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समाज

महाराष्ट्र में फिर एक साधु की हत्या, भड़की विहिप ने उद्धव को दी चेतावनी, शिवसेना को मत बनाओ सोनिया सेना

Prema Negi
24 May 2020 11:04 AM GMT
महाराष्ट्र में फिर एक साधु की हत्या, भड़की विहिप ने उद्धव को दी चेतावनी, शिवसेना को मत बनाओ सोनिया सेना
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नांदेड़ में एक साधु और सेवक की हत्या के बाद फिर से मामला गरमा गया है। मृतक साधु बाल ब्रम्हचारी शिवाचार्य लिंगायत समुदाय से जुड़े थे, वहीं दूसरे मृतक की शिनाख्त उनके सेवक भगवान शिंदे के रूप में की गई है...

नई दिल्ली, जनज्वार। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं के बाद अब नांदेड़ में भी एक साधु की हत्या की घटना सामने आयी है। इस घटना के सामने आने के बाद हंगामा मच गया है।

साधु की हत्या पर हिंदुवादी संगठन विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि अगर पालघर में साधुओं के हत्यारों के साथ नरमी नहीं बरती जाती तो शायद नांदेड़ की इस वारदात को रोका जा सकता था। विहिप ने कहा कि साधु और सेवक की हत्या की घटना की गंभीरता से जांच कर दोषियों के खिलाफ उद्धव ठाकरे सरकार सख्त कार्रवाई करे।

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पुलिस ने शुरुआती छानबीन के बाद बताया कि लिंगायत समाज के ही एक शख्स साईनाथ राम ने साधु की हत्या की है। साधु के अलावा पास के ही इलाके में एक और शख्स की हत्या की गई है, जिसे पुलिस आरोपी साईनाथ का साथी मान रही है।

जानकारी के मुताबिक कल 23 मई की देर रात 12 बजे से साढ़े 12 के बीच साधु की हत्या हुई है। आरोपी आश्रम का दरवाजा तोड़कर अंदर नहीं घुसा था, बल्कि गेट अंदर से खोला गया था। पुलिस का कहना है कि साधु की हत्या करने के बाद आरोपी साईनाथ ने उनके शव को ठिकाने लगाने की भी कोशिश की थी। उसने साधु के शव को उनकी ही कार में रखकर ले जाने की कोशिश की, लेकिन कार गेट में ही फंस गई। इससे मठ के छत पर मौजूद आश्रम के दो सेवादार जाग गए। उन्होंने भागकर आरोपी को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह भागने में कामयाब रहा।

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विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने घटना पर गुस्से का इजहार करते हुए कहा, "पालघर में पूज्य साधुओं के हत्यारे तो अभी तक हाथ नहीं आए किन्तु हां, महाराष्ट्र के ही पूज्य स्थल नांदेड़ में आज एक और पूज्य संत की जान ले ली गई। क्या कोई कल्पना कर सकता है कि राज्य की सेना-सोनिया सरकार में पूज्य बाला साहब ठाकरे के संस्कार लेशमात्र भी जिंदा हैं?"

न्होंने कहा, "पालघर में साधुओं के हत्यारों को यदि टांग दिया होता और उनके षडयंत्रकारियों के साथ नरमी नहीं बरती होती तो शायद नांदेड़ में पूज्य साधु व सेवक के हत्यारों के हौसले बुलंद ना होते। 38 दिन हो गए उद्धव जी...शिव सेना को सोनिया सेना ना बनाओ प्लीज..।"



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विनोद बंसल ने ट्वीट कर कहा, "पूज्य सदगुरु शिवाचार्य गुरु जी के साथ उनके साथी को भी आज तड़के नांदेड़ के पास स्थित उनके आश्रम में ही मौत के घाट उतार दिया गया और पुलिस प्रशासन सब मौन है? दिवंगत आत्माओं को श्रद्धासुमन के साथ प्रभु से प्रार्थना है कि सरकार को सद्बुद्धि दें।"

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गौरतलब है कि महाराष्ट्र में इससे पूर्व 16-17 अप्रैल की रात पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर काफी तूफान खड़ा हुआ था। भाजपा और विश्व हिंदू परिषद ने पालघर मॉब लिचिंग के पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए राज्य सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया था।

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हीं अब डेढ़ महीने के भीतर फिर नांदेड़ में एक साधु और सेवक की हत्या के बाद फिर से मामला गरमा गया है। मृतक साधु बाल ब्रम्हचारी शिवाचार्य लिंगायत समुदाय से जुड़े थे, वहीं दूसरे मृतक की शिनाख्त उनके सेवक भगवान शिंदे के रूप में की गई है।

पुलिसिया जांच में सामने आया है कि दूसरे मृतक का नाम भगवान राम शिंदे है। पुलिस के मुताबिक आरोपी साईनाथ का साथी है और स्कूल के पास मृत पाया गया है। आरोपी भी लिंगायत समाज का है। बहरहाल, आरोपी ने साधु की हत्या क्यों की और उसके बाद अपने साथी की भी क्या उसी ने हत्या की है, इन सब तथ्यों की पुलिस जांच कर रही है। साधु महाराज साल 2008 से निर्वाणी मठ संस्थान में आए थे। यह तकरीबन सौ साल पुराना मठ है।

नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक विजयकुमार मागर के अनुसार, शनिवार 23 मई की देर रात कम से कम दो अज्ञात लोगों ने आश्रम में घुसकर शिवाचार्य निर्वाणरुद्र पशुपतिनाथ महाराज की आंखों में मिर्च पाउडर डाल दिया, जिससे उन्हें दिखना बंद हो गया। अपराधियों ने पीड़ित के बेडरूम से उनकी कार की चाबियों के अलावा 69,000 रुपये, उनका लैपटॉप और लगभग 1.50 लाख रुपये की कीमत के अन्य सामान लूट लिए। जब शिवाचार्य ने उनका विरोध किया तो बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी।

पराधियों ने साधु की कार से भाग निकलना चाहा, लेकिन आश्रम के मुख्य गेट से कार भिड़ा दी। मागर ने बताया, "देर रात कार भिड़ने की आवाज सुनकर अश्रम में रहने वाले करीब 8-10 लोग दौड़कर बाहर निकले और दोनों को मोटरसाइकिल पर बैठकर अंधेरे में वहां से फरार होते देखा। बाद में हमें लुटेरों में से एक का शव आश्रम से थोड़ी दूर पर मिला।"

मागर ने कहा कि घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए, फरार अपराधी को पकड़ने के लिए पांच टीमें बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि साधु की हत्या की वजह लूट लग रही है। दो अपराधियों में से एक की हत्या के पीछे का कारण दोनों के बीच मतभेद हो सकता है। हमने फरार हत्यारे की पहचान कर ली है और जल्द ही उसके पकड़े जाने की उम्मीद है।

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