फीस बढ़ोत्तरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे पतंजलि कॉलेज के छात्रों को बालकृष्ण ने धमकाया-पिटवाया, कहा तुमसे मैं सवा 3 लाख रुपये वसूलूंगा कोर्ट के जरिए
पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज में फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ प्रदर्शन करने पर सुरक्षाकर्मियों ने की छात्रों की पिटाई, पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण और पीड़ित छात्रों के वीडियो हुए वायरल, वीडियो में छात्रों को धमकाते दिख रहे बालकृष्ण...
जनज्वार, हरिद्वार। उत्तराखंड के पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज में सोमवार 25 नवंबर को बीएएमएस के छात्रों ने फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्र जब पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण से मिलने जा रहे तो सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की। इस घटना को जिन मोबाइल फोन के कैमरों में कैद किया गया तो उन्हें डिलीट करवा दिया गया। हालांकि पुलिस इस घटना से अपना पल्ला झाड़ती हुई नजर आ रही है। बहादराबाद पुलिस स्टेशन में तैनात एसआई अशोक रावत कहते हैं कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है।
बता दें कि फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ दिल्ली के जेएनयू से प्रदर्शन शुरु हुए थे लेकिन अब देश के कई विश्वविद्यालयों में फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी कड़ी में हरिद्वार स्थित पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज में भी प्रदर्शन हुआ।
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पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज में बीएएमएस के छात्रों ने बढ़ी हुई फीस वापस लेने की मांग कर रहे थे। छात्र इसी कारण पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण से मिलना चाह रहे थे लेकिन वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों की पिटाई शुरु कर दी। इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
इसके बाद सुरक्षार्मियों में से किसी ने बहादराबाद पुलिस को मौके पर खबर कर दी, फिर बहादराबाद के एसआई अशोक रावत 4.30 बजे पहुंच गये और छात्रों को शांत कराने की कोशिश करने लगे लेकिन लगातार नारेबाजी करते हुये छात्र बालकृष्ण से मिलने की बात कर रहे थे।
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हालांकि छात्रों के गुस्से को बढ़ता देख आचार्य बालकृष्ण ने छात्रों को बातचीत के लिए अपने कार्यालय में बुलाया लेकिन अंदर जाते समय सभी छात्रों से मोबाइल फोन सुरक्षाकर्मियों ने जब्त कर लिए गए। फिर भी कुछ छात्र चोरी छिपे फोन अंदर ले जाने में कामयाब हो गए। बालकृष्ण से बातचीत के समय वीडियो बनाने लगे। छात्रों का आरोप है कि सुरक्षाकर्मियों ने उनका फोन लेकर वीडियो को डिलीट कर दिया। वहां पर उनके साथ धक्का मुक्की की गई।
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पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज की पूरी घटना को एसआई अशोक रावत ने जनज्वार से बातचीत में कहा, 'आचार्य बालकृष्ण जी से मिलने के लिये छात्र प्रर्दशन कर रहे थे, लेकिन धीरे-धीरे हंगामा बढ़ता गया। हंगामे को बढ़ते देख किसी अपरचीत व्यक्ति ने मुझे 4.20 के आसपास फोन किया। मैं 4.30 बजे तक पहुंच गया, फिर छात्रों को समझा बुझाकर शांत कराने की कोशिश की, लेकिन उस समय छात्र-छात्राएं जिद्द पर अड़ गये कि उन्हें आचार्य बालकृष्ण जी से मिलना ही है।'
एसएआई अशोक रावत ने बताया, 'छात्राओं को आचार्य बालकृष्ण से 8 बजे के आस-पास मिलाया गया। अंदर जाते समय लड़कियों को पहले भेजा गया। आचार्य बालकृष्ण जी की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सुरक्षाकर्मियों ने सभी छात्र-छात्राओं के मोबाइल फोन जमा करा लिए। उन्हें डर था कहीं छात्र कुछ और लोगों को ना बुला लें जिससे हंगामा और भी बढ़ सकता था लेकिन मना करने के बाद भी कुछ छात्र चोरी चुपे फोन को अंदर ले कर गये। आचार्य बालकृष्ण के सुरक्षाकर्मियों ने फोन को जमा करा लिया। करीब 9.30 मामला शांत हुआ तो सभी छात्राओं को उनका फोन दे दिया गया।
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एक वीडियो में छात्र कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, '22 नवंबर को राज्य सरकार की ओर से एक शासनादेश आया था, उसी शासनादेश लेकर हम आचार्य बालकृष्ण के पास आए थे कि क्या यह मान्य है या नहीं है। हाईकोर्ट का भी आदेश और राज्य सरकार का भी आदेश है, इसी को लेकर बातचीत चल रही थी। आचार्य जी बातचीत में ही गुस्सा हो गए और एक बच्चे को स्वयं आचार्य जी ने खुद मारा है।'
एक वायरल वीडियो में फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ प्रदर्शन के बाद आचार्य बालकृष्ण छात्रों को डांटते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में बालकृष्ण छात्रों को धमकाते हुए कह रहे हैं, 'ये दोस्ती जिंदगीभर नहीं चलेगी। तुम्हारे मां-बाप ने यहां नेतागिरी करने के लिए नहीं भेजा है। मैं सबके मां-बाप को कॉल करने वाला हूं, सबको घर भेज दूंगा और नाम काट दूंगा कॉलेज से सबके.. फिर तुम्हारा जो होगा तुम जानो फिर उसके लिए संघर्ष करना कि हमारे नाम काट दिए हैं और घर भेज दिया है। ये मैं बता दे रहा हूं।'
वीडियो में आगे वह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, 'मेरे तो बहुत सारे स्कूल चल रहे हैं। भई, किस चीज की डिमांड है..तुमसे मैने कुछ खाया..तुम हमारे कर्जदार हो...तुमने नमक खा रखा है पतंजलि का..तुम्हारे ऊपर मेरा अभी करीबन-करीबन एक लाख रुपए अतिरिक्त खर्चा है एक एक बच्चे पर, इतने कर्जदार हो तुम..नमक हराम बने फिर रहे हो...तुमको तो कृतज्ञ होना चाहिए कि तुमको पतंजलि में मौका मिला..पतंजलि अपने पॉकेट से पैसा लगाकर तुमको पढ़ाता है..अपनी बापू की संपत्ति से नहीं पढ़ रहे हो तुम..शर्म नहीं आती बेशर्म कहीं के...'
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बालकृष्ण आगे कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, 'यदि आपको कोर्ट में जाना है, कोर्ट का निर्णय कोर्ट से होगा..हम फाइट करेगा..हमको कतई परेशानी नहीं है..तो भी चुपचाप पढ़ाई करनी है पढ़ाई करो.. आप अपना इतिहास खराब करना चाहते हो तो करो.. मैं तो उल्टा केस करने वाला हूं, मेरा तो सवा तीन लाख रुपए खर्च आ रहा है प्रत्येक छात्र पर..तो तुम क्या सोचते हो कि तुम्हारी विजय होने वाली है..मैं सवा तीन लाख रुपये की फीस तुमसे लेने वाला हूं..ये मैं तुम्हारी जानकारी में बता रहा हूं..तुम राजी मत होना कि कोर्ट ने ये लिख कर दे दिया वहां से ये ऑर्डर हो गया..तुमसे मैं सवा तीन लाख रुपये लेने वाला हूं वो भी कोर्ट के थ्रू..और तुम दोगे.. नहीं दोगे तो तुमको डिग्री नहीं मिलेगी..'
जबकि एक अन्य वीडियो में छात्र कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि 22 नवंबर को राज्य सरकार की ओर से एक शासनादेश आया था, उसी शासनादेश लेकर हम आचार्य बालकृष्ण के पास आए थे कि क्या यह मान्य है या नहीं है। हाईकोर्ट का भी आदेश और राज्य सरकार का भी आदेश है, इसी को लेकर बातचीत चल रही थी। आचार्य जी बातचीत में ही गुस्सा हो गए और एक बच्चे को स्वयं आचार्य जी ने खुद मारा है।