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Amar Ujala Troll: योगी के नाम चिट्ठी और टाइम बम वाली खबर पर ट्रोल हुआ अमर उजाला, लोग बोले- तुम भी बिक गए

Janjwar Desk
27 Jan 2022 11:28 AM GMT
godi media
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(अपनी इस खबर को लेकर ट्रोल हो रहा अमर उजाला)

Amar Ujala Troll: बस चुनाव में इसी की कमी लग रही थी। क्योंकि भाजपा का पुराना नाता है बम, आतंकवाद, पाकिस्तान, जिहाद। इसके बिना चुनाव नहीं लड़ सकते।' मोहम्मद आबिद ने लिखा है, 'वो तो ठीक है लेकिन बम कुरसी के नीचे रखना था मजा नहीं आया...

Amar Ujala Troll: हिंदी पट्टी का अब तक का भरोसेमंद अखबार अमर उजाला (Amar Ujala) अपनी एक खबर को लेकर जमकर ट्रोल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर यूजर इस खबर को लेकर तरह तरह के कमेंट (Comment) कर रहे हैं। इस खबर में अखबार के डिजिटल सेक्शन ने छापा है कि योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर धमकी दी गई है। साथ ही यह भी बताया गया है कि इस चिट्ठी के साथ एक टाइम बम भी बरामद हुआ है।

गूगल पर सर्च करने में हमने पाया कि इस खबर को अमर उजाला के अतिरिक्त किसी अन्य ने छापा भी नहीं है। 'रीवा: NH-30 पर स्थित एक पुल को उड़ाने की कोशिश नाकाम, योगी आदित्यनाथ के नाम धमकी भरा लेटर भी मिला' यह खबर का शीर्षक है। अमर उजाला के अपने एफबी एकाउंट से इसे शेयर करने के बाद यूज़र्स ने अखबार को जमकर लताड़ लगाई है।

लोग इस तरह कर रहे रिएक्ट

कंचन झा ने लिखा है, 'कुछ भी कर लो..बाबा की मठ वापसी तय है।' सुभाष चंद्रा ने लिखा है 'अमर उजाला अपने आपको बेच चुका है...दलाल पत्रकारिता।' एक यूजर ने लिखा है खुद ही बम प्लांट कर दिया। शिव सिंह नाम के यूजर ने लिखा, 'इस बार कोई घटना भी नहीं जिता पाएगी चुनाव।'

रवि खम्पा नाम के यूजर ने लिखा है, 'हो सकता है उनकी जान को भी खतरा हो...चुनाव हैं न, जब तक चुनाव निपट नहीं जाते उनकी जान को खतरा बना ही रहेगा।' श्याम त्यागी ने लिखा है, 'मतलब बाबा के चर्चे अब एमपी तक होने लगे। तब तो जरूर चुनाव जीतेंगे बाबा। 2029 तक पीएम भी जरूर बनेंगे।'

खबर पर लोगों के कमेंट

रविराज ने लिखा है, 'चलो शुक्र है यूपी में नहीं मिला।' शाकिब खान लिखते हैं, 'बहुत बड़ा खतरा है ये तो..जिसको खतरा हो वो पाकिस्तान जा सकता है।' राजेन्द्र सैनी नाम के यूजर ने लिखा है, 'अमर उजाला दलाल और भाजपा का गुलाम लगता है। तभी फालतू की अफवाह फैलाने में लगा रहता है। ऐसी फालतू की अफवाहों पर कोई ध्यान नहीं देता है। और भाजपा का कोई सपना नहीं पूरा होने वाला।'

सुरेंद्र यादव लिख रहे, बम तो नामजद है।' अनुभव सुमन यादव नाम के यूजर ने लिखा है, 'बस चुनाव में इसी की कमी लग रही थी। क्योंकि भाजपा का पुराना नाता है बम, आतंकवाद, पाकिस्तान, जिहाद। इसके बिना चुनाव नहीं लड़ सकते।' मोहम्मद आबिद ने लिखा है, 'वो तो ठीक है लेकिन बम कुरसी के नीचे रखना था मजा नहीं आया।'

बता दें कि अमर उजाला ने अपनी वेबसाइट पर यह खबर 26 जनवरी के दिन लगाई है। इस खबर पर अब तक 2.2 हजार लाइक, 575 कमेंट और 49 शेयर हो चुका है। इस खबर के कमेंट को खोलकर देखने पर पता चलता है कि लोग अब राजनीतिक स्टंटों को किस तरह लेते हैं। इसके साथ साथ मीडिया संस्थान भी ट्रोलिंग का शिकार हो रहे हैं।

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