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झाड़-फूंक करने वाले बुजुर्ग को गले में पत्थर बांधकर डैम में फेंका, मौत, पत्नी भी लापता
जनज्वार। अंधविश्वास के लिए चर्चित रहे झारखंड के गुमला जिले में फिर इस वजह से हत्या हुई है। गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के हालमाटी गांव के निवासी 65 वर्षीय लिट्टू उरांव की हत्या डैम में फेंक कर की गई है। लिट्टू उरांव का गले में पत्थर बंधा हुए शव मसरिया डैम में शनिवार की दोपहर को मिला। वहीं, उनकी पत्नी शनियारो देवी लापता हैं। लोगों का कहना है कि अगर लिट्टू का शव डैम में मिला तो उनकी पत्नी का भी शव उसी में होगा और पुलिस को अच्छे से तलाश करनी चाहिए।
लिट्टू उरांव झाड़-फूंक का काम करते थे और यह संदेह है कि उनकी हत्या डायन बिसाही के मामले में की गई है। संभावना जतायी जा रही है कि हत्या करने वाले को उन पर जादू-टोना या डायन-बिसाही करने का संदेह हुआ होगा। ग्रामीणों ने बताया कि बिट्टू उरांव व उनकी पत्नी दो दिन से लापता थे और शनिवार को एक चरवाहे ने डैम में मानव पैर को तैरते देखा, जिसके बाद उसने सबको सूचना दी और जब शव को निकाला गया तो उसकी पहचान लिट्टू उरांव के रूप में हुई। पुलिस ने शव को पोस्र्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्प्ताल भेज दिया।
लिट्टू के गले में पत्थर बांधा कर उन्हें डैम में फेंका गया था ताकि वजन की वजह से वे डूब जाएं और खुद डैम से बाहर न आ सकें। इस घटना से आसपास के इलाके में दहशत व आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस अच्छे से कार्रवाई व जांच नहीं करती और वह सिर्फ शवों को उठाने का काम करती है। मृतका की पत्नी शनियारो देवी लापता हैं और उनकी तलाश के लिए पुलिस की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया है।
वहीं, पुलिस का कहना है कि वह मामले में कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने खुद के बचाव में कहा है कि लिट्टू उरांव के गायब होने की पहले से कोई सूचना नहीं थी।
मसरिया डैम में पहले भी अंधविश्वास की वजह से लोगों की हत्या होती रही है। छह साल पहले इसी डैम में दोदांग के लोहरा उराइन का शव मिला था। उनकी हत्या कर शव को बोरे में भर कर डैम में डाल दिया गया था। वह हत्या भी डायन के संदेह में की गई थी। वहीं, घाघरा प्रखंड के देवाकी गांव के लहुरा उरांव व उनकी पत्नी बुधनी देवी को जीवित गले में पत्थर बांधकर डैम में फेंक दिया गया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। उस दंपती पर भी डायन बिसाही का आरोप लगा कर घटना केा अंजाम दिया गया था।
गुमला में पिछले डेढ-दो महीने में डायन-बिसाही व जादू-टोना के संदेह में कई हत्याएं हुई हैं। पुलिस प्रशासन व स्वयंसेवी संगठनों द्वारा जागरूकता के लिए प्रयास किया जाता है, लेकिन वह कारगर होता नजर नहीं आता।