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Ganga Expressway: अडानी को मोदी सरकार ने दिया गंगा एक्सप्रेसवे बनाने का ठेका, जिस दूसरी कंपनी को मिला टेंडर वह भी नितिन गडकरी की चहेती

Aditi chaudhary
3 Dec 2021 7:02 AM GMT
Ganga Expressway: अडानी को मोदी सरकार ने दिया गंगा एक्सप्रेसवे बनाने का ठेका, जिस दूसरी कंपनी को मिला टेंडर वह भी नितिन गडकरी की चहेती
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अडानी समूह को मिला गंगा एक्सप्रेसवे बनाने का टेंडर


Ganga Expressway: करीब 36 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों का चयन हो गया। गंगा एक्सप्रेसवे के काम को चार भागों में बांटा गया है। पहले चरण का काम IRB को मिला है, जबकि तीन चरणों का काम अडानी समूह करेगा...

Adani Group: केंद्र की भाजपा सरकार देश के उद्योगपतियों पर मेहरबान हैं। मोदी सरकार यूं ही अडानी-अंबानी (Adani-Ambani) की सरकार नहीं कहलाती है। इसके पीछे मजबूत तथ्य भी हैं। तमाम रिपोर्ट्स और सर्वे इस बात की गवाही देते हैं कि देश की एक दो जानी मानी कंपनियों का कारोबार साल 2014 के बाद खूब फल-फूल रहा है। कोरोना काल में भी इन कंपनियों के मालिक ने रिकॉर्डतोड़ मुनाफा कमाया है। अब भाजपा सरकार अपने चहेते उद्योगपतियों पर एक बार फिर मेहरबान हुई है। इस बार यूपी में योगी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) के कोरोड़ों का टेंडर अडानी ग्रुप (Adani Group) को मिला है। अडानी ग्रुप के अलावा आईआरबी (IRB Infrastructure) को भी महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य सौंपा गया है। दिलचस्प बात ये है कि इस कंपनी के मालिक केंद्र सरकार में परिवहन मंत्री नितीन गडकरी के चहेते हैं। दोनों के जोड़ी पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप में विवादों में रह चुकी है।

अडानी को मिला तीन चरणों का टेंडर

बता दें कि बुधवार 2 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किमी लंबे छह लेन गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण का जिम्मा अडानी समूह (Adani Group) और आईआरबी (IRB) को दिया गया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर (IIDC) संजीव मित्तल की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सामने मंगलवार की देर शाम फाइनेंशियल बिड खोली गई। बुधवार को करीब 36 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों का चयन हो गया। कुल तीन कंपनियों ने बोली लगाई थी। गंगा एक्सप्रेसने (Ganga Expressway Construction) के काम को चार भागों में बांटा गया है। पहले चरण में मेरठ से अमरोहा तक का काम आईआरबी को मिला है। अमरोहा से प्रयागराज तक तीन चरणों का काम अडानी समूह करेगा।

IRB और नितीन गडकरी का कनेक्शन

गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रुप के अलावा आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को गंगा एक्सप्रेसवे का काम मिला है। बता दें कि IRB Infrastructure एक मुंबई बेस्ड कंपनी हैं, जिसके जिसके सीएमडी वीरेंद्र डी. म्हैस्कर (Virendra D. Mhaiskar) हैं। केंद्र सरकार में सड़क और परिवहन मंत्री नितीन गडकरी (Nitin Gadkari) के साथ उनके पुराने संबंध रहे हैं। कांग्रेस ने साल 2016 में दावा किया कि नितीन गडकरी का आईआरबी के साथ व्यापारिक संबंध है और उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में PWD मंत्री रहते हुए कंपनी को 10,050 करोड़ रुपये का ठेका दिलवाया।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने नितीन गडकरी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि महाराष्ट्र में नितीन गडकरी के मंत्री होते हुए सभी टेंडर वहां की कंपनी IRB को दी गई। कांग्रेस के अनुसार, साल 2011 तक गडकरी के बेटे निखिल कंपनी में शेयर होल्डर भी रहे हैं। सिंह ने 10 जनवरी 2016 को आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर में जोजिला पास सुरंग का ठेका आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड को सीवीसी दिशानिर्देशों के उल्लंघन में दिया गया था। हांलाकि, इन सभी आरोप को गसत बताते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा था कि ठेका देने में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं की गई और कंपनी को तकनीकी रूप से उत्तरदायी पाए जाने के बाद प्रदान किया गया था।

गौरतलब है कि गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का अबतक का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे (Longest Expressway) होगा। करीब 36,000 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना के निर्माण के लिए भाजपा सरकार ने अडानी कंपनी को चुना है। इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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