Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

मजदूरों की मौत पर राहुल गांधी बोले, अपने राष्ट्र निर्माताओं के साथ किए जा रहे व्यवहार पर हमें शर्म आनी चाहिए

Manish Kumar
8 May 2020 5:15 AM GMT
मजदूरों की मौत पर राहुल गांधी बोले, अपने राष्ट्र निर्माताओं के साथ किए जा रहे व्यवहार पर हमें शर्म आनी चाहिए
x

शुक्रवार तड़के महाराष्ट्र के औरंगाबाद मे मालगाड़ी से कुचलकर 16 मजदूरों की मौत हो गई. ये सभी मजदूर अपने घर जा रहे थे और थककर पटरी पर ही सो गए थे...

नई दिल्ली, जनज्वारः कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 16 मजदूरों के मालगाड़ी से कटकर मौत दुख प्रकट किया है. बता दें शुक्रवार तड़के महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पास यह दर्दनाक हादसा हुआ है.

हादसे पर ट्वीट करते हुए राहुल ने कहा, 'मालगाड़ी से कुचले जाने से मजदूर भाई-बहनों के मारे जाने की ख़बर से स्तब्ध हूं। हमें अपने राष्ट्र निर्माणकर्ताओं के साथ किये जा रहे व्यवहार पर शर्म आनी चाहिए। मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।'



?s=20

बता दें हादसे में जिन मजदूरों की मौत हुई है वे सभी अपने घर जा रहे थे. अपने गांव के लिए निकले यह मजदूर थककर पटरी पर ही सो गए थे.

औरंगाबाद के एसपी मोक्षदा पाटिल ने कहा, ‘सुबह 5:15 बजे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, एक मालगाड़ी गुजर रही थी उसके नीचे मजदूर आ गए। इसमें 16 मजदूरों की मौत हो गई। एक घायल है, 4 लोग जो दूर बैठे थे उनसे हम पूछताछ कर रहे हैं’

यह भी पढ़ें- अपने घर लौट रहे 16 मजदूरों की मालगाड़ी से कटकर मौत, थककर सो रहे थे पटरी पर

पाटिल ने बताया, ‘जो आदमी बचा है उसने बताया है कि ये लोग जालना से निकले थे और भूसावल जाना चाहते थे, जहां से वो ट्रेन पकड़ना चाहते थे। ये पैदल जा रहे थे, पटरी पर वो आराम करने के लिए लेटे ​थे, उनको नींद आ गई और ये हादसा हो गया’

हादसे पर रेलवे ने बयान जारी कर कहा, ‘सुबह तड़के ट्रैक पर कुछ मजदूरों को देखकर लोको पायलट ने ट्रेन रोकने की कोशिश की लेकिन आखिरकार ट्रेन मजदूरों से टकरा ही गई. टना बदनारपुर और करमाड स्टेशन के बीच परभानी-मनमाड़ सेक्शन की है। घायलों को औरंगाबाद सिविल अस्पताल ले जाया गया है। जांच के आदेश दिए गए हैं।”

देशव्यापी लॉकडाउन के चलते अंतरराज्यीय बस सेवा, यात्री, मेल और एक्सप्रेस ट्रेन सेवाओं को 24 मार्च से निलंबित किया हुआ है। ऐसे में कई अन्य शहरों में फंसे हजारों प्रवासी श्रमिकों ने अपने पैतृक स्थानों पर लौटने के लिए पैदल ही यात्रा शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि रेलवे ने 1 मई से फंसे हुए प्रवासियों को उनके मूल स्थानों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाना शुरू किया है। अब तक रेलवे 201 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला चुका है।

बता दें पिछले दिनों अपने घर पहुंचने की कोशिश में लगे मजदूरों के साथ हुए हादसे कई मामले सामने आए थे. उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक राशन लदे ट्रक पर सवार होकर अपने घर जा रहे दो मजदूरों की मौत हो गई। दोनों मजदूर वाराणसी से झारखंड जा रहे थे। वाराणसी से निकले मजदूर बिहार के भोजपुर जिले में कोइलवर पुल पर बने बैरियर से टकरा गए, जिससे उनकी मौत हो गई। जबकि दो अन्य श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए।

वहीं उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में सोमवार (4 मई) की देर रात दर्दनाक हादसा हो गया। यहां ट्रक और टेंपो की टक्कर में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए हैं। हादसे में मरने वाले सभी प्रवासी श्रमिक थे, जो अपने घर जा रहे थे।

Next Story

विविध