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राजनाथ की चीन से दो टूक, शांति के लिए नियंत्रण रेखा से हटानी होगी सेना
जनज्वार। शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने मास्को की यात्रा पर गए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार (4 september 2020) की रात वहां चीन के रक्षामंत्री वी फेंगे के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। यह वार्ता चीन के रक्षामंत्री के राजनाथ सिंह से विशेष आग्रह के बाद आयोजित की गई। हालांकि पहले से इसका उल्लेख रक्षामंत्री की आधिकारिक यात्रा के ब्यौरे में नहीं था।
दोनों देशों के रक्षामंत्रियों के बीच हुई इस प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को उसकी आक्रमकता की भूल को याद दिलाया और कहा कि शांति के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर से सेना को तत्काल हटाना होगा।
Defence Minister Rajnath Singh meeting the Chinese Defence Minister, General Fenghe in Moscow, Russia: Office of the Defence Minister pic.twitter.com/znmbUrsKtj
— ANI (@ANI) September 4, 2020
भारतीय समय के अनुसार, शुक्रवार की रात्रि साढे नौ बजे मास्को के मेट्रोपोल होटल में शुरू हुई यह वार्ता दो घंटे 20 मिनट लंबी चली। 15 जून की गलवान घाटी झड़प के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता है। बैठक में भारत के रक्षा सचिव अजय कुमार व रूस में भारत के राजदूत डीबी वेंकटेश भी मौजूद थे।
दोनों देशों के रक्षामंत्रियों की प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक होने से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर सीमा विवाद को लेकर वार्ता की थी।
The meeting between Defence Minister Rajnath Singh and Chinese Defence Minister, General Wei Fenghe in Moscow is over. The meeting lasted for 2 hours and 20 minutes: Office of the Defence Minister https://t.co/Rz6uQYqN9i
— ANI (@ANI) September 4, 2020
सूत्रों के अनुसार, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता में पैंगोंग झील के दक्षिण तट में यथास्थिति बदलने के प्रयासों पर कड़ी आपत्ति जतायी और बातचीत से विवाद के मुद्दों के हल पर जोर दिया। सूत्रों का यह भी कहना है कि भार पूर्वी लद्दाख में सभी संघर्ष बिंदुओं पर यथास्थिति बहाल करना चाहता है।
पिछले महीने के आखिर में चीन की सेना की पेंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर ताजा गतिविधियों के मद्देनजर यह बैठक अहम है। 15 जून को भारत व चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। वहीं, चीन के सैनिकों के मारे जाने की भी बात कही गई थी। हालांकि चीन ने इसका संकेत दिया, लेकिन आधिकारिक ऐलान नहीं किया।