प्रयागराज के अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रही कथित गैंगरेप पीड़िता के भाई ने 'ऊपर से दबाव' के लगाए आरोप
![प्रयागराज के अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रही कथित गैंगरेप पीड़िता के भाई ने ऊपर से दबाव के लगाए आरोप प्रयागराज के अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रही कथित गैंगरेप पीड़िता के भाई ने ऊपर से दबाव के लगाए आरोप](https://janjwar.com/h-upload/2021/06/07/488428-whatsapp-image-2021-06-03-at-115356.jpeg)
प्रयागराज के स्वरीपरानी अस्पताल में लड़की से हुआ कथित गैंगरेप के बाद उसकी हालत लगातार खराब बनी हुई है.ऐसे में भाई ने गंभीर आरोप लगाए हैं. file photo - janjwar
जनज्वार, लखनऊ। प्रयागराज के स्वरूपरानी अस्पताल में भर्ती 20 वर्षीय एक लड़की आंत में सुराख का ऑपरेशन करवाने गई थी। ऑपरेशन के बाद अब वह कोर्ट-कचहरी, जिला-अदालत कर रही है। बड़े रसूखदार लोग मामले को रफा-दफा करने की जुगत लगा रहे हैं। इस बीच पीड़िता के चचेरे भाई संदीप मोदांवल ने सांसद, पुलिस, डॉक्टर सहित एक कथित मानवाधिकार कार्यकर्ता पर गंभीर आरोप लगाया है।
29 मई की शाम सात बजे प्रयागराज के स्वरूपरानी अस्पताल में भर्ती हुई पीड़िता ने 31 जून को ऑपरेशन के बाद बेहद खराब हालात में अपनी मां से उसके साथ हुए दुराचार की बाबत बताया था। बोल ना पाने की कंडीशन में लड़की ने लिखकर बताया था कि 'ऑपरेशन थिएटर के अंदर उसके साथ 'गंदा काम' हुआ है।'
इस मामले में पहले तो पुलिस व जिम्मेदार हीलाहवाली करते रहे। बाद में कुछ मीडिया संस्थानो में खबरें प्रकाशित होने के बाद सीएमओ ने दो जांच कमेटियां बनाई थीं। इस बीच पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोप का मेडिकल टेस्ट भी नहीं कराया गया। कराया भी गया तो बाद में वो भी उन डॉक्टरों से जो अस्पताल के ही बताए जा रहे हैं।'
मामले की अगली कड़ी में, आज 7 मई सोमवार को पीड़िता के चचेरे भाई संदीप मोदांवल ने जनज्वार संवाददाता से हुई बातचीत में गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होने भाजपा के स्थानीय सांसद संजय गुप्ता, डॉक्टर, पुलिस सहित एक कथित मानवाधिकार एशोसिएशन कार्यकर्ता पर दबाव बनाए जाने का आरोप लगाया है। मानवाधिकार के इस कार्यकर्ता का नाम धर्मेंद्र बताया जा रहा है।
पीड़िता के भाई संदीप के मुताबिक पुलिस ने अब तक उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की है। वहीं संदीप ने बताया कि 'सांसद संजय गुप्ता ने पुलिस से एफआईआर दर्ज ना करने के लिए कहा है।' हमसे बात करते हुए संदीप आगे कहता है कि 'मानवाधिकार एशोसिएशन वालों का फोन आ रहा है, कोई संदीप जी करके बोल रहे थे कि 'आप वहां से यानी स्वरूपरानी अस्पताल से लड़की शिफ्ट करा लो।'
लड़की के भाई का कहना है कि 'अगर हम इस अस्पताल से बहन को शिफ्ट करा लेंगे तो हो सकता है जांच प्रभावित करवा दी जाए। संदीप कहता है की सभी मिलकर न्याय के लिए उठने वाली आवाज को दबाना चाह रहे हैं। उसने बताया कि वह आईजी साहब के यहां भी गया था, शोसल मीडिया पर भी डाला था। आईजी साहब को ज्ञापन देकर हमने पहले एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।'
पीड़िता के भाई संदीप का यह ऑडियो टेप जनज्वार के पास है, यह टेप हम जल्दी ही जारी भी करेंगे। जिसमें उसने सांसद से लेकर पुलिस, डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने यह भी बताया है की अस्पताल के डॉक्टरों ने ही जांच करके पूरा मामला अपने ही फेवर में कर लिया है। जबकी पीड़िता की कंडीशन सीरियस बनी हुई है।
संदीप का गला हमसे बात करते-करते भर सा जाता है, जैसा हमें उसकी आवाज से लगा। संदीप का कहना है कि एफआईआर दर्ज ना की जाए इसके लिए उपर से दबाव बनाया जा रहा है। हम यही चाहते हैं कि जो सिस्टम होता है उस मुताबिक चला जाए। फिर हमें कोई सपना थोड़ी ना आ रहा है कि हम अपने आप बोल रहे हैं, लड़की ने खुद बयान दिया है कि उसके साथ गलत हुआ है। न्याय देना है दीजिए नहीं दे सकते तो दबाव बनाकर परेशान भी तो मत कीजिए।'
गौरतलब है कि इससे पहले 3 जून की शाम हॉस्पिटल में मौजूद पीड़िता की मां भी मीडिया के सामने आयी थी। पीड़िता की मां ने अपने दिए बयान में कहा था कि उसकी बेटी के साथ गलत हुआ है, और यह जिसने भी किया है उसे सख्त से सख्त सजा मिले।
इस सिलसिले में हमने जिले के कुछ अधिकारियों से से भी बात की थी। इस बातचीत में हमारे सामने जो भी बातें आईं वह ये कि मामले को लेकर हीलाहवाली बरती जा रही है और जिले की पुलिस जांच टीमें गठित कर मामले को दबाने-छिपाने का भरसक प्रयास कर रही है। क्योंकि इतने गंभीर मामले के बाद भी अब तक न तो लड़की के भाई की तरफ से तहरीर ली गई और न ही कोई एफआईआर ही दर्ज की गई है।