Agniveer Bharti Reality : अग्निवीर योजना के तहत हुई भर्ती रैली होगी स्थगित, महाराज के बाद अब इस सांसद ने उठाए रैली पर सवाल
Dehradun News : अग्निवीर योजना के तहत हुई भर्ती रैली होगी स्थगित, महाराज के बाद अब इस सांसद ने उठाए रैली पर सवाल
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Agniveer Bharti Reality : विवादित अग्निवीर योजना के तहत मात्र चार के लिए सेना में होने वाली भर्ती के तहत प्रदेश में चल रही भर्ती रैली से गुस्साए युवाओं के आक्रोश को देखते हुए भर्ती रैली स्थगित किए जाने के संकेत मिल रहे हैं। सरकार द्वारा इन भर्ती रैली में हो रही अनियमितताओं की स्वीकार्यता के बाद अब जिस प्रकार राज्य सभा सांसद ने भर्ती रैली पर उंगलियां उठाई हैं उसे भर्ती रैली स्थगित करने की भूमिका के तौर पर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में युवाओं को रोजगार दिए जाने के लिए समूह ग और सेना की नौकरी रोजगार का मुख्य स्रोत समझा जाता है। इसमें समूह ग सहित कई अन्य नौकरियों में हो रहे भ्रष्टाचार ने आम युवाओं को रोजगार की इस दौड़ में पीछे धकेल दिया था। ऐसे में युवाओं को अपने सपने साकार करने के लिए सेना ही एक सहारा बनी हुई थी। लेकिन यहां देश की सारी परिसंपत्तियां बेच देने को आतुर केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने सेना में "अग्निवीर" जैसे लोकलुभावन नाम की आड़ में ऐसी योजना थोप दी, जिसका नाम सुनकर ही बेरोजगार बैठे युवाओं का खून खौल उठा। इस योजना के खिलाफ हुए आंदोलन को सरकार के अधिकारियों ने युवाओं को भविष्य खराब होने की धमकी देकर बमुश्किल खत्म कराया था। बेरोजगारी से त्रस्त युवा यहां भी अपने घर-परिवार की मजबूरी को देखते हुए खून का कसैला घूंट पीकर किसी तरह चार साल के रोजगार के लिए राजी हो गए। लेकिन एक बार इन युवाओं के इस सब्र को तब एक और झटका लगा जब बीआरओ लैंसडाउन द्वारा प्रदेश में आयोजित सेना की भर्ती रैली में तमाम अनियमितताएं देखने को मिली।
कोटद्वार में आयोजित इस भर्ती रैली में 300 युवाओं के ग्रुप को दौड़ाकर 8-10 युवाओं को ही चुना जा रहा है। जबकि इससे पहले 300 में 60 का चयन किया जाता रहा था। 1600 मीटर दौड़ के लिये 5:40 सेकन्ड का समय होने के बाद भी 5 मिनट में दौड़ समाप्त करके जान-बूझकर तमाम युवाओं को दौड़ से बाहर किया जा रहा था। रही सही कसर उत्तराखंड के युवाओं की लंबाई 163 सेमी. की जगह 170 सेमी. लंबाई के युवकों को छांटकर पूरी की जा रही थी। कुल मिलाकर ऐसा लग रहा था कि रैली का आयोजन युवाओं को भर्ती करने के लिए नहीं बल्कि युवाओं पर असफलता की सरकारी मुहर लगाने की लिए किया जा रहा हो। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में आयोजित हो रही इस भर्ती रैली में शामिल होने आए हजारों युवा निराश होकर लौट रहे थे। खबर है कि निराशा की स्थिति में एक-दो युवाओं ने जहर भी खा लिया। अस्पताल में इन्हें उपचाररत बताया गया है। जबकि पौड़ी गढ़वाल के सतपुली तहसील के एक गांव के सुमित ने भर्ती रैली से बाहर होने पर फांसी लगाकर आत्महत्या ही कर ली। विपक्षी कांग्रेस पार्टी भी इस मुद्दे को लेकर बेहद मुखर थी। कुल मिलाकर हालात ऐसे विकराल थे कि सरकार को खुद इन भर्ती रैली में हो रही अनियमितताओं को स्वीकारना पड़ गया। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में यह तमाम बाते खुद कबूल की हैं।
ऐसी सूरत में अब उत्तराखंड में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया में उठ रहे सवालों को लेकर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल भी मुखर हो चुके हैं। बंसल ने भी भर्ती में जारी विसंगतियों को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखते हुए इस मामले को लेकर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और रक्षा सचिव से मुलाकात की है। सासंद नरेश बंसल ने भी सतपाल महाराज द्वारा उठाए गए तथ्यों से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को अवगत कराते हुए कहा कि जिन विसंगतियों की वजह से उत्तराखंड के युवा अग्निवीर योजना का समुचित लाभ नही ले पा रहे वह दूर की जाएं। सासंद बंसल ने कहा कि अगर रक्षामंत्री से मिलने का समय मिलेगा तो वह व्यक्तिगत रूप से भी इस जनहित के मुददे को उठाएंगे। अभी रक्षामंत्री के दिल्ली से बाहर होने के कारण यह सम्भव नहीं हो सका है। बंसल ने रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से भी मुलाकात कर युवाओं के हितों के संरक्षण की मांग की।
अग्निवीर योजना के तहत हो रही भर्ती रैली पर युवाओं में पनप रहे आक्रोश व विपक्ष द्वारा भर्ती रैली दुबारा किए जाने की मांग के बाद पूर्व में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और अब राज्य सभा सांसद द्वारा जिस प्रकार अपनी ही सरकार में आयोजित भर्ती रैली पर उंगलियां उठाई जा रही हैं, उसे आयोजित हुई भर्ती रैली को स्थगित करने के लिए बनाया जाने वाले माहौल माना जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि युवाओं के आक्रोश को देखते हुए सरकार इन भर्ती रैलियों को फिलहाल स्थगित कर सकती है। बस इसका श्रेय विपक्षी कांग्रेस को न मिल सके, इसका ही माहौल बनाने के लिए सरकार अपने ही खेमे से भर्ती रैली के विरोध के स्वरों को बाहर निकलने दे रही है।