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CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं एक बुजुर्ग महिला की मौत, शाहीन बाग की तर्ज पर कोलकाता में 60 महिलाएं कर रहीं आंदोलन

Nirmal kant
2 Feb 2020 5:35 PM IST
CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं एक बुजुर्ग महिला की मौत, शाहीन बाग की तर्ज पर कोलकाता में 60 महिलाएं कर रहीं आंदोलन
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कोलकाता के पार्क सर्कल मैदान में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बिगड़ी बुजुर्ग महिला की तबियत, अस्पताल में मौत, 60 महिलाएं कर रहीं हैं प्रदर्शन...

जनज्वार। नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान में प्रदर्शन में शामिल एक बुजुर्ग महिला की बीमार होने से मौत हो गई। प्रदर्शन के अगले दिन 57 वर्षीय महिला सुबह लगभग 2 बजे बेहोश हो गई और जिसके बाद उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।

दिल्ली में शाहीन बाग आंदोलन की तर्ज पर पार्क सर्कस मैदान में लगभग 60 महिलाएं नागरिकता संशोधन अधिनियम और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इसे कोलकाता का शाहीनबाग कहा जा रहा है।

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क महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार तभी किया जाएगा जब उनका बेटा ईरान से यहां पहुंचेगा। बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग में करीब दो महीने से महिलाएं सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ धरने पर बैठी हुई हैं।

ही दिल्ली के जामिया और शाहीन बाग में दो युवकों की ओर से प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग के बाद एक बार फिर से सीएए विरोधी आंदोलन चर्चाओं में हैं।

ससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए प्रदर्शनकारियों के नुमाइंदों की ओर से 'सकारात्मक निवेदन' आना चाहिए। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार उनसे संवाद करने के लिए तैया है और उन नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सभी संदेहों को दूर करेगी।

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इंडिया टीवी को दिए एक इंटरव्यू के दौरान रविशंकर प्रसाद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर आप विरोध कर रहे हैं तो ये अच्छी बात है। आपने विरोध किया। आपने एक दिन विरोध किया, 10 दिन किया, 25 दिन किया, 40 दिन किया लेकिन आपकी जमात के बाक़ी लोगों का हम जो टीवी पर स्वर सुनते हैं, वो कहते हैं कि जब तक सीएए वापस नहीं होगा, हम बात नहीं करेंगे।

प्रसाद ने आगे कहा कि अगर लोग चाहते हैं कि सरकार का नुमाइंदा बात करे तो वहां से सकारात्मक रिक्वेस्ट आनी चाहिए कि हम सब लोग बातचीत के लिए तैयार हैं। कोई उनसे बात करने के लिए गया और उससे बदसलूकी की गई तो… आईए बात करने के लिए… अगर आप कहेंगे कि वहीं आकर बात की जाए तो वहां से कैसे बातचीत होगी।

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