बीमार पिता को साइकिल पर बिठा लॉकडाउन में 1200 किमी सफर करने वाली ज्योति पासवान बनीं नशा मुक्ति की ब्रांड एंबेसडर
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार की साइकिल गर्ल ज्योति तो हर किसी को याद ही होगी। कोरोना लॉकडाउन के दौरान अपने बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर 1200 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली ज्योति पासवान उस वक्त सुर्खियों में आई थी।
ज्योति के पिता गुरुग्राम में काम करते थे और बीमार हो गए थे, तभी कोरोना का देशव्यापी लॉकडाउन लग गया था और ज्योति पासवान ने पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से अपने घर दरभंगा तक लगभग 1200 किलोमीटर का सफर तय किया था।
उसी साइकिल गर्ल ज्योति पासवान को समाज कल्याण विभाग ने भारत सरकार के नशा मुक्ति अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। समाजिक सुरक्षा विभाग के निदेशक ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ज्योति को 'ड्रग्स पर पूर्ण विराम' अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है।
सामाजिक सुरक्षा विभाग के निदेशक दयानिधान पाण्डेय ने दरभंगा के बहादुरपुर प्रखंड के बुनियादी केंद्र पहुंच ज्योति पासवान को सम्मानित भी किया। उन्होंने ज्योति को सरकार की ओर से पचास हजार रुपये की आर्थिक मदद का एक चेक भी दिया।
साथ ही निदेशक ने ऑनलाइन पढ़ाई में मदद के लिए एक स्मार्ट फोन भी दिया। साइकिल गर्ल ज्योति के साथ बुनियादी केंद्र पहुंचे उनके पिता मोहन पासवान को भी सम्मानित किया गया।
सामाजिक सुरक्षा के निदेशक दयानिधान पाण्डेय ने ज्योति के हिम्मत और क्षमता की खूब तारीफ की। साथ ही उसे भारत सरकार के नशा मुक्ति अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा 'ज्योति की कीर्ति अब पूरी दुनिया में फैल गई है। इसलिए रील वाले हीरो की जगह रियल होरो को ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है। ज्योति युवाओं के लिए एक प्रेरणाश्रोत है।'
वहीं साइकिल गर्ल ज्योति कुमारी भी इस सम्मान से गदगद होती दिखाई दीं। ज्योति पासवान ने इस सम्मान के लिए सरकार और अधिकारियों को धन्यवाद दिया और खुशी जाहिर की।
ज्योति बिहार में दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखंड अंतर्गत टेकटार पंचायत के सिरहुल्ली गांव की निवासी हैं। वैसे ज्योति और उनके पिता मोहन पासवान पिछले दिनों कई अन्य वजहों से भी मीडिया की सुर्खियों में आई थीं। ज्योति की प्रसिद्धि को देखते हुए उनके जीवन पर फ़िल्म बनाए जाने की बात सामने आई थी।
इसी क्रम में एक दौर ऐसा आया, जब उनके पिता मोहन पासवान ने केरल के इडुक्की निवासी फिल्म निर्माता शाइन कृष्णा उर्फ कृष्णा चंदन, कोझिकोड निवासी सजीथनाम्बियार, वलिपट्टनम निवासी फैरोज चिरामल, कन्नूर निवासी मो. मेराज पर धोखाधड़ी करने और प्रताड़ित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करवा दी थी।
ज्योति के साहसिक कहानी पर फिल्म बनाने के लिए पिछले साल 27 मई को बॉलीवुड के चर्चित फिल्मकार विनोद कापड़ी के प्रतिनिधियों ने ज्योति के पिता मोहन पासवान से एक एग्रीमेंट साइन कराया और कुछ एडवांस राशि दी। प्रतिनिधि ने लॉकडाउन के बाद फिल्मकार विनोद कापड़ी के आने और बातचीत के बाद फिल्म निर्माण का काम शुरू करने का आश्वासन दिया। इस बीच 26 जून को दूसरे फिल्मकार शाइन कृष्णा उससे मिलने पहुंचे और फिल्म निर्माण करने का प्रस्ताव दिया था।