क्या कश्मीर में सच में इंटरनेट-एसएमएस सेवा को बहाल कर दिया गया है?
अनुच्छेद 370 हटने के पांच महीने बाद भी इंटरनेट सेवाएं नहीं हुई बहाल, सरकार ने किया एसएमएस सेवा बहाल करने का दावा लेकिन जमीनी हकीकत कुछ...
श्रीनगर से फैजान मीर
जनज्वार। साल 2020 के दस्तक देने के साथ ही कश्मीर में इंटनरेट पर पाबंदी के 150 दिन पूरे हो गये हैं। यह आधुनिक दुनिया के किसी लोकतांत्रिक देश के द्वारा लगाया गयी सबसे लंबी इंटरनेट नाकाबंदी है। इंटरनेट पर पाबंदी अब भी जारी है। सरकार ने हाल ही में दावा किया कि एसएमएस सेवा को रिस्टोर कर लिया गया है लेकिन जमीन पर यह भी सच्चाई साबित होती नहीं दिखाई दे रही हैं।
संबंधित खबर : खामोशी और जख्मों के परे : कश्मीर जो ना भुला पाएगा और ना माफ कर पाएगा
हालांकि कुछ इलाकों में संचार के चैनलों को काफी हद तक बहाल कर दिया गया है और पाबंदियों को कम कर दिया गया है। लेकिन डिजिटलीकरण होने के बाद जिस इंटरनेट की जीवन के हर क्षेत्र में प्राथमिक आवश्यकता है उसे बहाल नहीं किया गया है।
एक्सेस नाउ के एशिया पेसिफिक पॉलिसी डायरेक्टर रमन जीत सिंह चीमा ने कहा कि यह किसी लोकतंत्र में अभूतपूर्व है कि इतने लंबे समय तक और इतनी बड़ी आबादी के लिए इंटरनेट की पहुंच को रोक लिया गया।
संबंधित खबर : कश्मीर में करीब 200 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों के पास खबर भेजने के लिए सिर्फ एक मीडिया सेंटर
कश्मीर में इंटरनेट इतने लंबे समय से बंद है कि व्हट्सएप्प ने निष्क्रियता के चलते अपने यूजर्स के अकाउंट्स को हटा दिया है। हालांकि इस बीच एडिटर्स बॉडी एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने घाटी में बिना किसी देरी के इंटनेट सेवाओं की बहाली की मांग की है।
एक यूजर्स ने जनज्वार से बातचीत में कहा, एसएमएस सर्विस किस काम की है। प्रीपेड मोबाइल अभी तक बंद हैं। पहले वह तो बहाल करो। एसएमएस तब आएंगे ना जब प्रीपैड मोबाइल नंबर एक्टिवेट होंगे। सरकार ऐसे कह रही है कि जैसे उन्होंने कश्मीरियों पर बहुत बड़ा एहसान कर लिया हो। ये बस बहानेबाजी हैं, तीन चार महीने से कह रहे हैं कि हालात सामान्य होंगे।
एक अन्य कश्मीरी युवक ने कहा, इंटरनेट के बगैर आजकल होता कुछ नहीं है। इंटरनेट जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। अगर जमीन पर हालात सामान्य है और प्रशासन भी कह रहा है कि हालात समान्य है। अगर हालात अगर सामान्य है तो इंटरनेट अभी तक बहाल क्यों नहीं किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि इंटरनेट पाबंदी की वजह जनता परेशान है, बिजनेस वालों को भी काफी भुगतना पड़ रहा है। ऑनलाइन बिजनेस से रोजी रोटी कमाने वाले इन दिनों खाली बैठे हैं। उनके पास कोई रोजगार नहीं बचा है।