दैनिक भास्कर और राजस्थान पत्रिका ने ऐसा क्या छाप दिया कि लोगों को गुस्से में जलानी पड़ीं प्रतियां
दैनिक भास्कर और राजस्थान पत्रिका की प्रतियां जला विरोध कर रहे लोग बोले ये समाचार पत्र CAA मामले में भेदभावपूर्ण रवैया अपनाए हुए हैं और गलत तरह की खबरें प्रदर्शित कर समाज में पैदा कर रहे हैं खाई...
भोपाल, जनज्वार। एक फरवरी शनिवार को मध्यप्रदेश के जबलपुर में दैनिक भास्कर और राजस्थान पत्रिका अखबारों की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शित किया गया। अखबारों की प्रतियां जलाकर विरोध जता रहे लोगों ने आरोप लगाया कि इन अखबारों के माध्यम से समाज को बांटने का काम किया जा रहा है।
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रद्दी चौक इलाके में हुए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे ईमान तंजीम कहते हैं कि यह समाचार पत्र भेदभावपूर्ण रवैया अपनाए हुए हैं और गलत तरह की खबरें प्रदर्शित करते हैं। इनकी वजह से समाज में विभेद उत्पन्न हो रहा है। यह तमाम देशवासियों को गुमराह कर रहे हैं, इसीलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं और देशभर से लोगों को इसके बहिष्कार करने का अपील करते हैं।
वहीं दूसरे प्रदर्शनकारी साहिल जनज्वार से हुई बातचीत में कहते हैं, दैनिक भास्कर लगातार लंबे समय से सांप्रदायिकता फैलाने का काम कर रहा है। लगातार ये ऐसी खबरें प्रकाशित करता है जो भाजपा को फायदा पहुंचाती हैं। एक तरह से यह भाजपा के प्रवक्ता की तरह काम करता है। अगर दैनिक भास्कर और पत्रिका ने अपनी इस पत्रकारिता का रुख नहीं बदला तो हम लोग इनके खिलाफ और बड़ा आंदोलन करेंगे।
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गौरतलब है कि इसके पहले भोपाल में इकबाल मैदान में 24 जनवरी को दैनिक भास्कर की प्रतियां जलाईं गयीं और विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि दैनिक भास्कर लगातार सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाली रिपोर्टिंग कर रहा है।
मीडिया से बातचीत में मुहाजिर अली खान बताते हैं, 'मैं भोपाल का आम नागरिक हूं बहुत दिनों से दैनिक भास्कर के द्वारा भोपाल का एक माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही थी। कभी वह भोपाल के शासक रहे दोस्त मोहम्मद खान और रानी कमलापति के ताल्लुकात के ऊपर सवाल उठा देते हैं, कभी वह पुलिस को मोहरा बनाकर कहते हैं कि पुलिस में 70% से ज्यादा अपराधी प्रवृत्ति के लोग हैं। जब नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA आता है तब वह लिखते हैं 'अपनों को मिलेगी नागरिकता...'
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विरोध में उतरे लोगों ने कहा ये अखबार भोपाल की जो गंगा जमुनी तहजीब है, हिंदू मुस्लिम जो अपने बाप दादा के जमाने से भोपाल में साथ रहते हैं, एक दूसरे का दर्द समझते हैं, उनमें मनमुटाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा है कि उसे तोड़ने की कोशिश की जा रही है।
मुहाजिर अली खान कहते हैं हम जाती तौर पर भास्कर के मालिक की बुराई नहीं कर रहे हैं, पर भास्कर को भी यह करना चाहिए कि अगर उनसे कुछ ऐसा हो रहा है तो उस पर पाबंदी लगानी चाहिए उसे रोकना चाहिए।