Uttarakhand News : महीनों से पानी को तरस रहे ग्रामीणों के साथ-साथ भाजपाईयों ने भी मोदी के मंत्री की लगा दी क्लास
(उत्तराखंड पहुंचे केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट की ग्रामीणों ने लगा दी क्लास)
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Uttarakhand News : राज्य में आई आपदा के दौरान उत्तराखण्ड के बेतालघाट इलाके (Betalghat area of Uttarakhand) में निरीक्षण के लिए अपने लाव-लश्कर के साथ निकले केंद्रीय मंत्री अजय भटट को उन्ही की पार्टी कार्यकर्ताओं ने पानी की किल्लत को लेकर जमकर लताड़ लगा डाली।
सरेआम मंत्री (Central Minister Ajay Bhatt) की जनता की अदालत में क्लास लगते देख मंत्री के साथ मौजूद किसी ने मंत्री की फजीहत कर रहे लोगों को मंत्री की वरिष्ठता का प्रोटोकॉल (Protocol) याद दिलाने की कोशिश की तो ग्रामीण और भड़क गए। पेयजल जैसी मामूली किल्लत पर केंद्रीय मंत्री की इस फजीहत को पार्टी के जिलाध्यक्ष (BJP District President) ने लोगों का स्वभाविक गुस्सा बताया है।
उत्तराखण्ड में वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के डबल इंजन (Double Engine Government) की सरकार है। मंचों से भाजपा के जनप्रतिनिधि विकास के बड़े-बड़े दावे करते रहते हैं। लोगों की हर परेशानी को विपक्ष का एजेंडा बता कर खारिज करने वाली भारतीय जनता पार्टी के लोगो को लगता है कि राज्य में सब कुछ ठीक-ठाक है। लेकिन दरअसल जनाक्रोश का लावा अंदर ही अंदर भभकता रहता है।
नैनीताल जिले (Nainital District) के बेतालघाट विकासखंड में ऐसा ही गुस्साए ग्रामीणों का एक लावा रविवार को केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भटट के सामने उस समय फूट पड़ा जब वह अपने लाव-लश्कर के साथ इस इलाके में घुस आए। पिछले चार महीने से पीने के पानी की एक-एक बूंद के लिए जददोजहद कर रहे ग्रामीण मंत्री को देखते ही भड़क उठे।
गुस्साए ग्रामीणों ने आव देखा न ताव, मंत्री को पानी की किल्लत (Short age of water) के लिए लताड़ना शुरू कर दिया। अपने लाव-लश्कर के सामने ग्रामीणों का यह रुख देखकर मंत्री अजय भटट न केवल सकपका गए बल्कि ग्रामीणों को बातों की जलेबी से भरमाने की भी कोशिश करने लगे। मंत्री की यह हरकत ग्रामीणों की इतनी नागवार लगी कि मौके पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही उनकी जमकर फजीहत करनी शुरू कर दी।
दरअसल बेतालघाट क्षेत्र में पिछले 4 महीने से पानी की बूंद बूंद को लोग तरस रहे हैं। घंटों इंतजार में खड़े रहने के बाद कई किलोमीटर दूर से लोग पानी भरकर लाते है। केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट के बेतालघाट दौरे के दौरान ग्रामीणों को लगा कि मंत्री शायद उनकी समस्या का कोई समाधान करेंगे। लेकिन आपदाग्रस्त क्षेत्र में निरीक्षण कर रहे मंत्री ने जनसभा को संबोधित करने के मोड में आते हुए लोगों को पानी की जगह भाषण की घुट्टी पिलाकर टरकाना चाहा।
मंत्री बताना चाहते थे कि आपदा के दौरान वह इतना घूम रहे हैं कि उन्हें आराम भी नहीं मिला है। लेकिन मंत्री के चार दिन के भृमण के सामने ग्रामीणों की चार महीने से चली आ रही पानी की समस्या इतनी बड़ी थी कि उनका गुस्सा मंत्री के सामने फूट पड़ा।
ग्रामीणों के साथ ही भाजपा के ही स्थानीय कार्यकर्ता जो कि पेयजल किल्लत से परेशान थे उन्होंने भी केंद्रीय मंत्री के सामने साफ कर दिया कि न सड़क मांग रहे हैं न बिजली मांग रहे हैं। कम से कम पीने का पानी तो मुहैया करा दो।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्री को हिदायत देते हुए कहा कि मंच पर बैठने से और पद लेने से कुछ नहीं होता। धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा। ऐसी नेतागिरी हमें भी आती है। मंच पर बैठना हमें भी आता है। ग्रामीणों ने पेयजल विभाग के अधिकारियों से कमीशन को लेकर सांठ-गांठ का इल्जाम भी मंत्री के सामने लगाया।
केंद्रीय राज्य मंत्री के साथ मौके पर मौजूद भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट ने कहा कि ये कोई आक्रोश नहीं था। जनता की समस्याओं को लेकर उनकी नाराजगी थी जो कि स्वाभाविक भी है। तत्काल संज्ञान लेते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भटट ने जिलाधिकारी को पेयजल व्यवस्था करने के निर्देश भी दे दिए हैं।
जबकि भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जा चुके नैनीताल के विधायक संजीव आर्य ने कहा कि भाजपा को छोड़ने का मुख्य कारण ही क्षेत्र में विकास न हो पाना रहा है। वह अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए विकास की कई योजनाओं की फाइलें बनाकर कार्यवाही के लिए दे चुके हैं।
लेकिन इस सरकार की विकास विरोधी सोच के कारण कोई भी योजना मूर्तरूप नहीं ले पाई है। विकास कार्य न होने की वजह से ही उन्होंने भाजपा छोड़ी है। जगह-जगह लोग अपनी समस्याओं के लिए आज इतने आक्रोशित हैं कि सरकार के मंत्रियों के सामने तक उनका गुस्सा निकल रहा है।