Manish Gupta Murdercase Breaking :मनीष हत्याकांड के आरोपी थानाध्यक्ष व दारोगा गिरफ्तार, 1 लाख का था इनाम
(गोरखपुर के मनीष हत्याकांड में आरोपी इंस्पेक्टर और दारोगा गिरफ्तार कर लिए गए हैं)
Manish Gupta Murder case : (जनज्वार)। गोरखपुर जिले (Gorakhapur District) के रामगढ़ ताल थानाक्षेत्र के होटल कृष्णा पैलेस में बीते 27 सितम्बर को हुए बहुचर्चित कानपुर के व्यापारी मनीष हत्याकांड (Manish hatyakand) के मुख्य आरोपित रामगढ़ ताल के तत्कालीन थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर जेएन सिंह और फलमंडी चौकी इंचार्ज दारोगा अक्षय मिश्रा को गोरखपुर पुलिस ने रविवार, 10 अक्टूबर 2021 की रात गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों को स्थानीय थाने के समीप एक तिराहे से गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार दोनों आरोपियों से रामगढ़ताल और क्राइम ब्रांच (Uttarpradesh crime branch) की टीम पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि जल्द ही दोनों को कानपुर एसआइटी (Kanpur SIT) अपने सुपुर्दगी में ले लेगी। जबकि अन्य फरार आरोपियों पर दबाव बनाने के लिए उनके सभी ठिकानों और परिचितों के यहां पुलिस टीम दबिश दे रही है।
बता दें कि बीते 27 सितंबर को अपने मित्र गोरखपुर निवासी चंदन सैनी के कहने पर गोरखपुर का विकास देखने आए कानपुर के युवा व्यवसाई मनीष गुप्ता और उसके दो दोस्त रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र के कृष्णा पैलेस होटल (Krishna Palace Hotel) में ठहरे थे। जहां देर रात आरोपी थानाध्यक्ष जेएन सिंह, फल मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर विजय यादव, राहुल दुबे और दो पुलिसकर्मी चेकिंग की बात कह उनके कमरे में घुसे।
मृतक मनीष के परिजनों का आरोप है कि फोटो आईडी चेक करने के नाम पर मनीष द्वारा किए गए विरोध से नाराज होकर उसे पीटना शुरू कर दिया। जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।
इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा की गिरफ्तारी की एसएसपी डा. विपिन ताडा ने पुष्टि की है। पुलिस के मुताबिक कानपुर व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में फरार आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायन सिंह (जेएन सिंह) चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में गोरखपुर आए थे। आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
बता दें कि दो दिन पहले फरार पुलिसकर्मियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इनाम की राशि 24 घंटे के भीतर ही बढ़ाकर एक-एक लाख रुपये कर दी गई थी। घटना के बाद से यह पुलिसकर्मी फरार चल रहे थे। घटना की जांच कर रही एसआईटी टीम की सदस्य और डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया था कि बर्रा-3 के जनता नगर निवासी मनीष की मौत के मामले में फरार चल रहे हत्यारोपित तत्कालीन इंस्पेक्टर अमेठी के मुसाफिरखाना निवासी जेएन सिंह, बलिया निवासी तत्कालीन एसआई अक्षय मिश्रा, जौनपुर बक्सा निवासी एसआई विजय यादव, मिर्जापुर निवासी एसआई राहुल दुबे, गाजीपुर निवासी मुख्य आरक्षी कमलेश यादव और गाजीपुर निवासी आरक्षी प्रशांत कुमार को सस्पेंड किया जा चुका है।
फरार पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छह टीमें लगी थीं। जल्द से जल्द गिरफ्तारी के लिए इन पर इनाम की राशि बढ़ाई गई थी, साथ ही फोटो को भी सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। डीसीपी के मुताबिक आरोपितों के बारे में सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और उसकी सुरक्षा का जिम्मा भी कमिश्नरेट पुलिस लेगी।