनाएं। जिससे गुजरकर कोई पीड़ित न्याय के लिए अपनी आवाज उठा सके।
ज्ञात हो कि फरवरी 2017 में मलयालम अभिनेत्री का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था। उस समय वह थ्रिस्सूर से कोच्ची की यात्रा कर रहीं थीं। बाद में जांच के दौरान मामले में मलयालम सिनेमा के बड़े अभिनेता दिलीप का नाम भी आरोपित के रूप में सामने आया था।
भावना ने बताया कि इस घटना के बाद मेरी जिंदगी पूरी तरह से बदल गयी। मैं हमेशा यह सोचती रहती थी कि मैं इसके लिए किसे दोष दूं, मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ, मुझे ही शिकार क्यों बनाया गया वगैरह, वगैरह।
केस के ट्रायल के बारे में बोलते हुए जो साल 2020 में कोच्चि के एक कोर्ट शुरू हुआ भावना ने कहा— जब मेरे केस का ट्रायल शुरू हुआ मुझे 15 दिनों तक कोर्ट जाना पड़ा। तमाम प्रक्रियाओं और तनाव के बीच से गुजरते हुए 15वें दिन मैं कोर्ट से सर्वाइवर (Survivor) के रूप में बाहर निकली पीड़ित के रूप में नहीं।
ये लड़ाई केवल मेरे लिए नहीं थी, ये हर उस लड़की के सम्मान की लड़ाई थी जिन्होंने मुझ जैसे हालात का सामना किया था।मेरे विचार में अगर आप हालात से लड़ नहीं पातीं, खुद को दुबारा खड़ा नहीं कर पातीं, हार मान लेती हैं तो आप पीड़ित होती हैं। पर अगर आप तमाम चुनौतियों के बीच अपनी लड़ाई फिर से लड़ने के लिए बार—बार खड़ी हो जातीं हैं तो आप पीड़ित नहीं सर्वाइवर हैं। बीते साल अभिनेत्री भावना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अपनी पहचान उजागर करते हुए भी खुद को सर्वाइवर बताया था।
बकौल भावना पीड़ित से सर्वाइवर तक का सफर एक मुश्किल सफर था। भावना बताती हैं— हालांकि उनकी इस लड़ाई में बड़ी संख्या में लोगों ने उनका साथ दिया पर कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने इसका दोष मुझ पर ही मढ़ने में गुरेज नहीं किया। कुछ लोग मुझे ही सलाह देते हुए बोले— मुझे इतनी रात को अकेले सफर नहीं करना चाहिए था। एक प्रोपेगैंडा कैंपेंन चलाकर मामले को फेक बताने की साजिश भी हुई। ये सारी चीजें काफी पीड़ादायक थीं पर, मैंने हार नहीं मानने का फैसला किया।
भावना बताती हैं— इस पूरी यात्रा के दौरान मुझे मेरे परिवारवालों, दोस्तों और सिनेमा के क्षेत्र के कई लोगों का भरपूर साथ मिला। कई लोगों ने मुझे काम ऑफर किए और मुझे इंडस्ट्री में फिर से लौटने का हौसला दिया पर मैंने मना कर दिया। मेरे लिए यह इतना आसान नहीं था कि मैं इंडस्ट्री में दोबारा लौटकर काम करूं जैसे कुछ हुआ ही ना हो। जैसे—जैसे समय बीता मैंने कई दूसरी भाषाओं की फिल्मों में काम किया है। अब मैं मलयालम की भी कुछ स्क्रिप्ट सुन रहीं हूं।











