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शिक्षा

दिल्ली यूनिवर्सिटी में जामिया के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं को ABVP के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की लाठियों से पीटा

Nirmal kant
17 Dec 2019 1:42 PM GMT
दिल्ली यूनिवर्सिटी में जामिया के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं को ABVP के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की लाठियों से पीटा
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दिल्ली यूनिवर्सिटी में नागरिक संशोधन अधिनियम का विरोध और जामिया का समर्थन कर रहे छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट, छात्र-छात्राओं ने एबीवीपी पर लगाया मारपीट का आरोप...

जनज्वार। दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सोमवार 16 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए एकजुटता दिखाते हुए प्रदर्शन किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग के छात्रों नेजामिया की स्थिति का हवाला देते हुए सोमवार को परीक्षाओं का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया था। साथ ही रविवार रात को छात्रों ने अपने प्राध्यापकों को पत्र लिख कर परीक्षाओं को टालने का अनुरोध भी किया था। छात्रों ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सोशल सांइस ब्लॉक में एकत्र होकर प्रदर्शन शुरू किया था। जिसके बाद एवीबीपी के लोगों ने छात्रों के साथ मारपीट भी की जिसको लेकर पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाया कि छात्रसंघ और एबीवीपी के छात्रों ने उनके साथ मारपीट कर प्रदर्शन बंद करने की धमकी दी। छात्रों का कहना है कि हम जामिया में हुई पुलिस की बर्बरता के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन यूनिवर्सिटी में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की मदद से हमारे ऊपर हमला कर दिया। छात्रों का कहना है कि इन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पुलिस वालों का समर्थन हासिल था। एबीवीपी के लोगों ने पुलिस वालों की लाठी से हम लोगों के ऊपर हमला कर दिया था। जिसमें कई छात्रों को गंभीर चोटें भी आई थी।

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मामले को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा संगीता ने जन्जवार से कहा, 'हम दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जामिया में छात्रों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता, नागरिक संशोधन अधिनियम और एनआरसी को लेकर सुबह 9 बजे सोशल सांइस की बिल्डिंग के सामने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन शुरु किया था। साथ ही हम छात्र परीक्षाओं का बहिष्कार करने की अपील करने के लिए प्रशासन के पास जा रहे थे लेकिन हम सभी को सोशल सांइस की बिल्डिंग के अंदर नहीं जाने दिया जिसके बाद हम सबने सोशल सांइस की बिल्डिंग के सामने ही शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन शुरू कर दिया।

ने आगे कहा, 'आंदोलन के शुरू होने के बाद एबीवीपी के लोगों ने हम लोगों को लाठी से मारना शुरू कर दिया, साथ ही कई लोगों ने हाथापाई भी की। एबीवीपी के लोगों ने पुलिस की लाठियों से हम लोगों को मारा है। इसी दौरान एवीबीपी के लोगो ने हमारे खिलाफ आपत्तिजनक शब्द और देशद्रोही, नक्सलवादी जैसे भी नारे हमारे ऊपर लगाने लग गए और ये सब पुलिस के सामने किया जा रहा था। पुलिस सिर्फ मूकदर्शक होकर हम लोगों को पीटते हुए देख रही थी। इस दौरान पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

संगीता बताती हैं कि एवीबीपी का जो समूह इकट्ठा हुआ था, वहां से एक लड़की और दो लड़के जो एकदम गुस्से में थे। हमारी तरफ आते हैं और कुछ छात्रों को पकड़कर अपनी तरफ खींचकर ले जाकर उनके साथ मारपीट करते हैं। इसके अलावा उन लोगों ने हमारे ऊपर हमला किया और हमको लगातार मारते रहे। उन लोगों को जहां मौका मिला उन्होंने हमारे साथ मारपीट की। हमले में हमारे कई साथियों को चोटें भी आई। इसके अलावा एवीबीपी के लोगों ने पुलिस के डंडों और जो डंडे कैंपस के अंदर रखे हुए थे, उनसे भी हमारे साथ मारपीट की। इसके बाद भी पुलिस वालों ने एवीबीपी के लोगों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की उल्टा पुलिस हमें अपना आंदोलन बंद करने और कैंपस को छोड़ने को कहने लगी। एवीबीपी के कार्यकर्ताओं की ये गुंडागर्दी लगभग 15 मिनट तक चली रही।

संगीता इस हमले को पूरी तरह से नियोजित हमला बताती हैं। वह कहती हैं, 'ये हमला एवीबीपी द्वारा किया गया नियोजित हमला था जिसमें एवीबीपी के लोगों के साथ पुलिस वाले भी मिले हुए थे क्योंकि जिस जगह हम लोग आंदोलन कर रहे थे। उसके चारों तरफ पुलिस के द्वारा बैरीकेंटिग कर दी गई थी। इसके बाद हम लोगों को एवीबीपी के लोगों ने मारना शुरू कर दिया था। जब हम लोग हमला करने वाले छात्रों के खिलाफ एफआईआर कराने गए थे। तो पुलिसवालों ने एफआईआर करने से मना कर दिया था। एवीबीपी की कुछ लड़कियों ने भी लड़को के साथ मारपीट की थी।

संगीता दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष अक्षित धईया पर आरोप लगाते हुए कहती हैं कि आंदोलन के दौरान अक्षित धईया हमारे पास आया था और उसने बीएससीएम की तरफ से आंदोलन कर रहे बिंदु को पुलिस के सामने थप्पड़ मारा था।

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संगीता बताती हैं कि अक्षित धईया हम लोगों के पास आया और उसने छात्रों को हो रही परेशानी का हवाला देते हुए आंदोलन बंद करने को कहा। हम लोगों ने आंदोलन को बंद करने से मना कर दिया क्योंकि आंदोलन में कई छात्र अपनी मर्जी से भी आ रहे थे और हम लोग ऐसा कुछ कर भी नहीं रहे थे जिससे छात्रों को परेशानी हो रही हो। जब हम छात्र नहीं माने तो अक्षित धईया किनारे में जाकर अपने साथियों को पुलिस से बातचीत करने के लिए ले गया। इसके बाद एवीबीपी के लोगों ने हमारे खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया और कुछ लोगों ने हमारे ऊपर हमला कर दिया, जब हमारे साथी ने उनसे पूछा कि आप ऐसा क्यों कर रहे तो एवीबीपी के गुंडों ने हमें पुलिस के सामने मारने शुरू कर दिया। कई छात्रों को थप्पड़ भी मारे। हमारे साथ कोई संगठन भी नहीं जुड़ा हुआ था। ये आंदोलन केवल छात्रों के द्वारा किया जा रहा था।

संगीता आगे बताती हैं कि जिन एवीबीपी के लोगों ने हमारे ऊपर हमला किया था उन सब के चेहरे हम को याद थे जिसके बाद जब हम इन लोगों के खिलाफ पुलिस स्टेशन में एफआईआर करवाने के लिए गए तो पुलिस ने एफआईआर करने से मना कर दिया। पुलिसवालों ने कहा कि हम इन छात्रों के खिलाफ एफआईआऱ नहीं करेंगे और उल्टा पुलिस ने हम लोगों को आंदोलन करने से मना करते हुए वहां से भगा दिया गया।

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