- Home
- /
- Top stories
- /
- Pratapgarh Encounter...
Pratapgarh Encounter Case: तौफीक एनकाउंटर मामले में फंसी 'योगी' की पुलिस, कांग्रेस ने कहानी में बताया 'झोल'
![Pratapgarh Encounter Case: तौफीक एनकाउंटर मामले में फंसी योगी की पुलिस, कांग्रेस ने कहानी में बताया झोल Pratapgarh Encounter Case: तौफीक एनकाउंटर मामले में फंसी योगी की पुलिस, कांग्रेस ने कहानी में बताया झोल](https://janjwar.com/h-upload/2021/10/21/579673-yogi-ki-police.jpeg)
पुलिस एनकाउंटर में मृत तौफीक की पत्नी का पुलिस पर गंभीर आरोप
Uttar Pradesh: प्रतापगढ़ जिला के लालगंज कोतवाली के बाबूतारा गांव में शनिवार, 16 अक्टूबर की आधी रात में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। इसमें बदमाश तौफीक गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज के लिए लखनऊ ले जाने के दौरान तौफीक उर्फ बब्बू की रास्ते में मौत हो गई। लेकिन तौफीक की मौत के बाद पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मुठभेड़ से जुड़ी जानकारियां जिस तरह से छिपाने की कोशिश की है उससे यूपी पुलिस एक बार फिर संदेह के घेरे में आ गई है। पुलिस मुठभेड़ (Police Encounter) में मारे गए तौफीक की पत्नी का आरोप है कि पुलिस देर रात उनके घर आई। पुलिस के आने के बाद तौफीक भागने लगा जिसके बाद पुलिस ने उसे गोली मार दी। लेकिन पुलिस का कहना है कि उन्हें पता ही नहीं था कि उसे गोली लगी थी।
इस मामले में पुलिस का दावा है कि मुठभेड़ के दौरान बदमाशों की तरफ से पहले फायरिंग हुई जिसमें दो सिपाहियों के पैर में गोली लग गई। पुलिस की तरफ से जवाबी फायरिंग हुई। लेकिन अंधेरा बहुत था तो बदमाश को गोली लगी या नहीं ये पुलिस को पता नही चला। इतना ही नहीं, वे बदमाश को छोड़कर ही वापस लौट गए। पुलिस की कहानी सिनेमा के किसी स्क्रिप्ट जैसी लगती है।
जानिए क्या है पूरा मामला
प्रतापगढ़ में लालगंज कोतवाली थाना क्षेत्र के बाबूतारा गांव में शनिवार की रात करीब 1:20 बजे स्वाट टीम और लालगंज पुलिस ने दबिश दी। पुलिस के अनुसार बाबूतारा गांव में के एक मकान में कुछ बदमाशों के छिपे होने की सूचाना मिली थी। इन बदमाशों में एटीएम चोर तौफीक उर्फ बब्बू और खुर्शीद उर्फ वकील पुत्र शरीफ शामिल था। पुलिस को बदमाशों द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बनाने की सूचना थी।
इस पर स्वाट टीम प्रभारी अमरनाथ राय और लालगंज कोतवाली के दरोगा अखिलेश प्रसाद अपने फोर्स के साथ दबिश देने बाबूतारा गांव पहुंचे। पुलिस को देख बदमाश फायरिंग करने लगे। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की जिसमें तौफीक जख्मी हो गया। वह कुएं में गिर गया था। पुलिस ने एक अन्य बदमाश शरीफ को पकड़ा।
पुलिस के अनुसार, बदमाशों की गोली से स्वाट टीम के कांस्टेबल सत्यम (25) और लालगंज कोतवाली के कांस्टेबल श्रीराम (24) घायल हो गए। श्रीराम को बाएं हाथ में और सत्यम को पैर में गोली लगी। दोनों अस्पताल में भर्ती है जहां दोनों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
पुलिस ने दी फिल्मी दलील
बताया जा रहा है कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में तौफीक को गोली लगी जिसके बाद वो कुएं में गिर गया। लेकिन, शनिवार रात हुए मुठभेड़ को लेकर पुलिस पक्ष की कहानी पूरी तरह से फिल्मी लगती है। पुलिस के अनुसार उन्हें नहीं पता था कि बदमाश तौफीक को गोली लगी है। पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने बताया कि रात में अंधेरा होने के कारण बदमाश को गोली लगने की जानकारी नहीं हो सकी।
तौफीक की पत्नी का पुलिस पर आरोप
इधर, पुलिस की गोली से मरे तौफीक की पत्नी आलिया का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने तौफीक को दौड़ाकर गोली मार दी। पुलिस से बचने के लिए वह भाग रहा था। तभी पुलिसकर्मियों ने उस पर फायरिंग कर दी जिसके बाद में पुलिस ने मुठभेड़ का नाम दे दिया। तौफीक उर्फ बब्बू की पत्नी आलिया समेत परिवार की अन्य लोग पुलिस पर गोली मारने का आरोप लगा रहे हैं
तौफीक की पत्नी का कहना है कि शनिवार आधी रात अचानक पुलिस उसके घर पहुंची। उस समय तौफीक सो रहा था। पुलिस के पहुंचने पर वह जागा और पुलिस से बचने के लिए वह भागने लगा। उसका पीछा करते हुए पुलिसकर्मियों ने उसे गोली मार दी। जिसके बाद वह कुएं में गिर गया था। परिजनों ने कुंए में गिरे घायल तौफीक को किसी तरह बाहर निकाला और उपचार के लिए प्रयागराज के एक निजी अस्पताल ले गए। परिजनों के अनुसार, उसके पेट और जांघ में गोली लगी थी। उसकी हालत में सुधार न होते देख डॉक्टरों ने लखनऊ रेफर कर दिया। जहां रास्ते में उसकी मौत हो गई।
रात में गोली लगे सिपाहियों का सुबह इलाज
बाबूतारा में हुई मुठभेड़ के मामले में यूपी की प्रतापगढ़ पुलिस समेत अफसरों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और इसके पीछे वाजिब कारण भी है। दरअसल, शनिवार को हुए मुठभेड़ के सात घंटे तक पुलिस ने चुप्पी साध रखी थी। कोई कुछ जानकारी देने को तैयार नहीं था। सबसे हैरानी की बात तो ये है कि शनिवार रात में सिपाहियों को गोली लगी, लेकिन उन्हें रविवार की सुबह मेडिकल कॉलेज लाया गया। सुबह सिपाहियों को भर्ती कराने के बाद भी कोई अपना मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं था।
आमतौर पर देखा जाता है कि किसी भी मुठभेड़ की जानकारी पुलिस सबसे पहले मीडिया को देती है। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। रविवार की सुबह भी पुलिस मेडिकल कॉलेज में केवल सिपाही सत्यम को ही भर्ती कराया गया था। अन्य घायल पुलिसकर्मी श्रीराम को भर्ती की बात रजिस्टर में दर्ज ही नहीं थी।
कांग्रेस ने यूपी पुलिस पर साधा निशाना
मुठभेड़ के नाम पर अपराधी की हत्या मामले में कांग्रेस ने प्रतापगढ़ (Pratapgarh District) पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता और शायर इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi) ने इस मामले को लेकर ट्विट किया और लिखा कि, तौफीक को गोली मारने की पुलिसिया कहानी में इतना झोल है कि पहली नजर में फर्जी लगती है। अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने लिखा कि कांग्रेस की एक डेलिगेशन जल्द ही पीड़ित परिवार से मुलाकात करेगी।
प्रतापगढ़ में तौफीक नामक व्यक्ति को गोली मारने की पुलिसिया कहानी में इतना झोल है कि पहली नज़र में फ़र्ज़ी लगती है,मृतक तौफीक की पत्नी के आरोप पूरे @pratapgarhpol को कटघरे में खड़ा करते हैं ।@INCMinority का एक डेलिगेशन जल्द ही परिवार से मिलेगा । pic.twitter.com/vVizdGgkxP
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) October 21, 2021
तौफीक पर दर्ज हैं चार मुकदमें
जानकारी के अनुसार, पुलिस मुठभेड़ में मारे गए तौफीक उर्फ बब्बू का पहले से आपराधिक रिकॉर्ड है। तौफीक पर लालगंज और सांगीपुर थाने में चार मुकदमे दर्ज हैं। लालगंज कोतवाली में धोखाधड़ी और तमंचा बरामद होने का मुकदमा दर्ज है। जबकि सांगीपुर थाने में पॉक्सो एक्ट और एक अन्य मुकदमा दर्ज है। उसके मरने के बाद पुलिस उसके ऊपर दूसरे जिलों में दर्ज मुकदमों की खोजबीन कर रही है।
एक बदमाश गिरफ्तार
वहीं, शनिवार रात बदमाशों की तलाश में दबिश के दौरान पुलिस ने बाबूतारा निवासी खुर्शीद उर्फ वकील के पुत्र शरीफ को गिरफ्तार कर लिया। कोतवाल कमलेश पाल के अनुसार खुर्शीद को तिलोरी मदरसा के पास से गिरफ्तार किया गया। उसे जेल भेज दिया गया है। उस पर भी सांगीपुर थाने में गैंगस्टर का मुकदमा भी दर्ज है।