Begin typing your search above and press return to search.
समाज

Jhansi : पॉलिटेक्निक गैंगरेप को अदालत ने माना जघन्य अपराध, इस आधार पर 8 आरोपियों को सुनाई अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा

Janjwar Desk
4 Oct 2022 9:53 AM IST
Jhansi Court : पॉलिटेक्निक गैंगरेप को अदालत ने माना जघन्य अपराध, सभी आरोपियों को सुनाई अंतिम सांस लेने तक जेल में रहने की सजा
x

Jhansi Court : पॉलिटेक्निक गैंगरेप को अदालत ने माना जघन्य अपराध, सभी आरोपियों को सुनाई अंतिम सांस लेने तक जेल में रहने की सजा

Jhansi News : झांसी पोक्सो अदालत ( Jhansi POCSO Court ) ने पॉलिटेक्निक गैंगरेप ( Jhansi Polytechnic Gang Rape ) केस को जघन्य अपराध माना है। फांसी की सजा न सुनाने का मतलब यह है कि अगर सजा काटने के दौरान आरोपियों के आचरण में सुधार होता है तो उन्हें भविष्य में इसका लाभ मिल सके।

Jhansi News : करीब दो साल पहले उत्तर प्रदेश ( Uttar pradesh ) के झांसी के राजकीय पॉलिटेक्निक गैंगरेप केस को पॉलि​टेक्निक ( Jhansi polytechnic gang rape case ) के 8 छात्रों ने अपने ही हॉस्टल में अंजाम दिया था। इस मामले में ( Jhansi POCSO Court ) अदालत का फैसला 23 माह बाद आ गया है। अदालत ने नाबालिग छात्रा से गैंगरेप के इस मामले को जघन्य अपराध करार देते हुए आरोपियों को किसी भी रूप में सहानुभूति का पात्र मानने से साफ इनकार कर दिया। अदालत ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि अगर पुलिस मौके पर तत्काल नहीं पहुंचती तो यह मामला निर्भया केस की तरह मानवीयता को शर्मसार करने वाला साबित होता।

इन बातों को ध्यान में रखते हुए झांसी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो ) नितेंद्र कुमार सिंह ने अपने फैसले में सभी आरोपियों को अंतिम सांस लेने तक की सजा सुनाई है। गैंगरेप ( Gang rape ) के मामले में यह सामान्य सजा नहीं है। अंतिम सांस लेने तक की सजा ( sentence till last breath ) से साफ है कि अदालत ने अपराध को क्षम्य माना है। इतना ही नहीं, आरोपी युवकों पर अदालत ने 56-56 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने जुर्माने की राशि में से आधी रकम पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने का आदेश दिया है। अर्थदंड न देने पर दोषियों को 6 माह की जेल अतिरिक्त काटनी होगी।

यह भरोसे का भी कत्ल है : पीयुष मिश्रा

दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता पीयुष मिश्रा का कहना है कि सजा की अवधि और अर्थदंड से साफ है कि अभियोजन और पीड़ित पक्ष ने झांसी गैंगरेप के मामले में अकाट्य सबूत पेश ​किए हैं। सबूतों के आधार पर ही अदालत ने इतना सख्त फैसला लिया है। फांसी की सजा के बाद गैंगरेप मामले में यही अधिकतम सजा है। खास बात यह है कि अदालत ने अपने ही पॉ​लिटेक्निक कॉलेज की छात्रा से गैंगरेप को इंसानियत को शर्मसार करने वाला ही नहीं, बल्कि भरोसे को कत्ल करने वाली घटना भी माना है। अदालत ने सभी आठ आरोपियों को फांसी की सजा इसलिए नहीं सुनाई है कि वो अभी युवा है। उनमें सुधार की संभावनाएं हैं। अगर उनके आचरण में सुधार होता है तो उच्च अदालत में अपील कर वो खुद के बेहतर भविष्य के लिए उसका लाभ उठा सकते हैं।

ये है पूरा मामला

बता दें कि यह घटना 11 अक्टूबर 2020 की है। तब पीड़िता 16 साल की थी। वह घर से ट्यूशन पढ़ने जा रही थी। सुबह करीब 10 बजे राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की मैन सड़क पर पॉलिटेक्निक के छात्रों उसे ने रोक लिया। जबरन पीड़िता को पॉलिटेक्निक कॉलेज के बॉयज हॉस्टल में ले गए। वहां पर सभी आरोपियों ने मिलकर पीड़ित छात्रा के साथ निर्दयता के साथ गैंगरेप किया। छात्रों के पैसे छीन लिए। छात्रा को साइबर कैफे पर ले जाकर उसके अकाउंट से पैसे निकलवाने के बाद छीन लिए। दोबारा हॉस्टल में लाकर उससे गैंगरेप किया। मारपीट की और गैंगरेप के वीडियो बनाए। छात्रा का मुं​ह बंद रखने के लिए वीडियो को वायरल करने की धमकी दी। उसके दोस्त को भी बांधकर उसके सामने पीटा।

झांसी गैंगरेप के आरोपी

झांसी पॉलिटैक्निक गैंगरेप को 8 आरोपियों ने अंजाम दिया था। इसमें रोहित, विपिन, संजय, भरत, मोनू, शैलेंद्र, मयंक और धर्मेंद्र शामिल थे। घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए थे।

एएसआई की समझदारी ने आरोपियों को पहुंचाया जेल

जिस समय 8 युवक लड़की के साथ जोर जबरदस्ती कर गैंगरेप की घटना को अंजाम दे रहे थे उस समय वो चिल्ला रही थी। ठीक उसी समय यानि सुबह 11 बजे एसआई विक्रांत सिंहअपनी बाइक से पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास से होकर गुजर रहे थे। उन्हें चीखने की आवाज सुनाई दी। बाइक रोकी तो कुछ युवक दोस्त को बेल्ट से पीट रहे थे। एएसआई की आवाज सुनते ही आरोपी दोस्त को छोड़कर भाग गए। दोस्त घबराया था और उसे चोट भी लगी थी। दोस्त ने एसआई को बताया कि एक लड़की हॉस्टल के अंदर हैं। दोस्त के आवाज लगाने पर लड़की हॉस्टल के चैनल तक आई। चैनल पर ताला लगा था। फिर पीड़िता छत पर जाकर छज्जे पर आई। दोनों के सपोर्ट से लड़की छज्जे से नीचे कूदी। एसआई ने पुलिस कंट्रोम रूम में सूचना दी।

ऐसे हुई दरिंदों की पहचान

Jhansi News : मौके से फरार और पॉलिटेक्निक कॉलेज में ही पढ़ने वाले 8 आरोपियों की पहचान प्रवेश पत्र के जरिए हुई। पीड़िता का दोस्त आरोपियों में से केवल भरत को पहचानता था। पीड़िता ने भरत व 15 अज्ञात पर केस दर्ज कराया था। शाम को पुलिस दोस्त को लेकर कॉलेज पहुंची। वहां दोस्त को प्रवेश फार्म दिखाए। फार्म में लगी फोटो से दोस्त ने 8 आरोपियों की पहचान की। बाद में पीड़िता ने भी पहचान की। इसके बाद सभी 8 आरोपी छात्रों को कॉलेज से निष्काषित किया गया था।

Next Story

विविध