Delhi High Court की यूपी पुलिस को फटकार, कहा - 'अगर आप आंख और दिमाग़ बंद कर काम करते हैं तो इसका इलाज हमारे पास नहीं है'
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नई दिल्ली। कानून विरूद्ध कामकाज के मामले में यूपी पुलिस का कोई जवाब नहीं है। लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court) में विचाराधीन एक मामला यूपी पुलिस ( Uttar Pradesh Police ) पर भारी पड़ गया। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि ये सब यहां नहीं चलेगा। यूपी पुलिस पर आरोप है कि उसने एक व्यक्ति के पिता और भाई को इसलिए गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि उसने दिल्ली पुलिस ( Delhi Police) को सूचित किए बिना अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध एक महिला से शादी कर ली।
यूपी पुलिस पर आरोप है कि ऐसा करते हुए उसने कानून का सही ढंग से पालन नहीं किया। दिल्ली हाईकोर्ट को जब इस मामले की जानकारी मिली तो उसने यूपी पुलिस से ये तक कह डाला कि ऐसा यूपी में चलता होगा यहां नहीं चलेगा।
ये है मामला
दरअसल, यह मसला दिल्ली के एक व्यक्ति और यूपी की एक महिला से जुड़ा है। दोनों ने 1 जुलाई, 2021 को परिजनों की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली थी। लड़की के परिवार ने अपहरण का आरोप लगाकर मामला दर्ज कराया। इसके बाद यूपी पुलिस ( Uttar Pradesh Police ) ने दिल्ली आकर लड़के के पिता और भाई को उनके दिल्ली स्थित घर से उठा लिया। ये कार्रवाई बीती 6 अगस्त की देर रात की गई थी।
दिल्ली में नहीं चलने देंगे ये काम
जब यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court ) पहुंचने पर जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने यूपी पुलिस को चेताते हुए कहा कि इस तरह की 'अवैध' कार्रवाई देश की राजधानी में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ये काम दिल्ली में नहीं चलने देंगे। आप दिल्ली से लोग उठा लें और कह दें कि हमने तो यूपी के शामली से उठाया था और अरेस्ट दिखा दें। यह गैर कानूनी कार्रवाई है। हम यहां इसकी अनुमति नहीं देंगे।
सबूत मिलने पर विभागीय जांच के लिए रहें तैयार
जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने यूपी पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि वो कोर्ट के सामने शामली रूट की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग रखे ताकि पता चले कि असल में गिरफ्तारी कहां से की गई। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि मैं न सारे सीसीटीवी निकलवा लूंगी और अगर मुझे ये मिल गया कि शामली पुलिस दिल्ली आई थी तो मैं आप सबके खिलाफ डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी शुरू करवा दूंगी। किसी भी अवैध गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी। यूपी पुलिस को केवल क़ानून के मुताबिक कार्रवाई करनी होगी।
अगर आप बिल्कुल आंख बंद करके और दिमाग़ बंद करके काम करते हैं तो इसका हमारे पास कोई इलाज नहीं। आप अपनी मर्ज़ी से किसी को भी उठाकर नहीं ले जा सकते। यही क़ानून कहता है। अदालत ने इस बात पर हैरानी जताई कि पुलिस महिला तक तो पहुंची नहीं, लेकिन उसके पति के पिता और भाई को गिरफ़्तार करने के लिए जरूर दौड़ पड़ी।
दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताई ये बात
उत्तर यूपी पुलिस की कार्रवाई पर दिल्ली पुलिस का भी एक पक्ष है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक यूपी पुलिस ने उसे बताया कि महिला की मां की शिकायत पर उसने दिल्ली से दो लोगों की गिरफ़्तारी की थी, लेकिन इस कार्रवाई से पहले उसने दिल्ली आने की सूचना यहां की पुलिस को नहीं दी थी।
क्या 21 साल की महिला नाबालिग है?
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक महिला की उम्र 21 साल है। तंज कसते हुए कोर्ट ने यूपी पुलिस से कहा कि क्या वो नाबालिग है? अगर आपके जांच अधिकारी को नहीं पता कि जांच कैसे की जाती है तो इसका कोई इलाज मेरे पास नहीं है। सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस को तुरंत महिला का बयान लेने का निर्देश दिया। साथ ही ये भी कहा कि कोर्ट यूपी पुलिस को महिला को अपनी ज्यूरिस्डिक्शन से बाहर ले जाने नहीं देगी। आप यूपी ले जाकर लोगों को प्रताड़ित नहीं कर सकते। मैं उनको यहां दिल्ली के क्षेत्राधिकार से नहीं जाने दूंगी।