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अजय लल्लू बोले- सदन में उठाएंगे महिलाओं के साथ दरिंदगी के मामले, बदतर कानून व्यवस्था पर राज्यपाल चुप क्यों?
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा है कि पूरे प्रदेश में जंगलराज कायम है। अपराधियों और पुलिस का गठजोड़ चरम पर है। प्रदेश की जनता, महिलाएं अपराधियों और पुलिस के रवैए से त्राहिमाम कर रही हैं। लखीमपुर की अबोध बच्ची के साथ गैंगरेप, हत्या और शारीरिक दरिंदगी ने पूरे प्रदेश को शर्मसार किया है। महिलाएं न्याय न मिलने और दर दर भटकने के बाद सत्ता के गलियारे के सामने आत्मदाह करने को अभिशप्त हैं।
लल्लू ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और हिंसा के मामले में बेतहाशा बढ़ोतरी पर योगी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि योगी सरकार ने झूठ और गलत तथ्य देने के लिए 11 अफसरों की टीम बना रखी है जो जनता को गुमराह करने का काम करती है। लखीमपुर में अबोध बच्ची के साथ गैंगरेप के बाद हत्या इसका ताजा उदाहरण है। उन्होंने बताया कि लखीमपुर खीरी में हुई शर्मनाक घटना की वस्तुस्थिति जानने के लिए पूर्व सांसद श्री ज़फर अली नक़वी और जिला अध्यक्ष पीड़ित परिवार से मुलाकात किये हैं।
लल्लू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी महिलाओं और बच्चियों के साथ होने वाली दरिंदगी सहित लखीमपुर की घटना को सदन पर पुरजोर तरीके से उठाएगी। उन्होंने कहा कि महामहिम राज्यपाल जी बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चुप्पी क्यों साधे हुईं हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं सबसे असुरक्षित है, हत्या-बलात्कार से पूरा पूरा प्रदेश दहल चुका है। यूपी अपराध और अपराधियों का हब बन चूका है, कानून का राज पूरी तरह धराशाही हो गया है। अपराधी मनबढ़ हो गए हैं। कुछ को सत्ता का संरक्षण मिला है तो कुछ पुलिस की सरपरस्ती में अपराधों को अंजाम दे रहे हैं।
लल्लू ने कहा कि लखीमपुर की घटना से पूर्व बुलंदशहर, हापुड़, जालौन की घटनाओं की सियाही अभी सूखी नही थी कि लखीमपुर की घटना हो गयी। उन्होंने कहा कि यूपी में कानून के डर के खात्मे और महिलाओं के लिए फैले असुरक्षा के माहौल को दर्शाता है। प्रशासन छेड़खानी की घटनाओं को गंभीरता से नहीं लेता। जिसके चलते यह सब घटनाएं होती आ रही हैं। महिलाओं पर होने वाले हर तरह के अपराध पर जीरो टॉलरेंस होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि यूपी की कानून-व्यवस्था स्वाहा होती जा रही है। बुलंदशहर में छेड़खानी के दौरान छात्रा की मौत हो गई। अपनी भांजी को बचाते हुए मारे गए पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या सबको याद है। पिछले दिनों ही जालौन में पुलिस प्रताड़ना से आहत युवती ने आत्महत्या की थी पुलिस महिलाओं की समस्याएं सुनने के बजाए इतना प्रताड़ित कर रही है कि उन्हें आत्महत्या करने पर विवश होना पड़ रहा है। उ0प्र0 की सड़कों पर अपराधियों का कब्जा हो चुका है, पूरा प्रदेश अपराधियों के गिरफ्त में है। सरकार कहाँ है, न्याय कहाँ है?