तांडव फिल्म विवाद में कूदी करणी सेना, कहा जीभ काट के लाओ और एक करोड़ पुरस्कार में ले जाओ
जनज्वार। हमारे देश भारत में जाहिलियत और कट्टरता भी अक्सर पुरक्कृत होने लगती है और सरकार और देश की दूसरी एजेंसियां मुंह बाए खड़े रहती हैं। तांडव फिल्म को लेकर जो भारत भर में विवाद उभरा हुआ है, उसमें करणी सेना कूद पड़ी है।
महाराष्ट्र करणी सेना ने ऐलान किया है कि जिसने भी हिंदूओं के देवी-देवताओं का अपमान किया है उसकी जीभ काटने वाले को एक करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा।
महाराष्ट्र करणी सेना के चीफ अजय सेंगर ने तांडव सीरीज पर आपत्ति जताते हुए सरेआम घोषणा की है, जिसने भी सीरीज में हिंदू-देवताओं का अपमान किया है जो उसकी जीभ काट सकता है उसे हम एक करोड़ रुपए इनाम में देंगे।
अली अब्बास जफर की तांडव सीरीज के खिलाफ लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। सेंगर ने धमकी देते हुए कहा है, भले ही तांडव सीरीज के निर्माताओं ने सभी से माफी मांगी ली है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
यही नहीं करणी सेना की महिला विंग ने भी तांडव के खिलाफ एक अनूठा प्रोटेस्ट किया। प्रदर्शन कर रही करणी सेना की महिला विंग ने गधों के चेहरे पर तांडव सीरीज के एक्टर, एक्ट्रेस और निर्देशक का पोस्टर लगाकर उनको गुलाब जामुन खिलाए और धमकी दी कि अब सुधर जाओ, अभी तो मिठाई खिला रहे हैं वो दिन दूर नहीं होगा जब ऐसा करने वाले बॉलीवुड के लोगों को जूते मारे जाएंगे।
करणी सेना ने दी चेतावनी, रिलीज हुई पदमावत तो 1826 महिलाएं करेंगी जौहर
गौरतलब है कि हिंदू धर्म की भावनायें आहत किये जाने के नाम पर तांडव सीरीज की पूरी टीम के खिलाफ अब तक दर्जनों मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। पहले लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में अमेजन प्राइम की ओरिजिनल कंटेंट की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित, फिल्म मेकर अली अब्बास जफर, शो के निर्माता हिमांशु कृष्ण मेहरा, लेखक गौरव सोलंकी और अन्य के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ है।
वहीं मुंबई में भी सीरीज से जुड़े कुल 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। घाटकोपर पुलिस स्टेशन में फिल्म के निर्देशन अली अब्बास जफर, हिमांशु मेहरा, गौरव सोलंकी, अपर्णा पुरोहित और अमित अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। इन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ;।द्ध 295 ;।द्ध 505 के तहत मामला दर्ज हुआ है। भाजपा विधायक बीजेपी विधायक राम कदम ने दूसरे कलाकारों के साथ-साथ सैफ अली खान का नाम भी शिकायत में लिया है।
यह भी पढ़ें : मलिक मोहम्मद जायसी पर दर्ज हो राजद्रोह का मुकदमा !
करणी सेना का पहले भी विवादों से खासा नाता रहा है। इससे जुड़े लोग उटपटांग बयानबाजियां करते रहते हैं, खासकर इतिहास से जुड़े मुददों पर, जिन्हें वो हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत होना घोषित करते रहते हैं। करणी सेना तांडव से पहले तमाम ऐसी फिल्मों के विरोध के कारण चर्चा में रह चुकी है, जो कि ऐतिहासिक घटनाओं या राजवंशों पर आधारित रही हैं। करणी सेना के विरोधों की सूची में पद्मावत और मणिकर्णिका जैसी फिल्में शामिल हैं। करणी सेना के बारे में कहा जाता है कि वह चर्चा में आने के लिये ऐसी हरकतें करती है।
करणी सेना का गठन 2006 में कुछ बेरोजगार राजपूत युवकों ने किया था, जो आज देशभर खासकर राजस्थान में राजपूतों का चेहरा बन गया है। अब यह संगठन कई धड़ों में बंट गया है। लोकेंद्र सिंह कालवी के नेतृत्व वाली श्री राजपूत करणी सेना, अजीत सिंह ममदोली के नेतृत्व वाली श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना समिति और सुखदेव सिंह गोगामेदी के नेतृत्व वाली श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना सबसे ज्यादा प्रभावी है।
पहली बार वर्ष 2006 में चर्चा में आई करणी सेना ने सबसे पहले फिल्मकार आशुतोष गोवारिकर की फिल्म जोधा अकबर के विरोध को लेकर चर्चा में आयी थी। तब लोकेंद्र सिंह कालवी ने आरोप लगाया कि इस फिल्म ने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गयी है। बाद में यह फिल्म राजस्थान में रिलीज नहीं हो सकी। वर्ष 2013 में यह संगठन फिर चर्चा में आया। करणी सेना ने आरक्षण की मांग को लेकर कांग्रेस के चिंतन शिविर को निशाना बनाने की धमकी दी थी।