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उत्तराखंड में हुई बिकरू कांड दोहराने की कोशिश, खनन माफिया को लेकर 2 राज्यों की पुलिस आमने-सामने, वारदात की Inside Story

Janjwar Desk
14 Oct 2022 4:34 AM GMT
उत्तराखंड में हुई बिकरू कांड दोहराने की कोशिश, खनन माफिया को लेकर 2 राज्यों की पुलिस आमने-सामने, वारदात की Inside Story
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उत्तराखंड के भरतपुर पहुँचकर UP Police ने बिकरू कांड को दोहराने की कोशिश की है। यहां बुधवार रात 50 हजार के इनामी जफर का पीछा करते हुए पुलिस भरतपुर स्थित एक मकान में दाखिल हो गई। जिसके बाद माफिया और उसके साथियों ने पुलिस टीम को घेरकर पीटा...

त्तराखंड के भरतपुर पहुँचकर UP Police ने बिकरू कांड को दोहराने की कोशिश की है। यहां बुधवार रात 50 हजार के इनामी जफर का पीछा करते हुए पुलिस भरतपुर स्थित एक मकान में दाखिल हो गई। जिसके बाद माफिया और उसके साथियों ने पुलिस टीम को घेरकर पीटा। इस दौरान फायरिंग भी की गई। जिसमें इंस्पेक्टर सहित 6 पुलिसवाले घायल हुए। एसओजी प्रभारी रविंद्र सिंह व मनोज ने मकान से कूदकर अपनी जान बचाई। ये मुरादाबाद पुलिस का अपना पक्ष है।

पुलिस से भिड़ंत पर 35 ग्रामीणों पर मुकदमा

उत्तराखंड के कुंडा थाने में ग्रामीणों से भिड़ंत को लेकर UP Police ने ठाकुरद्वार थाने में इनामी खनन माफिया जफर अली के साथ 35 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार सिंह ने दी गई तहरीर में कहा कि, 'खूफिया सूचना पर बुधवार शाम करीब पौने 6 बजे कमालपुर चौराहे पर जफर को रोकने की कोशिश की गई। जिसपर उसने फायरिंग करते हुए गाड़ी दौड़ा दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक गोली कांस्टेबल दीपक के हाथ में लगी। पीछा करने के दौरान आरोपी कार सहित भरतपुर निवासी जगतार सिंह भुल्लर के घर में घुस गया।

पीछा कर रही पुलिस टीम भी भीतर दाखिल हुई। वहां पहले से मौजूद 30 से 35 अज्ञात लोगों ने लाठी, ईंट, पत्थरों और धारदार हथियारों से पुलिस पार्टी पर हमला बोल दिया। पुलिस का कहना है कि तीन लूट की सरकारी पिस्टलों से पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी गई। वहीं, सूत्रों की माने तो माफिया जफर के नेपाल भाग जाने की चर्चा है। इधर कुंडा थाने में पुलिसवालों पर दर्ज हत्या की रिपोर्ट में जांच भी शुरू कर दी गई है।

पुलिस ने पाला अब पुलिस ही बन रही शिकार

मुरादाबाद जिले में दस सालों में खनन के 33 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हुए हैं। जिनमें 142 लोगों को आरोपी बनाया गया है। ठाकुरद्वार प्रकरण के बाद 9 लोगों पर 50-50 हजार का इनाम भी घोषित किया गया। बावजूद इसके पुलिस रिकॉर्ड में जिले के अंदर एक भी खनन माफिया नहीं है। नाम ना छापने पर एक पुलिसकर्मी ने बताया कि, ठाकुरद्वार, भरतपुर, डिलारी, कुंदरकी, कटघर और मूंढापांडे में वर्षों से खनन जारी है। उत्तराखंड से आने वाले रेता बजरी लदे ट्रक इन्हीं रास्तों से होकर गुजरते हैं। मुरादाबाद में इस धंधे में लिप्त लोगों ने सीओ, दरोगा और पुलिस टीम को कुचलने की कोशिश तक की। खनन विभाग की टीम पिछले दस वर्षों में कई बार बंधक बनाई जा चुकी है।

पुलिस को नहीं मिली वो गोली जिससे मरी महिला

बुधवार रात लगभग तीन बजे गुरजीत कौर का पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों के पैनल ने किया। टीम के मुताबिक महिला के शरीर में लगी गोली फेफड़े को चीरती हुई निकल गई। जिस वजह से उनकी मौत हो गई। इस एक चोट के अलावा पूरे शरीर पर कोई चोट नहीं है। महिला की मौत जिस गोली से हुई वो पुलिस के हथियार से चली या निजी असलहे से इसका जवाब पुलिस के पास नहीं है। परिजनों का कहना है कि पुलिस की गोली से गुरजीत की मौत हुई है, जबकि पुलिस इनकार कर रही है।

आमने-सामने आई UP-UK पुलिस

कथित मुठभेड़ और भरतपुर घटना को लेकर यूपी और उत्तराखंड पुलिस आमने सामने आ गई है। दोनों ही प्रदेशों की पुलिस एक दूसरे पर आरोप लगाने के साथ एक दूसरे के दावों को खारिज कर रही है। एसएसपी मुरादाबाद हेमंत कुटियाल ने बताया कि, ठाकुरद्वारा के कमालपुरी चौराहे पर 50 हजार का इनामी जफर फायरिंग कर भाग रहा था। वह उत्तराखंड पहुँच रहा था, जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई। इसके हमारे पास पर्याप्त साक्ष्य हैंवहीं उत्तराखंड पुलिस के उधमसिंह नगर के एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने मुरादाबाद पुलिस के दावों को खारिज किया है। उन्होने कहा कि स्थानीय पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई। एफआईआर सबसे उपर है। हम एफआईआर की विवोचना कर रहे हैं। विवेचना में साफ हो जाएगा कि, कौन सच बोल रहा और कौन झूठ।

कौन है जफर? जिसके चलते टकराई 2 राज्यों की पुलिस

डिलारी थाना क्षेत्र के काकरखेड़ा गांव का रहने वाला जफर ने 15 साल पहले नाखूनका में अपने दो भाइयों के साथ सीमेंट, बजरी की छोटी सी दुकान शुरू की थी। इसी कारोबार के दौरान जफर खनन माफिया के संपर्क में आया। जिसके बाद धन कमाने के लालच में उसने अवैध खनन की तरफ कदम बढ़ाने शुरू किये। जफर ने खनन से खूब रूपया कमाया। इसके बाद कारोबार बढ़ाने के लिए खुद और रिश्तोदारों के नाम पर डंपर खरीदने शुरू किये। आज जफर के पास 15 से भी अधिक डंपर होने बताये जाते हैं।

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