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औद्योगिक सुरक्षा बलों को नियमित नहीं करेगी हरियाणा की भाजपा सरकार

Nirmal kant
26 Feb 2020 3:47 PM GMT
औद्योगिक सुरक्षा बलों को नियमित नहीं करेगी हरियाणा की भाजपा सरकार
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2004 में इनेलो सरकार ने हरियाणा औद्योगिक सुरक्षा बल का गठन कर प्रदेश में पांच बटालियन बनाई थी। इसमें साढ़े तीन हजार सिपाही, 429 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों सहित चार हजार जवानों की नियमित भर्ती की गई। इन्हें प्रशिक्षण के बाद ज्वाइनिंग मिल चुकी थी...

जनज्वार ब्यूरो। हरियाणा में औद्योगिक सुरक्षा बलों के जवानों को सरकार नियमित नहीं करगी। सीएम मनोहर लाल ने बताया कि इस भर्ती पर जो आपत्ति थी, वह आज भी है। इसलिए इन्हें नियमित नहीं किया जा सकता। विधानसभा में यह मामला कांग्रेस की विधायक किरण चौधरी ने उठाया था। उन्होंने सवाल किया कि सरकार इस दिशा में क्या कर रही है? इसके जवाब में सीएम ने यह बयान दिया। सीएम ने बताया कि उन्हें अस्थायी नौकरी दी गयी है।

क्या है यह मामला

2004 में इनेलो सरकार ने हरियाणा औद्योगिक सुरक्षा बल का गठन कर प्रदेश में पांच बटालियन बनाई थी। इसमें साढ़े तीन हजार सिपाही, 429 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों सहित चार हजार जवानों की नियमित भर्ती की गई। इन्हें प्रशिक्षण के बाद ज्वाइनिंग मिल चुकी थी।

कांग्रेस सरकार में नौकरी से निकाल दिया था

2005 में कांग्रेस सरकार बनते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री हुड्डा ने हरियाणा औद्योगिक सुरक्षा बल कानून खत्म कर इन्हें नौकरी से निकाल दिया। बर्खास्त जवान तब से लेकर अभी तक आंदोलन कर रहे हैं। चुनाव से पहले भाजपा ने इन बर्खास्त जवानों को नौकरी पर वापस लेने का भरोसा दिया था। लेकिन अभी तक इस वायदे को सरकार ने पूरा नहीं किया।

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तब से लेकर अभी तक नौकरी की मांग कर रहे जवान

नौकरी से निकाले जाने के बाद से ही अपनी बहाली के लिए जवान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहन है कि सभी मापदंड पूरे कर वह भर्ती हुए थे। उन्होंने पुलिस का प्रशिक्षण भी लिया था। इसके बाद भी उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। उनकी मांग है कि अब यदि सरकार उन्हें औद्योगिक बल में नियमित नहीं कर सकती तो कम से कम पुलिस में ही भर्ती कर लें। जिससे वह रोजी रोटी कमाने लायक तो बने रह सके।

तो नौकरी के लिए ओवरएज भी हो गए

वानों ने बताया कि नौकरी की उम्मीद में उनके कई साथी तो ओवरएज हो गए हैं। अब उन्हें कहां नौकरी मिलेगी। उन्होंने बताया कि हर बार चुनाव में उन्हें लगता है कि इस बार उनकी मांग को मान लिया जाएगा। लेकिन चुनाव होते ही पांच साल तक इसी तरह से निकल जाते हैं। उन्होंने बताया कि सारे मापदंड पूरे कर नौकरी ली थी। लेकिन उन्हें गलत तरीके से नौकरी से निकाला गया है। अब उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

कांग्रेस का तर्क भर्ती गलत थी

कांग्रेस की ओर से दावा किया कि इनेलो सरकार में औद्योगिक सुरक्षा बल बनाया गया,वह सही नहीं था। इसमें कई अनियमितता थी। इसलिए कोर्ट के आदेश के बाद ही यह कदम उठाया गया था। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि लेकिन उन्हें पुलिस में समायोजित किया जा सकता है। इस तरह का वायदा भाजपा ने किया भी था।

हरियाणा में हर दल का राजनीति मुद्दा रहा बल

भाजपा हर बार चुनाव में उन्हें नियमित करने का वायदा करती है, लेकिन सरकार बनने के बाद यह वायदा पूरा नहीं किया जाता। इंडियन नेशनल लोकदल भी समय समय पर इस मामले को उठाती रही है। जवानों ने बताया कि ऐसा लगता है कि उनके नाम पर राजनीति तो खूब हो रही है, लेकिन उनके हालात से किसी को लेना-देना नहीं है।

चाहते हैं सरकार जवानों के बारे में ठोस निर्णय लें: किरण चौधरी

कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने कहा कि हम चाहते हैं कि भाजपा सरकार इस बारे में ठोस निर्णय लें क्योंकि जवानों के कल्याण के लिए कोई नीति तो सरकार को ही बनानी है। उन्होंने बताया कि मैंने कई बार सदन में यह मामला उठाया है, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिलता है। होना तो यह चाहिए कि सरकार इमानदारी से इनके कल्याण के लिए काम करें। इन्हें पुलिस में भी भर्ती किया जा सकता है। कम से कम यह पक्की नौकरी के हकदार तो हैं।

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पुलिस में भर्ती करें सरकार : अभय चौटाला

नेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि सरकार नीति बना कर हटाए गए जवानों को पुलिस में भर्ती कर सकती है। उन्होंने पुलिस का प्रशिक्षण भी ले रखा है। इस तरह से इन्हें पुलिस में शामिल किया जा सकता है। लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा की नीति ही नहीं है कि वह जवानों को नौकरी दें। चौटाला ने कहा कि जवानों के साथ राजनीति हो रही है। जो किसी भी मायने में सही नहीं मानी जा सकती।

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