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Kashmiri Pandits : मोदी ने 2014 में पंडितों के कश्मीर छोड़ने पर लगाया था अब्दुल्ला परिवार पर आरोप, अब किसके मत्थे मढेंगे दोष

Janjwar Desk
8 Oct 2021 10:00 AM IST
Kashmiri Pandits :  मोदी ने 2014 में पंडितों के कश्मीर छोड़ने पर लगाया था अब्दुल्ला परिवार पर आरोप, अब किसके मत्थे मढेंगे दोष
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(PM मोदी ने कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए अब्दुल्ला परिवार की सांप्रदायिक राजनीति को जिम्मेदार ठहराया था)

Kashmiri Pandits : कश्मीर में पिछले एक हफ्ते में 5 निर्दोष निहत्थे लोगों को आतंकियों ने निशाना बनाया है, जानकारी के मुताबिक बीते कुछ दिनों में आतंकियों द्वारा ऐसे 28 लोगों की हत्याएं की गई हैं..

Kashmiri Pandit : (जनज्वार)। कश्मीर में पिछले एक हफ्ते में 5 निर्दोष निहत्थे लोगों को आतंकियों (Terrorists) ने निशाना बनाया है। जानकारी के मुताबिक बीते कुछ दिनों में आतंकियों द्वारा ऐसे 28 लोगों की हत्याएं की गई हैं। स्थानीय पुलिस प्रशासन (Police Administration) का कहना है कि आतंकवादियों ने अपना मॉड्यूल बदल लिया है और अब वे निहत्थों व अल्पसंख्यकों को अपना निशाना बना रहे हैं।

इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के एक पुराने ट्वीट को शेयर कर सवाल उठाया गया है। साल 2014 के उस ट्वीट में उन्होंने कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) के कश्मीर छोड़ने के लिए अब्दुल्ला (Farukh Abdullah) परिवार की सांप्रदायिक राजनीति को जिम्मेदार ठहराया था। ट्वीट में मोदी ने लिखा था, "अब्दुल्ला परिवार की सांप्रदायिक राजनीति के कारण कश्मीरी पंडितों को वहां से भागना पड़ा। केवल अपने धर्म की वजह से। क्या यही धर्मनिरपेक्षता है ?"

ट्वीट को ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammed Jubair) ने शेयर करते हुए पूछा है, "अब किसे देंगे दोष।" इस ट्वीट पर यूजर्स तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

बता दें कि 7 अक्टूबर, गुरुवार को श्रीनगर (Srinagar) के ईदगाह इलाके में एक सरकारी स्कूल के अंदर घुसकर प्रिंसिपल और शिक्षक की आतंकियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पांच दिनों में घाटी में आतंकियों ने सात नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया है।

इसके बाद कश्मीर के इंस्पेक्टर जनरल (IG of Kashmir) विजय कुमार ने एक बयान जारी कर बताया कि इन 28 में से पांच स्थानीय हिंदू/सिख समुदाय के लोग थे और वहीं 2 गैर-हिंदू मजदूर।

कुमार ने यह भी बताया कि आतंकवादियों पर सुरक्षाबलों की कड़ी कार्रवाई का बदला लेने के लिए नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। बीते सालों में सुरक्षाबलों ने आतंकवादी संगठनों के सरगनाओं, घाटी में मौजूद उनके ठिकानों को तबाह करने के काम किया और यहां कानून-व्यस्था स्थापित होनी शुरू हुई है, जो कि आतंकियों को नागवार गुजर रहा है।

उन्होंने कहा कि आतंकी गुटों ने अब अपनी रणनीति में बदलाव किया है और वे निहत्थे पुलिसवालों, नागरिकों, राजनेताओं और महिलाओं सहित अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं।

कुमार ने कहा, 'इन सभी हत्याओं के लिए आतंकवादियों ने पिस्टल का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं, ये सारे हमले संगठनों में भर्ती किए गए नए आतंकियों ने किए हैं या फिर उन्होंने जो बस आतंकी का टैग पाने वाले हों। पुलिस इन आतंकियों की पहचान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।'

आईजी ने यह भी कहा कि पुलिस को कई सबूत मिले हैं और उनपर काम किया जा रहा है। बता दें कि ईदगाह इलाके के गवर्नमेंट ब्वॉयज सेकेंडरी स्कूल, प्रधानाध्यापक सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की गुरुवार सुबह करीब सवा 11 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई। उस समय स्कूल में कोई विद्यार्थी नहीं था।

इस घटना की खबर फैलते ही शहर और घाटी के कुछ हिस्सों में एक तरह का भय व्याप्त हो जाने के बीच जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि कश्मीर में नागरिकों, खासकर अल्पसंख्यकों की लक्षित हत्या का मकसद भय का माहौल बनाना और सदियों पुराने सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाना है।

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