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शिक्षा

प्रेम न करने की शपथ दिलाने वाले महाराष्ट्र के प्रोफेसर ने लड़कियों से मांगी मांफी

Vikash Rana
15 Feb 2020 8:39 AM GMT
प्रेम न करने की शपथ दिलाने वाले महाराष्ट्र के प्रोफेसर ने लड़कियों से मांगी मांफी
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मीडिया में प्यार विवाह जैसी हेडलाइन लिए जाने के बाद इस पूरे मामले को गलत तरीके से पेश किया गया है। संस्थान की तरफ से ऐसा कोई काम नहीं किया गया है। अगर फिर भी छात्राओं और उनके माता-पिता या किसी को क्षति पहुंची है तो हम माफी मांगते है...

जनज्वार। महाराष्ट्र के अमरावती जिले के महिला आर्ट कॉमर्स कॉलेज की लगभग 40 छात्राओं को गुरुवार को वेलेंटाइन डे के दिन लव मैरिज ना करने की शपथ दिलाई गई है। महिला आर्ट एंड कॉमर्स की सभी छात्राओं को मराठी में यह शपथ दिलाई गई है। कॉलेज प्रशासन के द्वारा छात्राओं को किसी से प्यार ना करने ना किसी से अफेयर करने और ना ही लव मैरिज करने और दहेज मांगने वाले से शादी नहीं करने की शपथ दिलाई गई है।

ह शपथ राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा लगाए गए शिविर में ली गई। ये कॉलेज एक शैक्षिक संगठन है जिसे विदर्भ यूथ वेलफेयर सोसाइटी के द्वारा चलाया जाता है। जिसकी स्थापना कांग्रेस नेता और पूर्व राज्य शिक्षा मंत्री स्वर्गीय राम मेघे के द्वारा कराई गई थी। कॉलेज में स्नातक और स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई कराई जाती है।

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मामले पर महिला आर्ट एंड कॉमर्स में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ प्रदीप ने जनज्वार को बताया कि हमनें अपने कॉलेज की छात्राओं को शपथ दिलाने का सिर्फ ये ही उद्देश्य जो था वो ये कि जो नाबलिग लड़किया है जो प्रेम करने में समर्थ नहीं है। जो झांसे में आ जाती है। जिसके बाद वह गलत राह में चली जाती है।

कॉलेज प्रशासन के द्वारा छात्राओं को शपथ दिलाने का उद्देश्य छात्राओं की पढ़ाई और भविष्य में कुछ अच्छा करने के लिए दिलाया गया था। कई नाबालिग लड़किया जो प्रेम करने में समर्थ नहीं और किसी कारण झांसे में आ जाती है जिसके बाद वह गलत राह में चल पड़ती है। ये लड़किया किसी तरह से गलत राह पर ना निकल जाए इसलिए छात्राओं की सहमति से ये शपथ दिलाई गई थी। इस शपथ में छात्राओं के साथ विचार विमर्श करके ही उनसे शपथ दिलाई गई थी।

डॉ प्रदीप आगे बताते है कि शपथ दिलाने से पहले हम लोगों ने छात्राओं के साथ विचार विर्मश किया था। जिसके बाद हमनें छात्राओं को प्यार की जगह अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। अगर विवाह की बात है तो इममें संस्थान को क्या लेना देना है। सभी छात्राओं के माता- पिता है। विवाह जैसे फैसले लेने का हक उनके मां-बाप को ना कि संस्थान को।

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न्य जगहों पर छपी खबरों को लेकर पवन कहते है कि मीडिया में प्यार विवाह जैसी हेडलाइन लिए जाने के बाद इस पूरे मामले को गलत तरीके से पेश किया गया है। संस्थान की तरफ से ऐसा कोई काम नहीं किया गया है। अगर फिर भी छात्राओं और उनके माता-पिता या किसी को क्षति पहुंची है तो हम माफी मांगते है। इसके अलावा संस्थान कि तरफ से भी प्रेस विज्ञापन निकाल कर माफी मांगी गई है।

हीं घटना पर महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि छात्राओं ने जो शपथ ली होगी वह किसी के लिए बाध्यकारी नहीं है। कॉलेज ने वर्धा जैसे मामलों से सचेत करने के लिए छात्राओं को शपथ दिलवाई होगी।

क्या है वर्धा की घटना?

हाराष्ट्र के वर्धा जिले में 3 फरवीरो को एकतरफा प्यार में जिंदा जलाए जाने का मामला सामने आया था। हिंगणघाट में 3 फरवरी को एक सिरफिरे ने शादी से इंकार किए जाने के बाद लड़की को पेट्रोल डालकर सरेआम जिंदा जला दिया था। इस घटना में 25 वर्षीय अंकित पिसुदे गंभीर रुप से झुलस गई थी। जिसके 8 दिन बाद महिला सुबह 6.55 बजे लड़की की मौत हो गई थी। मौत का संभावित कारण सेप्टिकामिक अटैक बताया गया था।

टना के बाद ही अंकिता का शरीर 40 प्रतिशत जल चुका था। साथ ही उसकी आंखों की रोशनी भी चली गई थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी विकेश नागराले को गिरफ्तार किया था। घटना के बाद सीएम उध्दव ठाकरे ने पीड़ित का इलाज मुख्यमंत्री राहत कोष से करवाने की घोषणा की थी। घटना से कई नाराज लोगों ने नागपुर-हैदराबाद ओल्ड हाइवे पर जाम लगा दिया था। लोग आरोपी को फांसी देने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी कर रहे थे।

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