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जम्मू-कश्मीर में कोरोना के 8 नए मामले, कुल मरीजों की संख्या हुई 70

Janjwar Team
2 April 2020 4:33 PM GMT
जम्मू-कश्मीर में कोरोना के 8 नए मामले, कुल मरीजों की संख्या हुई 70
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जम्मू-कश्मीर सूचना विभाग द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि कुल मामलों में कश्मीर से 53 और जम्मू से 17 लोगों का परीक्षण पॉजिटिव आया है...

जम्मू, जनज्वार। जम्मू-कश्मीर में बुधवार 1 अप्रैल को कोरोना वायरस के आठ नए मामले सामने आए हैं। अब इस केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 रोगियों की संख्या 70 हो गई है। जम्मू-कश्मीर सूचना विभाग द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि कुल मामलों में कश्मीर से 53 और जम्मू से 17 लोगों का परीक्षण पॉजिटिव आया है।

ब तक तीन पॉजिटिव मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि कश्मीर में दो लोगों ने दम तोड़ दिया है। इससे अब यहां सक्रिय मामलों की संख्या जम्मू संभाग में 17 और कश्मीर संभाग में 48 रह गई है।

तीसरा पॉजिटिव रोगी जिसे श्रीनगर के छाती रोग अस्पताल में क्वारंटीन किया गया था, उसे अभी अलग-थलग (आइसोलेट) कर दिया गया है। वहां उपस्थित चिकित्सकों ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, रोगी का एक बार परीक्षण नेगेटिव आया था, लेकिन केवल 24 घंटे में दो बार नेगेटिव परीक्षण आने पर ही उसे पूरी तरह से ठीक घोषित किया जा सकता है।

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हीं चार मामलों में परीक्षण के परिणाम प्रतीक्षित हैं। अब परीक्षण के लिए कुल 1,084 नमूने एकत्र किए गए थे, जिनमें से 1,010 का परीक्षण नेगेटिव रहा।

17,677 व्यक्तियों को निगरानी के लिए कहा गया था, जिनमें से 10,694 को घर पर ही क्वारंटीन करके रखा गया था। 65 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया था। जबकि 622 को अस्पताल में क्वारंटीन करके रखा गया था।

धिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कुल 2187 लोगों ने निगरानी पूरी कर ली है, जबकि 4,109 लोग अभी भी घर में क्वारंटीन हैं।

लॉकडाउन के दौरान मुश्किलों के दौर से गुजर रहे हैं कश्मीरी परिवार

कोरोनावायरस महामारी फैलने के साथ ही कई लोग गरीबी की मार से भी जूझ रहे हैं। लॉकडाउन का मतलब उन लोगों के लिए भी कोई काम नहीं करना है जो अब टूटने की कगार पर हैं और उनके लिए काम से दूर रहना बहुत मुश्किल हो रहा है।

श्मीर के मोहम्मद शाबान उन लोगों में से एक है जिन्हें लॉकडाउन ने मुश्किल में डाल दिया गया है। वह पिछले महीने लॉकडाउन होने से ठीक पहले अपने 7 सदस्यों वाले परिवार के साथ कुपवाड़ा से श्रीनगर आया था और अब वह बेहद चिंतित है।

पिछले कुछ साल उनके और उनके परिवार के लिए बेहद कठिन रहे हैं। 2016 में कश्मीर में फैली अशांति के दौरान गोली के र्छे लगने से उनकी आंख की रोशनी चली गई। एक साल बाद हुई एक आंख की सर्जरी ने उनकी एक आंख की थोड़ी नजर लौटाई। उनके पास इस लॉकडाउन अवधि को बिताने के लिए भोजन या संसाधन नहीं है।

मोहम्मद शाबान ने कहा, 'मैं श्रीनगर में चार दिनों तक भूखा रहा। पिछले चार साल से हम सिर्फ उबले हुए आलू और पानी पर जी रहे हैं। मैं सभी लोगों से अनुरोध करता हूं कि मेरी मदद करें मेरे पास कुछ भी नहीं है।'

पैसे और संसाधनों की कमी और कोरोना महामारी के चलते इस परिवार की मुश्किलें कई गुना बढ़ गई हैं।

मोहम्मद शाबान ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि लोग मुझे भोजन और आंखों के ऑपरेशन के लिए मेरी मदद करें। मैं खुद कुछ नहीं कर सकता। खाना खाने और वॉशरुम तक जाने में भी मुझे लोगों की मदद लेनी पड़ती है।'

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श्रीनगर जिला प्रशासन को इस परिवार के बारे में खबर मिलने के बाद प्रशासन ने मदद और सहायता की बात कही। डीसी श्रीनगर शाहिद चौधरी ने कहा कि प्रशासन परिवार की देखभाल कर रहा है। खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक चीजें उन्हें भेज दी गई हैं।

मोहम्मद शाबान और उनके परिवार को लॉकडाउन अवधि के दौरान भोजन के लिए मदद के अलावा अपनी आंखों की सर्जरी कराने के लिए अधिक मदद की उम्मीद है, ताकि वह फिर से आंखों की रोशनी पा सकें।

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