मुरादाबाद में तैनात दलित दरोगा का आरोप, सीओ की जातिसूचक गालियां सुनकर हो गया हूं मानसिक बीमार
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में दलित दरोगा को करना पड़ रहा जातिगत भेदभाव का सामना, दरोगा का आरोप न ही मेरा पक्ष सुना और न ही नोटिस भेजा, नौकरी से सस्पेंड कर दिया
खुशबू सिंह की रिपोर्ट...
जनज्वार। उत्तरप्रदेश पुलिस के मुरादाबाद में एक दलित दरोगा ने ट्रेनी सीओ पर बहुत ही गंभीर आरोप लगाया है। दरोगा का कहना है कि सीओ साहब मुझे मेरी जाति के नाम पर प्रताड़ित करते हैं। लोगों के सामने भी मेरे साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। दिमागी रूप से मैं बहुत बीमार हो गया हूं। दरोगा ने अपने इस दर्द को मुरादाबाद एसएसपी कार्यालय के सामने रोते हुए मीडिया के सामने बयां किया। इसके बाद सचिन को बिना नोटिस, फोन के नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया।
भारत एक लोकतांत्रिक देश होने के साथ-साथ विभिन्न जातियों में बंटा हुआ देश है, जिसके कारण जाति हमारे समाज से लेकर राजनीति तक गहरा असर छोड़ती है। चुनावों के दौरान भी जनता अपने प्रतिनिधि को जाति के आधार पर वोट देने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। मानव अधिकार वॉच की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 165 मिलियन लोग जातिवाद के शिकार हैं। बावजूद इसके जातीय उत्पीड़न भी हमारे देख में शिखर पर पहुंचा हुआ है।
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भारत में जाति के नाम पर लोग इस तरह बंटे हुये हैं कि किसी भी क्षेत्र में जाति पीछा नहीं छोड़ती है। इस बात का सबूत सचिन की ये कहानी है। इन्हें अपनी जाति के वजह से खुद को निर्दोश साबित करने का मौका नही दिया जा रहा है।
दरोगा सचिन दयाल चौधरी दलित समुदाय से तालुक्क रखते हैं। वह मेरठ के रहने वाले हैं। उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद में सब-इस्पेक्टर हैं। मुरादाबाद रिजर्व पुलिस लाइन में इनकी तैनाती है। पिछले 4 साल से उत्तरप्रदेश पुलिस में काम कर रहे हैं।
सचिन एक दिन विभागीय कागजात लेकर पुलिस लाइन जा रहे थे। इसी दौरान उनकी गाड़ी सीओ की गाड़ी से टकरा गई। इसके बाद सीओ देवेन्द्र यादव ने जातिसूचक शब्द बोलकर उन्हें अपमानित किया। बाजार में लोगों के सामने सचिन को उनकी जाति के नाम से भला-बुरा कहने लगे, बात केवल इतने में ही नहीं रूकी बल्कि देवेन्द्र यादव ने उन्हें गंदी-गंदी गालियां दी।
सचिन माफी मांगते रहे लेकिन देवेन्द्र यादव ने गालियां देना नहीं छोड़ा। पिस्तौल निकालकर जान से मारने की धमकी देने लगे। ‘चमार है तू तेरी वर्दी अभी उतरवा दुगां’ खुद को बचाने के लिए सचिन ने देवेन्द्र यादव के पैर पकड़ लिए और माफी मांगने लगे- साहब गलती हो गई छोड़ दिजिए।
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सचिन को ऐसा बर्ताव बर्दाश्त नहीं हुआ तो उन्होंने 18 नवंबर को इस दर्द को मीडिया के सामने बयां करते हुए कहा- ‘मैं दलित जाति का हूं इसीलिये मुझे हर बार प्रताड़ित किया जाता है। इस तरह की घटना मेरे साथ पहली बार नहीं हुई है, मेरी जाति की वजह से मुझे हर बार नीचा दिखाया जाता है। इसके पहले भी मुझे जाति के वजह से प्रताड़ित किया गया था। अजीत कुमार चौधरी नाम के एसपी ने भी मुझे मेरी जाति को लेकर भद्दी-भद्दी गालियां दी थी। इस वक्त अजीत कुमार क्राइम ब्रांच में हैं’।
पीड़ित दरोगा ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की है, साथ ही सिविल लाइन थाने में तहरीर भी दी है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं दूसरी ओर मुरादीबाद के एसएसपी कार्यलय के पीआरओ संजय कुमार ने कहा है कि किसी को नौकरी से निकाल देना कोई जुर्म नहीं है। जो भी है सब जांच का बिषय है। जो भी दोषी करार दिया जाएगा उसपर कार्यवाही की जाएगी। बिना नोटिस के किसी को नहीं निकाला जाता है।