Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Yogi Cabinet Ministers List: मुख्यमंत्री के क्षेत्र से 3 बने मंत्री,बस्ती मंडल को नहीं मिली जगह

Janjwar Desk
26 March 2022 1:24 PM IST
Yogi Cabinet Ministers List: मुख्यमंत्री के क्षेत्र से 3 बने मंत्री,बस्ती मंडल को नहीं मिली जगह
x

भाकपा (माले) ने योगी सरकार 2.0 के पहले बजट की आलोचना करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा के नाम पर बजट आवंटन दिखाकर सरकार महिला सुरक्षा का ढोंग कर रही है (file photo)

Yogi Cabinet Ministers List: उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार की दूसरी पारी की शुक्रवार से शुरूआत हो गई। यूपी मंत्रीमंडल के 55 सदस्यीय टीम में पूर्वांचल के विशेषकर गोरखपुर-बस्ती मंडल के पिछले सरकार में मंत्री रहे कई चेहरे इस बार गायब हो चुके हैं

जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट

Yogi Cabinet Ministers List: उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार की दूसरी पारी की शुक्रवार से शुरूआत हो गई। यूपी मंत्रीमंडल के 55 सदस्यीय टीम में पूर्वांचल के विशेषकर गोरखपुर-बस्ती मंडल के पिछले सरकार में मंत्री रहे कई चेहरे इस बार गायब हो चुके हैं, वहीं पहली बार सलेमपुर से विधायक बनी विजय लक्ष्मी गौतम को मंत्री बनाकर नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं को भी अचंभित कर दिया।

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर के मतदताओं ने जहां भारी मतों से जीत दिलाई थी,वहीं गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटों में से 34 पर मतदाताओं ने भाजपा को जनादेश दिया।पूर्वांचल के एक बड़े हिस्से में कामयाबी का खिताब दिलाने में इस इलाके के लोगों ने आगे बढ़कर अपना योगदान दिया। भाजपा को मिली शानदार जीत के बाद मंत्रीमंडल में इस इलाके को विशेष तरजीह देने की बात चल रही थी। इसकी उम्मीद लगाए लोगों को निराशा हाथ लगी है।

सबसे खास बात यह है कि देवरिया जिले के सलेमपुर विधानसभा क्षेत्र से विजय लक्ष्मी गौतम पहली महिला विधायक बनी हैं। इन्हें योगी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। विजय लक्ष्मी गौतम को मंत्रिमंडल में शामिल कर भाजपा ने इतिहास रच दिया है। 1952 से अब तक यहां से जीत दर्ज करने वाले किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी। हालांकि, विजय लक्ष्मी गौतम पहली बार विधायक बनी हैं। 2012 में सलेमपुर से बतौर भाजपा प्रत्याशी विधायक का चुनाव लड़ीं थीं। इसमें सपा के मनबोध प्रसाद ने चुनाव जीता।

2017 में भाजपा ने विजय लक्ष्मी का टिकट काटकर काली प्रसाद को उम्मीदवार बना दिया था। इस दौरान विजय लक्ष्मी गौतम ने पार्टी से बगावत कर सपा से चुनाव लड़ी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस बार अंतिम समय में सपा गठबंधन में यह सीट सुभासपा के कोटे में चले जाने पर विजय लक्ष्मी एक बार फिर भाजपा का दामन थाम ली। जिसके बाद भाजपा ने वर्तमान विधायक काली प्रसाद का टिकट काटकर विजय लक्ष्मी को उम्मीदवार बनाया,जिसमें उन्हें जीत मिली। सलेमपुर विधानसभा से तीसरी बार भाजपा ने अपनी जीत दर्ज कराई है।

मुख्यमंत्री के क्षेत्र से तीन बने मंत्री

देवरिया के पथरदेवा सीट से विधायक व प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही इस बार भी कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। शाही पांच बार से विधायक हैं। एक बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सूर्य प्रताप शाही 1985 में पहली बार कसया से विधायक हुए। उसके बाद 1991 और 1996 में जीते। इस दौरान वह प्रदेश सरकार में ,स्वास्थ्य मंत्री और आबकारी मंत्री, कृषि,कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान विभाग के कैबिनेट मंत्री के पद पर रह चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष के पद पर व संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।

सूर्य प्रताप शाही का जन्म सन 1952 में पथरदेवा के पकहा गांव में हुआ था। इन्होंने बीआरडी पीजी कॉलेज से स्नातक किया है। बीएचयू से एलएलबी की पढ़ाई की है। सूर्य प्रताप शाही छात्र जीवन से ही राजनैतिक रूप से सक्रिय थे। इन्होंने छात्र जीवन मे भी चुनाव लड़ा था। इनके चाचा रविन्द्र किशोर शाही भारतीय जनसंघ के प्रदेश अध्यक्ष और 1977 से 1979 तक यूपी सरकार में मंत्री रहे है।

जबकि रूद्रपुर से निर्वाचित जयप्रकाश निषाद को इस बार मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिली है। उत्तर प्रदेश में पशुधन घोटाले के बाद अधिकारियों- मंत्रियों की मिलीभगत से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में नमक की सप्लाई का ठेका दिलाने के नाम पर हुए करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े में भी पशुधन राज्यमंत्री रहे जय प्रकाश निषाद की संलिप्पतता का शक रहा है। इससे पहले यूपी के पशुपालन विभाग में आटे की सप्लाई के नाम पर ठगी हुई थी। इसमें गुजरात के व्यापारी नरेन्द्र पटेल ने एफआईआर दर्ज करायी थी, जिसमें पत्रकारों अधिकारियों ने व्यापारी को पशुधन विभाग मे ठेका दिलाने के नाम पर करोड़ों रूपये ठगे थे। पशुपालन विभाग के मामले की जांच के दौरान ही खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का फर्जीवाड़ा सामने आया था। डा. संजय निषाद को मंत्रीमंडल में शामिल कर सरकार ने इसकी भरपाई करने की कोशिश की है। भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव निषाद पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था। मंत्रीमंडल में निषाद पार्टी के हिस्से में एक कैबिनेट मंत्री आना तय माना जा रहा था। भाजपा ने निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद को कैबिनेट मंत्री बनाया है।

मंत्रीमंडल में कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से सुरेंद्र कुशवाहा को मंत्री बनाने की चर्चा जोरों पर थी। सुरेंद्र कुशवाहा ने पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ते हुए सपा के चर्चित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को शिकस्त देकर प्रदेश की राजनीति में बड़ा उलटफेर किया था। सुरेंद्र कुशवाहा को इस बड़ी जीत के लिए मंत्री पद इनाम के रूप में चर्चा थी। गोरखपुर जिले की कैम्पियरगंज सीट से सातवीं बार विधायक बने फतेहबहादुर सिंह, चिल्लूपार में भाजपा को पहली बार जीत दिलाने वाले राजेश त्रिपाठी का नाम भी चर्चा में था। महराजगंज से ज्ञानेन्द्र सिंह का नाम भी मंत्री पद के संभावित दावेदारों में लिया जा रहा था।

बस्ती मंडल में भाजपा का प्रदर्शन इस बार खराब रहा। सिद्धार्थनगर की बांसी सीट से आठवीं बार विधायक बने जयप्रताप सिंह इस बार मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किये गए हैं। पिछली सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। गोरखपुर जिले की खजनी सीट से पिछली सरकार में राज्यमंत्री श्रीराम चैहान भी इस बार मंत्री नहीं बनाए गए।

ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नई सरकार में पूर्वांचल खासतौर पर गोरखपुर एवं बस्ती मंडल को पिछली बार की तुलना में बहुत कम महत्व मिला है। पिछली सरकार में तीन कैबिनेट मंत्री व तीन राज्यमंत्री बनाए गए थे। योगी 2.0 में गोरखपुर मंडल से महज दो कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। वहीं एक राज्यमंत्री बनाया गया है। बस्ती मंडल से किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया। स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह, मत्स्य विभाग के राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद व राज्यमंत्री श्रीराम चैहान की मंत्रीमंडल से छुट्टी हुई है।

पूर्वांचल की राजनीति में गोरखपुर व बस्ती मंडल की अहमियत के बावजूद मंत्रीमंडल में कम प्रतिनिधित्व मिलने से मंत्री पद की दौड़ में शामिल तमाम चेहरों को मायूसी मिली है। भाजपा की इस रणनीति की एक वजह यह मानी जा रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस क्षेत्र से होने के कारण इस इलाके पर अपनी पूरी नजर बनाए हुए हैं। मंत्रीमंडल में पश्चिम व पूर्वी क्षेत्र को अधिक प्रतिनिधित्व देकर भाजपा इस इलाके में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है।

Next Story

विविध