बीजेपी के पूर्व मंत्री ने दी पत्रकारों को धमकी, मत भूलें अपने साथी पत्रकार शुजात बुखारी का हश्र
कठुआ मामले में भी बलात्कारियों की न सिर्फ तरफदारी कर चुके हैं भाजपा के पूर्व मंत्री महोदय, बल्कि बलात्कारियों के पक्ष में निकली रैली में भी की हिस्सेदारी, मामला मीडिया में उठने पर गंवानी पड़ी थी कुर्सी...
दिल्ली, जनज्वार। श्रीनगर के वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का मामला अभी गर्माया ही हुआ था कि बीजेपी के पूर्व मंत्री पत्रकारों को धमकाने के चलते विवादों में आ गए हैं। ये वही मंत्री महोदय हैं जिन्होंने कठुआ में बच्ची के साथ हुए बलात्कार और नृशंस हत्याकांड मामले में बलात्कारियों—हत्यारों की तरफदारी की थी, जिसके चलते उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था।
जम्मू कश्मीर में बीजेपी—पीडीपी सरकार में मंत्री रहे लाल सिंह ने पत्रकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि 'कश्मीर के पत्रकारों ने गलत माहौल पैदा किया हुआ है। अब तो मैं कश्मीर के पत्रकारों से कहूंगा कि आप अपनी पत्रकारिता की लाइन तय कर लें कि कैसे रहना है, और कैसे पत्रकारिता करनी है। उन्हें शुजात बुखारी के साथ हुआ है? उसे भूलना नहीं चाहिए, इसीलिए पत्रकार अपने आपको संभालें, और एक लाइन खींचे ताकि यह भाईचारा न टूटे और यह बना रहे।'
सत्ताधारी नजरिये को छोड़ सभी पसंद करते थे शुजात बुखारी की सोच को
लाल सिंह ने कठुआ रेल कांड में न सिर्फ बलात्कारियों की तरफदारी की थी, बल्कि बलात्कारियों के पक्ष में निकली रैली में हिस्सेदारी कर बवाल मचाने का काम किया था। लाल सिंह इस बात से भी पत्रकारों से खुन्नस खाए हुए हैं कि पत्रकारों के चलते ही कठुआ मामले को इतना तूल मिला और उनकी कुर्सी भी उसी कारण गई। कठुआ मामले का संदर्भ लेते हुए ही उन्होंने पत्रकारों को अपनी हद में रहकर पत्रकारिता करने की हिदायत दे डाली।
गौरतलब है कि पिछले दिनों वरिष्ठ पत्रकार एवं ‘राइजिंग कश्मीर’ के संपादक शुजात बुखारी की गोली मारकर उस समय हत्या कर दी गई जब वे अपने कार्यालय से एक इफ्तार पार्टी के लिए निकल रहे थे।
‘राइजिंग कश्मीर’ के संपादक शुजात बुखारी की गोली मारकर हत्या
बीजेपी नेता के पत्रकारों को धमकाने वाले अंदाज में दिए गए इस बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है, 'प्रिय पत्रकारो! आपके साथियों को बीजेपी ने धमकी दी है। ऐसा लगता है शुजात की मौत अब गुंडों के लिए दूसरों को धमकाने का ज़रिया बन गई है।'
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पत्रकार माजिद हैदरी ने पत्रकारों को धमकाने वाले लाल सिंह के वीडियो को ट्वीट करते हुए कई वरिष्ठ नेताओं और मीडिया संस्थानों को टैग कर लिखा है, 'बीजेपी नेता लालसिंह की चेतावनी देखें, कह रहे हैं 'कश्मीरी पत्रकारों ने गलत वातावरण बनाया। मैं चाहता हूं कि वे कैसे रहें पत्रकारिता में रेखा खींचे। क्या आप शुजात की तरह हश्र चाहते हैं...'
राम माधव के कहने पर आसिफा गैंगरेप के समर्थन में खड़े हुए थे भाजपा सरकार के मंत्री?
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने बीजेपी नेता को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब लाल सिंह ने कश्मीरी पत्रकारों को धमकाया है, इससे पहले भी वे पत्रकारों को धमकाते रहे हैं। मगर असल सवाल तो यह है कि क्या केंद्र में सत्तासीन बीजेपी गुंडई की भाषा में बात करने वाले अपने नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी। हां, इससे एक बात और जरूर साफ हो गई है कि बीजेपी का रुख पत्रकारों के साथ कैसा रहता है और वह डरा—धमकाकर किस तरह पत्रकारों को पीत और पेड पत्रकारिता करने के लिए मजबूर कर रही है।