Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

कोरोना के डर से परिजन अस्पताल से लौटने के दौरान मरे प्रवासी मजदूर की लाश सड़क पर छोड़कर भागे

Prema Negi
1 Jun 2020 10:01 AM GMT
कोरोना के डर से परिजन अस्पताल से लौटने के दौरान मरे प्रवासी मजदूर की लाश सड़क पर छोड़कर भागे
x

डॉक्टर से सलाह लेने के बाद घरों लौटते समय शख्स की हालत अचानक बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई, परिजनों ने शव को गांव के बाहर छोड़ दिया और घर चले गए....

जनज्वार, इलाहाबाद। कोरोनावायरस के खौफ के चलते एक परिवार ने 35 वर्षीय शख्स के शव को सड़क के किनारे छोड़ दिया, जबकि उसकी मौत अस्थमा और दिल की बीमारियों से हुई थी। पुलिस ने सोमवार 1 जून को यह जानकारी दी। प्रवासी श्रमिक 4 दिन पहले मुंबई से प्रतापगढ़ में अपने गांव लौटकर आया था और शनिवार 30 मई को उसे सांस और हृदय रोगों के चलते स्वरूप रानी अस्पताल लाया गया था।

यह भी पढ़ें — UP : मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगलते कैमरे में हुई क़ैद मेडिकल काॅलेज प्राचार्य, जमातियों पर लगाए आरोप पर उठे सवाल

रानीगंज के डिप्टी एसपी अतुल अंजन त्रिपाठी ने बताया कि "एक डॉक्टर से सलाह लेने के बाद घर लौटते समय शख्स की हालत अचानक बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। परिवार के सदस्यों को संदेह था कि उसकी मौत कोरोनावायरस से हुई है, लिहाजा उसके शव को गांव के बाहर छोड़ दिया और घर चले गए।"

31 मई की सुबह प्रयागराज-प्रतापगढ़ राजमार्ग पर रानीगंज पुलिस स्टेशन के अंडर आने वाले दमदम गांव में सड़क किनारे पड़े शव को लोगों ने देखा।

यह भी पढ़ें : UP में पुलिस के सामने जातीय बर्बरता का नंगा नाच, औरतों के साथ मारपीट कर छातियां नोची, 8 दिन बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

पुलिस ने परिवार का पता लगाया, लेकिन उन्होंने शव को लेने से इनकार कर दिया।

न्होंने आगे बताया, "प्रवासी को थर्मल स्कैनिंग और चिकित्सीय जांच के बाद 21-दिवसीय होम संगरोध की सलाह दी गई थी। उसको अस्थमा और हृदयरोग की समस्या थी।"

क स्वास्थ्य टीम ने बाद में मृत व्यक्ति के चिकित्सा इतिहास का विश्लेषण किया और कहा कि अस्थमा और दिल की बीमारी के कारण हुई जटिलताओं से उसकी मृत्यु हो गई।

यह भी पढ़ें : मजदूर ने सुसाइड नोट में लिखा-घर में अनाज है, लेकिन हल्दी, तेल, चीनी, सब्जी अब दुकानदार नहीं देता उधार

रिष्ठ पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों ने तब परिवार को आश्वस्त किया कि वह कोरोनावायरस से नहीं मरा और यहां तक कि शरीर से एक नमूना भी लिया और परीक्षण के लिए भेजा।

धिकारियों ने परिवार के डर को दूर करने के लिए उन्हें पीपीई किट और सैनिटाइजर दिया। अंतत: रविवार शाम को प्रयागराज में शव का अंतिम संस्कार किया गया।

Next Story

विविध