Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

छापे की कार्रवाई पर दैनिक भास्कर का पलटवार, 'सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार'

Janjwar Desk
22 July 2021 8:06 AM GMT
छापे की कार्रवाई पर दैनिक भास्कर का पलटवार, सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार
x

दैनिक भास्कर के कई राज्य कार्यालयों पर छापेमारी के बाद अखबार ने सरकार पर हमला बोला है

अखबार ने आलेख की हेडिंग बनाई है, "सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार: गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़े देश के सामने रखने वाले भास्कर ग्रुप पर सरकार की दबिश..

जनज्वारदैनिक भास्कर समाचार पत्र समूह के राज्य कार्यालयों पर इंकम टैक्स विभाग की छापेमारी की कार्रवाई को लेकर अखबार ने प्रतिक्रिया दी है। दैनिक भास्कर ने अपने डिजिटल पोर्टल पर एक विस्तृत आलेख लिखा है। अखबार ने आलेख की हेडिंग बनाई है, "सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार: गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़े देश के सामने रखने वाले भास्कर ग्रुप पर सरकार की दबिश।" इस आलेख में अखबार ने सीधे और साफ शब्दों में लिखा है कि अखबार की सच्चाई दर्शाती खबरों को लेकर ही सरकार द्वारा यह कार्रवाई की गई है।

दैनिक भास्कर लिखता है, "कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के सामने सरकारी खामियों की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकार ने दबिश डाली है। भास्कर समूह के कई दफ्तरों पर गुरुवार तड़के इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा है। विभाग की टीमें दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान स्थित दफ्तरों पर पहुंची है और कार्रवाई जारी है।"


आयकर विभाग के छापे को लेकर अखबार ने इस लेख में विस्तार से विवरण लिखा है। दैनिक भास्कर ने लिखा, "इसके साथ ही आईटी टीम ने भास्कर में काम करने वाले कई लोगों के घरों पर भी रेड की है। दफ्तरों में मौजूद कर्मचारियों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। नाइट शिफ्ट के लोगों को भी दफ्तर से बाहर जाने से रोक दिया गया है। रेड मे शामिल अधिकारियों का कहना है कि वो इनके प्रोसेस का हिस्सा है और पंचनामा होने के बाद इन्हें जाने दिया जा रहा है। डिजिटल की नाइट टीम दोपहर एक बजे रिलीज की गई।


भोपाल और अहमदाबाद समेत जहां-जहां छापेमारी हुई है वहां भास्कर की डिजिटल विंग में कई महिला कर्मचारी भी काम पर मौजूद हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि IT टीम में कोई भी महिला मेंबर नहीं है। टीम के आला अधिकारियों ने अब तक इस कार्रवाई का कोई कारण साफ नहीं किया है।"

दैनिक भास्कर ने सरकार पर उनकी पत्रकारिता से डरे होने और छापे को बदले की कार्रवाई बताते हुए अपने पूर्व के प्रकाशित कुछ खबरों की कतरन भी इस आलेख के साथ लगाई है। अखबार लिखता है, "हमारी पत्रकारिता से क्यों डर रही सरकार, बस कुछ नजीर देख लीजिए…


दूसरी लहर के दौरान 6 महीने तक भास्कर ने देश और कोरोना प्रभावित प्रमुख राज्यों में असल हालात को पूरे दमखम के साथ देश के सामने रखा है। गंगा में लाशें बहाए जाने का मामला हो या फिर कोरोना से होने वाली मौतों को छिपाने का खेल, भास्कर ने निडर पत्रकारिता दिखाई और जनता के सामने सच ही रखा।"


उल्लेखनीय है कि आज गुरुवार को आयकर विभाग ने देश के सबसे बड़े समाचार पत्र समूहों में से एक दैनिक भास्कर के कई राज्य कार्यालयों पर एक साथ छापे मारे हैं। समाचार पत्र के भोपाल, अहमदाबाद और जयपुर के दफ्तरों में आयकर विभाग की यह छापेमारी हुई है। बताया जा रहा है कि सुधीर अग्रवाल सहित दैनिक भास्कर के तीनों समूह मालिकों के दफ्तरों पर भी छापे पड़े हैं। एक खबर यह भी निकल कर सामने आ रही है कि दैनिक भास्कर से जुड़े दफ्तरों पर दिल्ली में भी छापेमारी की गई है।

बताया जा रहा है कि अहमदाबाद में दैनिक भास्कर के स्टेट एचआर प्रमुख के घर पर भी आयकर विभाग की टीम पहुंची हुई है। समाचार पत्र के कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों को पूछताछ और आय-व्यय का ब्यौरा तलब करने के लिए आनन-फानन में दफ्तरों में बुलाया जा रहा है। दैनिक भास्कर हालिया दिनों में अपनी तेवर वाली पत्रकारिता के कारण सुर्खियां बटोर रहा था। कोरोना काल में गंगा तट पर शवों का मामला हो या स्पाइवेयर जासूसी कांड का मसला, हिंदी पट्टी के समाचार पत्रों में दैनिक भास्कर अपने अलग तेवर के साथ रिपोर्टिंग कर रहा था और सरकारों को कठघरे में खड़ा कर रहा था।

उधर समाचार पत्र समूह दैनिक भास्कर के कई राज्य कार्यालयों पर छापेमारी के बाद लखनऊ में भारत समाचार चैनल के प्रधान संपादक के घर पर भी छापेमारी हो गई है। लखनऊ से संचालित होनेवाले इस समाचार चैनल के प्रधान संपादक जाने-माने पत्रकार बृजेश मिश्रा हैं, जो अपनी धारदार तेवर वाली पत्रकारिता के लिए पहचाने जाते हैं।


Next Story

विविध