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कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव-खड़गे, वोरा और आजाद महासचिव पद से मुक्त, बंसल को संगठन प्रशासन की जिम्मेदारी

Janjwar Desk
11 Sep 2020 7:08 PM GMT
कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव-खड़गे, वोरा और आजाद महासचिव पद से मुक्त, बंसल को संगठन प्रशासन की जिम्मेदारी
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी कार्यसमिति की बैठक में सांगठनिक चुनावों की घोषणा की थी। (File photo)

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 11 सितंबर की शाम पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए गुलाम नबी आजाद समेत चार वरिष्ठ नेताओं को महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया, साथ ही पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति का भी पुनर्गठन किया गया है..

नई दिल्लीकांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव किया गया है। पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिवों और प्रभारियों की नई सूची जारी की है। वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे की महासचिव पद से छुट्टी कर दी गई है। इनके साथ-साथ अंबिका सोनी, मोती लाल वोहरा और लुजेनियो फलेरियो को भी उनके पद से हटा दिया गया है। नई सूची में कई नए चेहरों को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 11 सितंबर की शाम पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए गुलाम नबी आजाद समेत चार वरिष्ठ नेताओं को महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया। साथ ही पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति का भी पुनर्गठन किया गया है।


पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से मुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी को संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल आजाद को महासचिव पद से हटाने के साथ ही कांग्रेस कार्यसमिति में स्थान दिया गया है।


वहीं दूसरी ओर आशा कुमारी, अनुग्रह नारायण सिंह, आशा कुमारी, गौरव गोगोई और रामचंद खूंटिया से भी प्रदेश प्रभार वापस ले लिया गया है। इस बदलाव में कई ऐसे नाम सामने आए हैं, जो लंबे समय से संगठन और पार्टी के भीतर हाशिए पर चल रहे थे। वोरा जैसे वरिष्ठ और गांधी परिवार के भरोसेमंद व्यक्ति से संगठन के प्रशासन की जिम्मेदारी लेकर इसे पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को दी गई है।

वोरा से जिम्मेदारी लेने के पीछे एकमात्र वजह उनकी बढ़ती उम्र और सेहत है। पार्टी ने पत्र विवाद की पृष्भूमि में 24 अगस्त को हुई कार्यसमिति की बैठक में बनी सहमति के मुताबिक, छह सदस्यीय एक विशेष समिति का गठन किया है। यह समिति पार्टी के संगठन और कामकाज से जुड़े मामलों में सोनिया गांधी का सहयोग करेगी।

इस विशेष समिति में एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं। सुरजेवाला और तारिक अनवर को पार्टी का नया महासचिव भी नियुक्त किया गया है।

सोनिया गांधी ने नए अध्यक्ष के चुनाव के मद्देनजर वरिष्ठ नेता मधूसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में पार्टी के भीतर सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी का ऐलान भी कर दिया है। वैसे आज कांग्रेस में हुए बदलाव ने राहुल गांधी के कमान लेने की संभावना को पुख्ता किया है।

माना जा रहा है कि ये तमाम बदलाव राहुल गांधी को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। चर्चा थी कि सोनिया गांधी अपने अमेरिका दौरे से पहले संगठन में बदलाव का फाइनल करना चाहती थीं। आने वाले दिनों में अपने रुटीन चेकअप के लिए सिलसिले में उन्हें अमेरिका जाना है।

कांग्रेस ने इस बदलाव में नौ महासचिव और 17 प्रभारी रखे हैं। इनमें जहां कुछ लोगों की जिम्मेदारी नहीं बदली, वहीं कुछ पुरानों को हटाकर नयों का लाया गया जबकि कुछ के प्रभार बदल दिए गए हैं।

महासचिवों में मुकुल वासनिक, हरीश रावत, ओमन चांडी, प्रियंका गांधी, तारिक अनवर, रणदीप सुरजेवाला, जीतेंद्र सिंह, अजय माकन और केसी वेणुगोपाल हैं। हरीश रावत से असम की जिम्मेदारी लेकर पंजाब दे दिया गया जबकि वासनिक से तमिलनाडु और पुद्दुचेरी जैसे प्रभार लेकर उन्हें मध्य प्रदेश दिया गया है। अभी तक वह अतिरिक्त प्रभार देख रहे थे।

इनमें चैकाने वाले नाम तारिक अनवर और सुरजेवाला रहे, जिन्हें क्रमशःकेरल–लक्षद्वीप एवं कर्नाटक जैसे अहम राज्य दिए गए हैं। दूसरी ओर प्रभारियों में रजनी पाटिल, पीएम पुनिया, आरपीएम सिंह, शक्ति सिह गोहिल, राजीव सातव, राजीव शुक्ला, जितिन प्रसाद, दिनेश गुंडूराव, माणिकम टैगोर, चेल्ला कुमार, एच के पाटिल, देवेंद्र यादव, विवेक बंसल, मनीष चतरथ, भक्त चरणदास और कुलजीत नागरा शामिल हैं। इनमें रजनी पाटिल, पुनिया, सातव, गोहिल जैसे नेता पहले से प्रभारी रहे हैं।

पाटिल से हिमाचल का प्रभार लेकर उन्हें जम्मू कश्मीर दे दिया गया। गौरतलब है कि प्रभारियों की लिस्ट में तमाम नाम ऐसे हैं, जो राहुल के पिछले कार्यकाल में प्रदेशों के प्रभारी सचिव का कामकाज देख चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि विवादास्पद चिट्ठी पर दस्तखत करने वाले नेताओं में जितिन प्रसाद भी थे। वहीं, चिठ्ठी लिखने वाले आजाद, आनंद शर्मा को कार्यसमिति में रखा गया है। इन असंतुष्टों में शामिल अरविंदर सिंह लवली को सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी की जिम्मेदारी दी गई। नवगठित कार्यसमिति में 22 सीडब्ल्यूसी सदस्य, 26 स्थायी आमन्त्रित और नौ विशेष आमन्त्रित हैं।

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