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Russia Ukraine War : 'हम नहीं करना चाहते कब्जा इसलिए फौरन सरेंडर करे यूक्रेन की फौज', राष्ट्र के नाम संबोधन में बोले पुतिन

Janjwar Desk
25 Feb 2022 9:26 PM IST
Russia Ukraine War : हम यूक्रेन पर नहीं करना चाहते कब्जा इसलिए फौरन सरेंडर करे यूक्रेन की फौज, राष्ट्र के नाम संबोधन में बोले पुतिन
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Russia Ukraine War : 'हम यूक्रेन पर नहीं करना चाहते कब्जा इसलिए फौरन सरेंडर करे यूक्रेन की फौज', राष्ट्र के नाम संबोधन में बोले पुतिन

Russia Ukraine War : युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश के नाम संबोधन में कहा कि हमारी नीति बिल्कुल स्पष्ट है और इरादे भी, हम यूक्रेन पर कब्जा नहीं करना चाहते .....

Russia Ukraine War : रूस की ओर से यूक्रेन (Ukraine) पर लगातार दूसरे दिन भी हमले जारी हैं। दोनों देशों के बीच युद्ध की खबर विश्व मीडिया दूसरे दिन भी छायी रही। राजधानी कीव (Kyiv) में कई जगहों पर धमाके हुए। यूक्रेन के लोग हमलों के डर से रातभर घरों, अंडरग्राउंड शेल्टर आदि में छिपे रहे। इस दौरान रोजमर्रा की जरूरतों की कमी भी आम लोगों को होने लगी है।

यूक्रेन के नागरिक इसे जहां अपने देश पर हमला मान रहे हैं वहीं रूस इसे विशेष शैन्य अभियान का नाम दे रहा है। इस युद्ध के बीच रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश के नाम संबोधन में कहा कि हमारी नीति बिल्कुल स्पष्ट है और इरादे भी। हम यूक्रेन पर कब्जा नहीं करना चाहते इसलिए यूक्रेन की फौज को चाहिए कि वो फौरन सरेंडर करे। यूक्रेन के तमाम लोगों को भी वहां की सरकार ने बंधक बना लिया है। वोल्दोमिर जेलेंस्की (यूक्रेन के प्रधानमंत्री) की सरकार ड्रग एडिक्ट और नाजियों का गिरोह है।

खबरों के मिताबिक रूस ने काला सागर (Black Sea) में रोमानिया के एक शिप पर मिसाइल हमला किया। इसमें आग लग घई है। इस घटना को ज्यादा महत्वपूर्ण इसलिए माना जा रहा है क्योंकि रोमानिया नाटो का सदस्य है और नाटो अतक रूस के खिलाफ जंग में इसलिए नहीं उतरा है क्योंकि उसका कहना है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है। इसलिए हम उसकी सीधी सैन्य मदद नहीं कर सकते। नाटो भी अब तक रूस के हमले की निंदा कर चुका है। वहीं दूसरी ओर रूस पर कई देशों प्रतिबंध कड़े कर दिए हैं।

वहीं रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि उनकी सरकार राजनयिकों को बातचीत के लिए बेलारूस की राजधानी मिंस्क भेज सकती है। इस बारे में रूस की तरफ से लिखित बयान जारी किया गया है। इसके पहले उसने यूक्रेन की सेना के सरेंडर की शर्त रखी थी।

युद्ध के दूसरे कई महत्वपूर्ण घटनाएं देखने को मिली। इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को पुतिन के साथ पच्चीस मिनट तक बात की थी। सभी ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पुतिन को बातचीत का न्योता भेजा है। हालांकि रूस के विदेश मंत्री सर्गी लवरोव पहली साफ कह चुके हैं कि बातचीत तभी हो सकती है जब यूक्रेन सरेंडर कर दे।

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