Arunachal Pradesh : सैन्य अधिकारी बोले - सुबनसिरी में गांव के विवादित क्षेत्र पर 1959 से है बीजिंग का कब्जा, हम कुछ नहीं कर सकते
अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले के एक गांव का विवादित क्षेत्र जिस पर चीन ने बसाया अपना एक गांव।
Arunachal Pradesh : पिछले कुछ दिनों से अरुणाचल प्रदेश सुबनसिरी जिले का एक गांव सुर्खियों में हैं। यह गांव भारत—चीन सीमा के विवादित क्षेत्र में स्थित है। संयुक्त राज्य अमेरिका की रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में किए गए दावों के बाद से यह गांव सियासी चर्चा के केंद्र में है। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और अरुणाचल प्रदेश के बीच विवादित हिस्से में 100 घरों वाला गांव बसाया है।
विवादित क्षेत्र पर भारत मानता है अपना अधिकार
अमेरिकी रिपोर्ट को लेकर अब भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान स्पष्टीकरण जारी किया है। एक सैन्य अधिकारी ने बताया है कि अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में विवादित सीमा पर गांव के निर्माण वाले क्षेत्र पर बीजिंग का 1959 से कब्जा है। ये बात अलग है कि त्सारी चू नदी के तट पर जहां 100 घरों का गांव बसाया गया है, भारत उस क्षेत्र पर अपना अधिकार मानता है। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि बसाए गए गांव की जगह को भारतीय सेना चीन के कब्जे के रूप में मानती है। इस बारे में कुछ किया नहीं जा सकता।
लंबे समय से जारी है निर्माण कार्य
दरअसल, चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के सीमांत क्षेत्र में 1959 में एक ऑपरेशन में असम राइफल्स की चौकी पर हमला कर कब्जा किया था। इसके बाद ही चीन ने उस इलाके में गांव बसा दिया। इस क्षेत्र में चीन ने सेना की एक चौकी बना रखी है। वहीं इस तरह का निर्माण अचानक नहीं किया गया है, बल्कि लंबे समय से यह हो रहा है।
एलएसी पर चीन बना रहा है 628 गांव
बता दें कि चीन पिछले कुछ सालों से पूर्वी लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैली 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ 628 'ज़ियाओकांग' मॉडल सीमा रक्षा गांवों का निर्माण कर रहा है। अधिकारी ने कहा कि इनमें से कई गांव एलएसी के चीनी क्षेत्र में हैं और कुछ विवादित क्षेत्र में हैं। उन्हीं में से एक अरुणाचल प्रदेश का यह गांव भी है।
चीन ने किया अमेरिकी दावों का खंडन
दूसरी तरफ अमेरिकी रिपोर्ट में विवादित क्षेत्र में 100 घरों की पुष्टि को लेकर चीन खंडन करता है। चीन ने 2019 की सेटेलाइट तस्वीरें जारी की थी और कहा कि विवादित क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं किया गया। इसके बावजूद चीन की साजिशों और भविष्य में आने वाली चुनौतियों को देखते हुए भारत भी तेज गति से बॉर्डर पर बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है, जिसमें पुलों और सड़कों का निर्माण भी शामिल है।