गोदी मीडिया के लकड़बग्घों ने जो ज़हर फैलाया था उसने दिखाया असर, मुस्लिम डिलीवरी बॉय से नहीं लिया सामान
32 साल के डिलीवरी बॉय उस्मान बरकत पटेल 21 अप्रैल की सुबह करीब 9.40 बजे मीरा रोड स्थित सृष्टि कॉप्लेक्स में गये थे सामान की डिलीवरी करने और उन्होंने मास्क और ग्लव्स भी पहन रखा था, बावजूद उसके उनके हाथ से नहीं लिया गया सामान...
जनज्वार। कोरोना वायरस संकट के बीच किराने का सामान मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय से लेने से इनकार करने का एक हैरान करने वाला मामला मुंबई में सामने आया है। जानकारी के मुताबिअक महाराष्ट्र में ठाणे जिले के कशीमिरा इलाके में घर पर किराने का सामान पहुंचाने गए मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय के उस्मान बरकत पटेल के हाथों से सामान लेने से कथित रूप से एक हिंदू परिवार ने मना कर दिया।
इस मामले में पुलिस ने 51 साल के गजानंद चतुर्वेदी नामक शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। गजानंद चतुर्वेदी ने किराने का सामान ऑनलाइन ऑर्डर किया था।
मगर असल सवाल यह है कि मुस्लिमों के खिलाफ आखिर कोरोना संकट के बीच इतनी नफरत बढ़ी क्यों है और कौन है इसके लिए जिम्मेदार। इसका जवाब है मीडिया, मीडिया ने तब्लीगी जमात पर जिस तरह फेक खबरें दिखायी हैं, यह उसी का असर है कि आम जनता के बीच यह बात घर कर गयी है कि मुस्लिम कोरोना फैला रहे हैं। इससे लोगों का कोई लेना देना नहीं है कि इससे संबंधित व्यक्ति की धार्मिक भावनायें कितनी आहत होती हैं और किस तरह समाज में मुस्लिम धर्म को एक गाली की तरह लिया जा रहा है।
इसके अलावा भी जगह-जगह मुस्लिमों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें आ रही हैं। कहीं पर उन्हें सब्जी नहीं बेचने दिया जा रहा है तो कहीं पर फल। सब्जी वालों को तो कई जगह आधार कार्ड देखकर एंट्री दी गयी। मोहल्लों में मुस्लिमों के सामूहिक बहिष्कार की घोषणा करते हुए कहा जा रहा है कि ये कोरोना फैला रहे हैं। मुस्लिमों के कई वीडियोज को हाल का बताकर वाट्सअप और फेसबुक पर प्रसारित किया जा रहा है, जिसे फैलाने में मीडिया की भी बड़ी भूमिका है।
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मुंबई वाली घटना में एक यानी एक मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय से सामान न लेने के मामले में एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि मंगलवार 21 अप्रैल को 51 साल के गजानंद चतुर्वेदी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए (धार्मिक भावना को आहत करने के उद्देश्य से दुर्भावनापूर्ण हरकत करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वहीं वरिष्ठ निरीक्षक संजय हजारे ने कहा कि, सामान पहुंचाने वाले मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय ने दुर्व्यवहार की शिकायत दर्ज कराई है कि मंगलवार 21 अप्रैल की सुबह जब वह कुछ सामान पहुंचाने चतुर्वेदी के घर पहुंचा तब उन्होंने उससे नाम पूछा। जब उसने अपना नाम बताया तो चतुवेर्दी ने कहा कि वह मुसलमान के हाथों कोई सामान नहीं लेंगे। इस मामले में बुधवार 22 अप्रैल को चतुर्वेदी को उनके घर से गिरफ्तार किया गया है और ठाणे के सेशन कोर्ट में पेश किया गया, जिसे बाद में 15 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई।
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घटनामक्रम के मुतातिबक 32 साल के मुस्लिम डिलीवरी बॉय उस्मान बरकत पटेल 21 अप्रैल की सुबह करीब 9.40 बजे मीरा रोड स्थित सृष्टि कॉप्लेक्स सामान की डिलीवरी करने गए थे। इस दौरान उन्होंने मास्क और ग्लव्स भी पहन रखा था। जैसे ही चतुर्वेदी और उनकी पत्नी ने नाम जानने के बाद सामान लेने से इनकार कर दिया, उस्मान ने मोबाइल निकाला और घटना को रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया।
उस्मान ने इस घटना का वीडियो शिकायत के साथ पुलिस को दिया और अफसोस जताया कि इतने डेडिकेडेट होकर काम करने की कीमत उन्हें इस तरह के दुर्व्यवहार से चुकानी पड़ रही है। क्या हमारा मुस्लिम धर्म से होना कोई अपराध है।
चतुर्वेदी ने डिलीवरी बॉय उस्मान से कहा कि वह किसी भी मुस्लिम शख्स से ऑर्डर नहीं लेना चाहते। इसके बाद डिलीवरी बॉय ने कहा कि मैंने आपके फ्लैट तक सामान पहुंचाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डाला और ऐसे संकट के वक्त में आपको लोगों के बारे में सोचना चाहिए तो आप धर्म के बारे में सोच रहे हैं? यह सच में हैरान और दुखी करने वाला है।