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राजनीति

हाईकोर्ट ने योगी सरकार से मांगा UPSC कम्प्यूटर ऑपरेटर भर्ती विवाद मामले में जवाब

Nirmal kant
17 Feb 2020 7:02 AM GMT
हाईकोर्ट ने योगी सरकार से मांगा UPSC कम्प्यूटर ऑपरेटर भर्ती विवाद मामले में जवाब
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लोक सेवा आयोग की कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड ‘बी’ 2019 भर्ती के टाइपिंग टेस्ट विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने योगी सरकार से 10 दिन में जवाब दाखिल करने का दिया आदेश...

जनज्वार। लोक सेवा आयोग की कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड ‘बी’ 2019 भर्ती के टाईपिंग टेस्ट के विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विचार करते हुए याचिका को स्वीकार किया और मामले पर सरकार व आयोग से 10 दिन में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने याची राहुल कपूर की याचिका पर याची अधिवक्ता राजेश कुमार कनौजिया व अंकुर शर्मा को सुनकर दिया है।

याचिका के अनुसार आयोग द्वारा फॉन्ट की बिना पूर्व सूचना दिये टाइप टेस्ट के 6 दिन पूर्व प्रवेश पत्र जारी करते हुए हिन्दी फॉन्ट क्रुति देव 10 निर्धारित कर दिया जबकि 9 महीने पहले जारी भर्ती विज्ञापन में भी हिन्दी व अंग्रेजी किसी फॉन्ट का कोई विवरण नहीं था। अभ्यर्थी आयोग द्वारा निर्धारित फ़ॉन्ट के साथ 6 दिन में खुद को अनुरूप नहीं बना सकता था क्योंकि वह मंगल फ़ॉन्ट पर काम करने का आदी था और भर्ती विज्ञापन में किसी फॉन्ट का जिक्र नहीं होने के कारण वह हिन्दी टाइपिंग परीक्षा में मंगल फॉन्ट या विकल्प के तौर पर मंगल फॉन्ट पर टाइट टेस्ट परीक्षा होने की संभावना के साथ परीक्षा देने को तैयार था।

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मंगल फॉन्ट भारत सरकार द्वारा निर्मित है व अधिकांश कम्प्यूटर टाइपिंग में हिन्दी फॉन्ट मंगल का प्रयोग होता है। साथ में न्यायालय की ओर से निर्णय नहीं आने तक टाइप टेस्ट के रिजल्ट को न निकालने की मांग की गई थी जिसे संज्ञान में लेते हुए उच्च न्यायालय ने सरकार व आयोग से जवाब दाखिल करते हुए ने 03 मार्च 2020 को अगली सुनवाई का आदेश दिया।

हीं दूसरी ओर (मीडिया से) अधिवक्ता व आरटीआई कार्यकर्ता सलिल श्रीवास्तव का आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल करते हुए कहना है कि जब पूर्व में आयोग के उच्च अधिकारी मीडिया में कह चुके है कि हमारी पहली प्राथमिकता RO/ARO 2017, PCS Pre 2019, UP LT Grade 2018 आदि परीक्षाओं के लिंबित रिजल्ट निकालने की है तब प्रोग्रामर/ कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड 'बी' 2019 भर्ती का विवाद कोर्ट में होने के बावजूद अचानक दायर याचिका पर सुनवाई के दिन शाम को रिजल्ट निकालना तथा एक ही विज्ञापन में अन्य पदों की परीक्षा जैसे प्रोग्रामर/ प्रोग्रामर ग्रेड-1/ प्रोग्रामर ग्रेड-2 का रिजल्ट नहीं निकालना जबकि इन पदो की परीक्षाओं में कोई टाइप टेस्ट व परीक्षा का कोई अन्य चरण भी नहीं था।

अन्य प्रतियोगी छात्रों ने भर्ती परीक्षा पर आपत्ति जताते हुए कहा कम्प्यूटर ऑपरेटर की लिखित परीक्षा में बगैर उत्तर कुंजी जारी किये कम्प्यूटर टाइप टेस्ट करवाने व उसके उपरान्त लिखित व टाइपिंग परीक्षा का बिना प्राप्त अंक बताये कम्प्यूटर आपरेटर का रिजल्ट घोषित करना आयोग की मंशा पर सवाल खड़ा करता है।

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लिल श्रीवास्तव ने कहा कि आयोग द्वारा काम में लापरवाही और भर्ती में विवादो के कारण अभ्यर्थियों का जो आर्थिक व मानसिक शोषण होता है, तथा कोर्ट में आयोग द्वारा लड़े जाने वाले मुकदमों में सरकारी राजकोष का नुकसान जिसका बोझ अन्ततः आम आदमी पर ही पड़ता है पर माननीय राज्यपाल व प्रदेश सरकार को संज्ञान लेना चाहिए और अक्षम अधिकारियों पर अविलम्ब कार्यवाही कर आयोग में शुचिता, निष्पक्षता और पारदर्शिता की वापसी के लिए पहल करनी चाहिये।

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