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Global Hunger Index: मोदी की मंत्री का संसद में अजब राग, भुखमरी आंकने वाले सूचकांक को ही बता दिया गलत

Janjwar Desk
4 Dec 2021 4:49 AM GMT
Global Hunger Index: मोदी की मंत्री का संसद में अजब राग, भुखमरी आंकने वाले सूचकांक को ही बता दिया गलत
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भाजपा सरकार ने कहा- भारत की सही तस्वीर नहीं दिखाता GHI

Global Hunger Index: साध्वी निरंजन से पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने GHI की सूची पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि रिपोर्ट ने जमीनी हकीकत को अनदेखी कर दिया गया और अवैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल करके रिपोर्ट जारी की गई...

Global Hunger Index: हाल ही में कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्थुंगरहिल्फ द्वारा वैश्विक भूख सूचकांक (Global Hunger Index) की रिपोर्ट प्रकाशित हुई जिसमें 116 देशों की सूची में भारत को 101वां स्थान मिला है। इस लिस्ट में पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में भूख की स्थिति भारत से बेहतर आंकी गई है। मगर भारत की सरकार ने इस रिपोर्ट को ही गलत ठहरा दिया है। सरकार ने एक लिखित जवाब में कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) भारत में भूख की सही तस्वीर नहीं दिखाता है क्योंकि यह भूख का एक गलत पैमाना है।

दरअसल, केंद्र सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति (Sadhvi Niranjan Jyoti) ने शुक्रवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में एक लिखित जवाब पेश किया। इस जवाब में उन्होंने जीएचआई (GHI) को गलत बताया। उन्होंने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट भारत की वास्तविक तस्वीर को नहीं दर्शाता है क्योंकि इसमें भूख की गणना त्रुटिपूर्ण है। साध्वी निरंजन ने कहा कि जीएचआई की गणना चार पैमानों पर आधारित है- अल्पपोषण, चाइल्ड स्टंटिंग, चाइल्ड वेस्टिंग और बाल मृत्यु दर। उन्होंने कहा कि इनमें से केवल एक संकेतक 'अल्पपोषण' का सीधा संबंध भूख से है। दो पैमाने यानी स्टंटिंग और वेस्टिंग विभिन्न अन्य कारकों जैसे स्वच्छता, आनुवंशिकी, पर्यावरण और भूख के अलावा भोजन के सेवन के जटिल इंटरैक्शन के परिणाम हैं। इसके अलावा शायद ही कोई सबूत है कि चौथा संकेतक यानी बाल मृत्यु दर भी बढ़ते भूख का परिणाम है।

भूख मापने का गलत पैमाना- साध्वी निरंजन

केंद्र सरकार की मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 को अधिनियमित किया है जो ग्रामीण आबादी का 75 प्रतिशत और शहरी आबादी का 50 प्रतिशत तक कवरेज करता है। इस प्रकार यह बड़े पैमाने पर एक बड़ी जनसंख्या की भूख दूर करने का उपाय करता है। उन्होंने कहा कि नेपाल और बांग्लादेश 76वें स्थान पर हैं और पाकिस्तान 92वें स्थान पर है। जीएचआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का समग्र जीएचआई स्कोर 2000 में 38.8 से 2021 में 27.5 हो गया है। इस प्रकार देश ने इन वर्षों में लगातार सुधार दिखाया है। खाद्य एवं उपभोक्ता राज्य मंत्री ने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2021 में भारत की रैंकिंग 101वीं है, जबकि नेपाल और बांग्लादेश 76वें स्थान पर हैं और पाकिस्तान 92वें स्थान पर है। जीएचआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का समग्र जीएचआई स्कोर वर्ष 2000 में 38.8 से घटकर 2021 में 27.5 हो गया है। इस प्रकार से देश में इन वर्षों में लगातार सुधार देखने को मिला है।

प्रकाश जावड़ेकर ने भी वैश्विक सूचकांक को बताया गलत

हालांकि, साध्वी निरंजन पहली बीजेपी मंत्री नहीं है जिन्होंने वैश्विक सूचकांक को गलत बताया है। उनसे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Jawdekar) ने RSF के वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 को साफ साफ गलत बता दिया। बता दें कि इस सूचकांक में दुनियाभर के 180 देशों में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर जारी लिस्ट में भारत को 142 वें स्थान पर रखा गया। इस सूची में भी भारत अपने पड़ोसी देश भूटान, नेपाल और श्रीलंका से पीछड़ गया। रिपोर्ट की आलोचना करते हुए, तत्कालीन केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सरकार भारत में प्रेस की स्वतंत्रता के खराब चित्रण के लिए ऐसी एजेंसियों का पर्दाफाश करेगी।

इससे पहले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जीएचआई की सूची पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि रिपोर्ट ने जमीनी हकीकत को अनदेखी कर दिया गया और अवैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल करके रिपोर्ट जारी की गई। भारत सरकार के मंत्रालय की ओर से कहा गया कि कुपोषण का निर्धारण करने के लिए वजन और ऊंचाई के वैज्ञानिक माप के बजाय टेलीफोनिक जनमत सर्वेक्षणों के आधार पर आकलन किया गया और भारत को 101 को गिरा दिया गया।

गौरतलब है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स ने भारत को कुल 116 देशों में 101वें स्थान पर रखा गया है। भारत उन 31 देशों में शामिल है जहां भूख को गंभीर समस्या के रूप में पहचाना गया है। पिछले साल जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) में 107 देशों में भारत 94वें स्थान पर था। यानि इस साल देश की स्थिति और भी खराब हुई है। GHI की लेस्ट में दुनिया के 15 देशों की स्थिति भारत से भी बदतर है। वहीं भारत अपने अधिकांश पड़ोसी देशों से भी पीछड़ा है। भूखमरी में पाकिस्तान को 92वें, नेपाल को 76वें और बांग्लादेश को भी 76वें स्थान पर रखा गया है।


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