Parliament Winter Session: राज्यसभा में भी पारित हुआ कृषि कानून वापसी बिल, अब राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार
दोनों सदनों में पास हुआ कृषि कानून वापसी बिल
Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Sesson) पहले दिन सोमवार 29 नवंबर को कृषि कानून वापसी बिल (Farm Laws Repeal Bill) दोनों सदनों में पास हो गया है। विपक्ष के भारी शोर शराबे और हंगामे के बीच तीन कृषि कानून (Agriculture Laws Repeal) को निरस्त करने वाला विधेयक लोकसभा से पास हो गया। सदन की कार्यवाही 12 बजे के बाद शुरू होने पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में विधेयक पेश किया और बिना किसी चर्चा के बिल को पारित कर दिया गया। इसके साथ ही दोपहर दो बजे के बाद इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया गया और ध्वनिमत से उच्च सदन से भी बिल पास हो गया। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलने के बाद तीन कृषि कानून खत्म हो जाएंगे।
चर्चा के बगैर पारित हुआ बिल
संसद सत्र (Parliament Session) शुरु होते ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कृषि कानून वापसी का बिल पेश किया, जो पास भी हो गया। इसके बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कानून वापसी पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की मांग को लेकर विपक्ष हंगामा करता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्ष से कहा कि आप चर्चा चाहते हैं तो हम वो करवाने को तैयार हैं, लेकिन बावजूद विपक्ष ने नारेबाजी जारी रखी। विपक्ष ने लोकसभा के बाहर भी गांधी प्रतिमा के सामने खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और एमएसपी पर तत्काल कानून बनाने की मांग की। विपक्षी नेताओं के हंगामे के मद्देनजर दोनों सदनों को मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
कांग्रेस ने बताया बीजेपी चुनावी एजेंडा
लोकसभा के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 2 बजे राज्यसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक (Farm laws repeal bill) पेश किया था। सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर निशाना साधा। राज्यसभा में खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार ने उपचुनाव के नतीजे देखने के बाद कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है, इसलिए भाजपा सरकार को लगा कि नुकसान हो सकता है। खड़गे के आरोप पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि "हम किसानों को समझाने में सफल नहीं हुए इसलिए प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक बड़प्पन का परिचय दिया और कानून वापस लिए।"
जारी रहेगा किसानों का आंदोलन