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लॉकडाउन में आटा-चावल की मदद देकर अब जबरन बना रहे थे धर्म परिवर्तन का दबाव, शिकायत लेकर 400 लोग पहुँचे SSP दफ्तर

Janjwar Desk
29 Oct 2022 12:33 PM GMT
लॉकडाउन में आटा-चावल की मदद देकर अब जबरन बना रहे थे धर्म परिवर्तन का दबाव, शिकायत लेकर 400 लोग पहुँचे SSP दफ्तर
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लॉकडाउन में आटा-चावल की मदद देकर अब जबरन बना रहे थे धर्म परिवर्तन का दबाव, शिकायत लेकर 400 लोग पहुँचे SSP दफ्तर

Merrut News: मेरठ से बड़ी खबर सामने आई है। यहां की मंगतपुरम बस्ती के तकरीबन एक साथ 400 लोग SSP दफ्तर पहुँच गये। आरोप गंभीर था, जिस मुताबिक उन्हें जबरन हिंदू से इसाई बनने को मजबूर किया जा रहा है। आरोपियों ने लोगों के घरों से देवी-देवताओं की तस्वीरें हटवा दीं...

Merrut News: मेरठ से बड़ी खबर सामने आई है। यहां की मंगतपुरम बस्ती के तकरीबन एक साथ 400 लोग SSP दफ्तर पहुँच गये। आरोप गंभीर था, जिस मुताबिक उन्हें जबरन हिंदू से इसाई बनने को मजबूर किया जा रहा है। आरोपियों ने लोगों के घरों से देवी-देवताओं की तस्वीरें हटवा दीं। पुलिस ने मामले में 9 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

इनपुट है कि कुछ इसाई समुदाय के लोगों ने बस्ती के निवासियों की लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान मदद की थी। इस मदद के बाद अब धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जा रहा है। आरोप है कि अब उन्हें पूजा-पाठ करने यहां तक की मंदिर तक जाने से रोका जा रहा है। जिसके बाद इसकी शिकायत लेकर बस्ती के लोग SSP ऑफिस पहुँचे।

दिल्ली रोड के पास बसी मंगतपुरम बस्ती के इस गंभीर प्रकरण में स्थानीय लोगों का कहना है कि, जब लॉकडाउन (Lockdown) लगा था, तब इन लोगों की तरफ से हमें आटा, चावल दिया जाता था। कई बार उसका पैसा भी ले लिया जाता था। वो पैसा कहां जमा हुआ बस्ती वालों को नहीं पता। लेकिन अब मदद करने के नाम पर उनपर दबाव बनाया जा रहा है।

बस्ती वालों का आरोप है कि इन लोगों का कहना है कि हमारे साथ आकर रहें। हम अपने भगवान को मानते हैं, उनके जैसे कैसे बन जाएं? यहां के लोग कहते हैं, हमारे साथ धोखा किया गया है। पहले मदद के नाम पर हमारा भरोसा जीता, अब अपनी मनमानी कर रहे हैं। आरोप है कि कई लोगों का धर्म परिवर्तन करवा भी दिया गया है। लेकिन वे भी अब धीरे-धीरे वापस आ रहे हैं।

बताया जा रहा कि इस बस्ती में 1500 से अधिक वोट हैं और 400 के लगभग परिवार रहते हैं। पहले इसाइयों के 4 से 5 परिवार यहां की खाली पड़ी जगह में आकर रहे। जैसे हम सब रहते हैं, वे भी रहने लगे। किसी ने भी विरोध नहीं किया, क्योंकि इसका आभास ही किसी को नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे इसाइयों के तीस से ज्यादा परिवार यहां बस गये।

इन लोगों ने चुपचाप यहां एक चर्च भी बना लिया है। बस्ती भी अब दो भागों में बंट गई है। एक तरफ ये लोग हैं और दूसरी तरफ हम हिंदू। हमसे कम होते हुए भी अपनी संख्या बढ़ा रहे हैं। बस्ती के निवासियों का कहना है कि पहले इन्होने हमें अपनी किताबें बांटी। खाली वक्त में हमारे साथ बैठकर अपने धर्म की बातें की। धीरे-धीरे अपने घर और फिर चर्चों में बुलाना शुरू कर दिया।

चर्च में जाने पर हमसे अपनी प्रार्थना करवाते थे। बस्ती के तमाम लोग कुछ वक्त तक मानवता समझकर करते रहे। लेकिन जब दीपावली पर इन लोगों ने कहा कि पूजा मत करो। हमारे धर्म को देखो और हमारे जैसे बन जाओ। वहीं से हमारी अनबन शुरू हो गई। तब जाकर हम लोगों की इनकी सच्चाई का पता चला।

शुक्रवार को बस्ती में एलआईयू की टीम जांच के लिए पहुँची। टीम ने दोनो पझों के पहचान पत्रों की जांच की है। सभी के संबंधित कागजात चेक किये गये। साथ ही बस्ती में बने धर्म स्थलों का भी निरीक्षण किया गया है। सूचना है कि एलआईयू के बाद अब आईबी की टीम भी बस्ती में जांच करने पहुँच रही है। पुलिस की टीमें भी जांच में लगी हैं।

इस मामले में पुलिस ने स्थानीय भाजपा नेता की शिकायत पर 9 लोगों के खिलाफ थाना ब्रह्मपुरी में मपकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा तीन महिलाओं को हिरासत में भी लिया गया है। पुलिस जांच कर रही है कि धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग कहां से हो रही है। उन्हें दो सालों के दौरान कितनी रकम और कहां से उपलब्ध कराई गई?

सर्किल ऑफिसर ब्रह्मपुरी, बृजेश सिंह के मुताबिक मंगतपुरम में महंगी जमीन के कारण कई बार विवाद का मामला सामने आया है। जमीन पर कब्जा करने के कारण वहां कई गुट बन गये हैं। धर्मांतरण के मामले की साक्ष्यों और शिकायतों के आधार पर जांच कराई जा रही है।

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