महिला को पति ने पीटकर आधी रात घर से निकाला, मदद के लिए आगे आयी ‘आप’ की पूर्व महिला अध्यक्ष को जान से मारने की धमकी
संगम बिहार में पति ने पहले पत्नी को बुरी तरह पीटा, फिर आधी रात को घर से बाहर निकाला, मदद के लिए आगे आम आदमी पार्टी की पूर्व अध्यक्ष तो मिली जान से मारने की धमकी...
जनज्वार। दिल्ली के संगम बिहार इलाके में शादी के आठ महीने बाद एक महिला को उसके पति ने बुरी तरह पीटकर आधी रात घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद महिला पहले तो सड़कों पर भटकती रही। रात को जब कोई ठिकाना न मिला तो वह अपनी बुआ के घर पहुंची और सारी घटना के बारे में बताया। फिर उनकी बुआ ने आम आदमी पार्टी की नेता भावना बिष्ट को इस बारे में बताया।
भावना को जैसे ही इसकी जानकारी मिली तो वह पीड़िता की मदद के लिए आगे आईं लेकिन दो दिन के बाद ही भावना को पीड़िता के पति की ओर से जान से मारने की धमकियां आनी शुरु हो गई। फिर भावना ने इसकी शिकायत संगम बिहार पुलिस को दी तो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
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इस घटना को लेकर भावना ने जनज्वार से कहा, 'हमारे देश में देवी की पूजा की जाती है लेकिन महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है। इसी प्रताड़ना का शिकार त्रिवेनी (पीड़ित महिला) भी हैं। एक सप्ताह पहले त्रिवेनी को उनके पति ने रात के वक्त पीट के घर से निकाल दिया।
त्रिवेनी बताती हैं, 'मेरा पति रोजाना प्रताड़ित करता है।' आधी रात को त्रिवेनी दिल्ली की सड़कों पर भटकती रही जब कहीं आसरा न मिला तो पीड़िता अपने बुआ के घर लक्ष्मी नगर आ गईं। त्रिवेनी को उसकी बुआ ने सहारा दिया। अपने साथ हुई घटना के बारे बताते हुए त्रिवेनी रोने लगती हैं और कहती हैं कि मेरा पति रोजाना मुझे जानवरों कि तरह पीटता है।
बुआ ने इस बारे में 11 नवंबर को आम आदमी पार्टी की पूर्व महिला अध्यक्ष भावना बिष्ट को बताया। भावना इस घटना की शिकायत करने त्रिवेनी को लेकर संगम बिहार पुलिस स्टेशन पहुचीं। भावना 'महिला मोर्चा' नाम की गैर सरकारी संस्था चलाती हैं जो घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए काम करती है।
संगम बिहार पुलिस स्टेशन के थाना अधीक्षक अजय पाल का कहना था, 'अरे मैडम आप को आप के पति इतने प्यार से रखते हैं। आप रहती क्यों नहीं हैं उनके साथ थाना अधीक्षक अजय पाल की शिकायत भावना ने एसडीओ से की। पूरे मामले को जानने के बाद त्रिवेनी के पति चरणजी लाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। धारा 151 लगाकर जेल भेज दिया गया है।'
जेल जाते वक्त आरोपी ने पीड़िता की बुआ को पुलिस के सामने जान से मारने की धमकी दे डाली। साथ में ये भी कहा कि जो तुम लोगों कि मदद कर रहे हैं मैं उन्हें भी नहीं छोड़ूंगा। भावना ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है।
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वहीं भावना बिष्ट कहती हैं कि मैने तीन दिन पहले अपनी सुरक्षा को लेकर पुलिस से चिंता जाहिर की थी लेकिन पुलिस की ओर मुझे कोई आश्वासन नहीं मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा लगाते हैं लेकिन इनके ही राज में बेटियों को सुरक्षा नहीं मिल रही है। अगर मेरी सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ हुआ तो मैं इसके खिलाफ आंदोलन करूंगी।
बता दें कि घरेलू हिंसा का यह इकलौता मामला नहीं है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार भारत में हर तीसरी महिला घरेलू हिंसा की शिकार हैं। इनमें से 29 प्रतिशत मामले ग्रामीण इलाकों में होते हैं और 23 प्रतिशत मामले शहरी इलाकों में होते हैं।
इस सर्वेक्षण में बताया गया कि जिन विवाहित महिलाओं ने 15 वर्ष की आयु से शारीरिक हिंसा का अनुभव किया है, उनमें से 83 प्रतिशत ने अपने वर्तमान पतियों को हिंसा के अपराधियों के रूप में रिपोर्ट किया। हालांकि जिन महिलाओं की शादी नहीं हुई है, उनके लिए शारीरिक हिंसा का अनुभव सबसे आम अपराधियों से होता है, जिनमें मां या सौतेली मां (56%), पिता या सौतेले पिता (33%), बहनें या भाई (27%) और शिक्षक (15%) शामिल हैं।