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एफडीआई पर मोदी का यह भाषण सुन आप तोते की तरह बोल पड़ेंगे, ऐसा धोखेबाज प्रधानमंत्री देखा पहली बार
दिल्ली, जनज्वार। खुदरा व्यापार में पहले 100 फीसदी एफडीआई लागू किया, उससे भी जी न भरा तो आॅटोमैटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी 10 जनवरी को मोदी सरकार ने दे दी। तर्क वही, जिसको देश के लिए धोखा और विदेशी कंपनियों के लिए मुनाफा की पोटली बोलकर मोदी सत्ता में बैठे कि निवेश बढ़ेगा तो देश बढ़ेगा।
पर देश सच जानता है। सच मोदी भी जानते हैं पर वह इस समय सच के मुनाफे वाली साइड में खड़े हैं, देश के गद्दारों में शामिल हैं। एफडीआई पर यह बोल किसी और का नहीं बल्कि मोदी खुद मानते और कहते रहे हैं। यही बोलकर और देश की आंखे खोलकर वह देश की सत्ता पर 2014 में काबिज हुए पर अब वह मुकर गए हैं।
यही वजह है कि उनका भाषण सुन लोग उन्हें हजारों गालियां दे रहे हैं और धोखेबाज व लफ्फाज पीएम बता रहे हैं। नीचे लगा वीडियो जब आप देखेंगे तो खुद ही साफ हो जाएगा कि 100 फीसदी एफडीआई के बारे में मोदी खुद 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले क्या कहते थे, कैसे वह सौ फीसदी एफडीआई को खुदरा और देश के व्यापारियों के साथ धोखा मानते थे।
और मोदी ने खुद इस वीडियो में कहा है कि उस सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं जो देश को अपने फायदे के लिए बेच खाए या 100 फीसदी एफडीआई लागू करे!
ऐसे में सवाल यह है कि मनमोहन सिंह की 49 फीसदी एफडीआई की योजना को देश के साथ धोखा और विदेशी कंपनियों के लिए इस नीति को चोखा बताने वाले मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी को सत्ता में बने रहने का क्या हक है?
यह सवाल उनसे कोई और नहीं बल्कि उनका ही एफडीआई पर पुराना दिया बयान पूछ रहा है, क्योंकि वह खुद वीडियो में बोल रहे हैं कि इस नीति के कारण देश के लाखों मजदूर—किसान—गरीब बर्बाद हो जाएंगे, व्यापारी तबाह हो जाएंगे।
देखें प्रधानमंत्री एफडीआई पर क्या कहते हैं :